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सैन्य अधिकारी पर भीड़ पर गाड़ी चढ़ाने का आरोप, सेना ने वीडियो को बताया भ्रामक

भारतीय सेना ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें सेना के अधिकारी द्वारा नागपुर में भीड़ पर गाड़ी चढ़ा देने का वादा किया गया था. सेना का कहना है कि यह विवाद पार्किंग को लेकर था और इस दौरान सेना के जवान के साथ मारपीट की गई.

सैन्य अधिकारी पर भीड़ पर गाड़ी चढ़ाने का आरोप, सेना ने वीडियो को बताया भ्रामक
नई दिल्ली:

भारतीय सेना ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें सेना के एक अधिकारी द्वारा नागपुर में कार से करीब 30 लोगों को कुचलने का दावा किया गया था. इन खबरों ने सेना के अधिकारी को नशे में बताते हुए दावा किया गया था कि लोगों ने उसकी पिटाई कर दी. सेना ने कहा कि जांच में यह खबर गलत साबित हुई है. सेना का कहना है कि यह घटना पार्किंग विवाद को लेकर हुई थी. इस दौरान कुछ लोगों ने सेना के एक हवलदार के साथ मारपीट की थी. 

क्या कहना है सेना का

सोमवार को सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि तीन अगस्त की शाम साढ़े छह बजे नागपुर के नागरधन में हुई घटना की सूचना मिली. इसमें भारतीय सेना के एक जवान, जो कथित तौर पर शराब के नशे में था, उसने अपनी गाड़ी भीड़ में घुसा दी. इससे 25-30 लोग घायल हो गए. इसके बाद स्थानीय लोगों ने सैनिक से मारपीट की. खबरों में कहा गया था कि पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.सेना ने कहा कि इस मामले की जांच की गई. 

सेना ने अपनी जांच के हवाले से कहा है कि नागपुर के रामटेक के निवासी हवलदार हर्ष पाल महादेव वाघमारे,पूर्वोत्तर में तैनात हैं. वो छुट्टी पर आए थे. घटना वाले दिन के शाम करीब साढ़े छह बजे एक रिश्तेदार के घर से लौटते समय, उनका कुछ स्थानीय लोगों से पार्किंग को लेकर मामूली विवाद हुआ. इस दौरान चार व्यक्तियों ने उनका पीछा किया. उपद्रवियों से बचने के प्रयास में उनकी गाड़ी एक पेड़ से टकरा गई. इसके बाद उनको गाड़ी से निकालकर चार लोगों ने उन पर हमला कर दिया और उनकी गाड़ी में तोड़फोड़ कर उसे नाले में फेंक दिया. इस घटना में कोई भी नागरिक घायल नहीं हुआ है.

सेना के मुताबिक हवलदार हर्ष पाल महादेव वाघमारे ने सोमवार को रामटेक पुलिस थाने में चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. सेना का कहना है कि इसकी पुष्टि रामटेक पुलिस ने भी की है. सेना हवलदार वाघमारे को सभी जरूरी सहायता उपलब्ध करा रही है. 

 सेना का कहना है कि यह मामला घटनाओं की सनसनीखेज रिपोर्टिंग से पैदा होने वाले खतरों की तरफ इशारा करता है. उसका कहना है कि यह घटना भारतीय सेना की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास भी हो सकती है. सेना ने मीडिया से तथ्यों की जांच-पड़ताल के बाद ही रिपोर्ट करने की अपील की है. 

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