
आत्मनिर्भर भारत के तहत देश की सैन्य ताकत लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही है. अब स्वदेशी मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर पिनाका का नया संस्करण यानी पिनाका एक्सटेंडेड रेंज (ER) तैयार है. इसकी रेंज 75 किलोमीटर से भी आगे तक बढ़ा दी गई है। इसका यूज़र ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है, और अब यह जल्द ही सेना की आर्टिलरी यूनिट्स में शामिल किया जाएगा. इसकी रेंज अब दोगुनी हो चुकी है.
गेम चेंजर: गाइडेड पिनाका
पिनाका एक्सटेंडेड रेंज अब एक गाइडेड रॉकेट सिस्टम में बदल चुका है, जो GPS और INS (इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम) से लैस है। यानी एक बार टारगेट फीड करने के बाद यह रॉकेट सटीकता से 25 मीटर के दायरे में हमला करता है. अगर ट्रैजेक्टरी में कोई बदलाव होता है, तो GPS और INS के जरिए ऑनबोर्ड कंप्यूटर रॉकेट को सही मार्ग पर वापस ले आता है। INS की मौजूदगी यह सुनिश्चित करती है कि GPS जाम होने की स्थिति में भी मिशन सफल रहे.
आतिशी ताकत: मिनटों में तबाही
एक पिनाका बैटरी में 6 लॉन्चर होते हैं और हर लॉन्चर में 12 ट्यूब — यानी एक साथ 72 रॉकेट दागे जा सकते हैं। ये सभी रॉकेट सिर्फ 44 सेकंड में दागे जा सकते हैं, और फायरिंग के तुरंत बाद लॉन्चर अपनी लोकेशन बदल लेते हैं, जिससे दुश्मन के जवाबी हमले का खतरा लगभग खत्म हो जाता है. सेना में पहले से तैनात पारंपरिक पिनाका बैटरियों की मारक सीमा 37 किमी थी। लेकिन अब एक्सटेंडेड रेंज के साथ यह 75 किमी से अधिक तक तबाही मचा सकता है। इसकी पूरी बैटरी एक साथ दागे जाने पर 1,000 x 800 मीटर क्षेत्र को पूरी तरह नष्ट कर सकती है.
पाक घबराया, अब चीन की बारी
भारत की बढ़ती सैन्य ताकत से पाकिस्तान पहले ही परेशान है और अब चीन को भी इसका जवाब मिलने वाला है। सेना के पास वर्तमान में पिनाका की 4 रेजिमेंट हैं, जिन्हें बढ़ाकर 10 रेजिमेंट किया जा रहा है. नई रेजिमेंट बनाने के बजाय मौजूदा 120 mm लाइट मोर्टार रेजिमेंट्स को ही पिनाका रेजिमेंट्स में बदला जा रहा है। दो रेजिमेंट्स पहले ही बदल दी गई हैं, और इस साल दो और बदली जाएंगी। अगले दो वर्षों में कुल 10 पिनाका रेजिमेंट्स सेना के पास होंगी. ये गोला-बारूद सिस्टम की घातकता और उपयोगिता दोनों को कई गुना बढ़ा देते हैं
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