प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
ब्रेड खाने से कैंसर हो सकता है। सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें दावा किया गया है कि उसे टेस्ट में ब्रेड के सैंपलों में ऐसे कैमिकल मिले हैं, जो कैंसर की वजह हो सकते हैं। रिपोर्ट के आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं FSSAI ने कहा है कि वह ऐसे कैमिकल के इस्तेमाल पर रोक लगाएगी।
नड्डा ने कहा कि मैंने देखा कि सीएसई ने एक रिपोर्ट भेजी है, जिसमें उन्होंने ब्रेड को लेकर जांच की है। मैंने अपने अधिकारियों को कहा है कि इसकी तुरंत जांच कीजिए। FSSAI इस मामले को देख रहा है। मैं ये जरूर कहना चाहूंगा कि पैनिक होने की जरूरत नहीं है। बहुत जल्दी सरकार इसके डिटेल देखकर जो भी उचित कदम उठाने होंगे उठाएगी।
ऐसे रसायन का होता है उपयोग, जो कई देशों में है बैन
सीएसई के प्रदूषण निगरानी प्रयोगशाला द्वारा कराए गए अध्ययन की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में ब्रेड बनाने वाली कंपनियां आटे का प्रस्संकरण करने के लिए पोटेशियम ब्रोमेट और पोटेशियम आयोडेट का प्रयोग करती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, 'कई देशों में ब्रेड निर्माण उद्योग में इन रसायनों के उपयोग पर पाबंदी है, क्योंकि वे लोक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक पदार्थों की सूची में आते हैं। इनमें से एक 2बी कार्सिनोजेन श्रेणी में आता है, जबकि दूसरे से थॉयराइड ग्रंथि में खराबी आती है। भारत में इन पर पाबंदी नहीं लगाई गई है।'
84 फीसदी नमूनों में खतरनाक रासायन
सीएसई ने बाजार में आम तौर पर मिलने वाले 38 ब्रांड के ब्रेड, पाव और बन, रेडी-टू-ईट बर्गर ब्रेड और दिल्ली के लोकप्रिय फास्ट फूड आउटलेटों के रेडी-टू-ईट पिज्जा ब्रेड के नमूनों की जांच की। सीएसई के उप महानिदेशक चंद्र भूषण ने कहा, 'हमने 84 फीसदी नमूनों में पोटेशियम ब्रोमेट या आयोडेट पाए। कुछ नमूनों में हमने दूसरे प्रयोगशालाओं से भी इनकी मौजूदगी की पुष्टि की।
इससे हो सकता है किडनी, थॉयराइड ग्रंथि और पेट में कैंसर
1999 में इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) ने पोटेशियम ब्रोमेट को कैंसर पैदा करने वाला बताया। जांच से पता चला कि इससे किडनी, थॉयराइड ग्रंथि और पेट में कैंसर हो सकता है। यूरोपीय संघ ने 1990 में इन रसायनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चीन, श्रीलंका, ब्राजील, नाइजीरिया, पेरू और कोलंबिया ने भी पोटेशियम ब्रोमेट के उपयोग पर पाबंदी लगा दी है।
क्या है मामला
किन देशों में पाबंदी?
(इनपुट्स एजेंसी से भी)
नड्डा ने कहा कि मैंने देखा कि सीएसई ने एक रिपोर्ट भेजी है, जिसमें उन्होंने ब्रेड को लेकर जांच की है। मैंने अपने अधिकारियों को कहा है कि इसकी तुरंत जांच कीजिए। FSSAI इस मामले को देख रहा है। मैं ये जरूर कहना चाहूंगा कि पैनिक होने की जरूरत नहीं है। बहुत जल्दी सरकार इसके डिटेल देखकर जो भी उचित कदम उठाने होंगे उठाएगी।
ऐसे रसायन का होता है उपयोग, जो कई देशों में है बैन
सीएसई के प्रदूषण निगरानी प्रयोगशाला द्वारा कराए गए अध्ययन की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में ब्रेड बनाने वाली कंपनियां आटे का प्रस्संकरण करने के लिए पोटेशियम ब्रोमेट और पोटेशियम आयोडेट का प्रयोग करती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, 'कई देशों में ब्रेड निर्माण उद्योग में इन रसायनों के उपयोग पर पाबंदी है, क्योंकि वे लोक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक पदार्थों की सूची में आते हैं। इनमें से एक 2बी कार्सिनोजेन श्रेणी में आता है, जबकि दूसरे से थॉयराइड ग्रंथि में खराबी आती है। भारत में इन पर पाबंदी नहीं लगाई गई है।'
84 फीसदी नमूनों में खतरनाक रासायन
सीएसई ने बाजार में आम तौर पर मिलने वाले 38 ब्रांड के ब्रेड, पाव और बन, रेडी-टू-ईट बर्गर ब्रेड और दिल्ली के लोकप्रिय फास्ट फूड आउटलेटों के रेडी-टू-ईट पिज्जा ब्रेड के नमूनों की जांच की। सीएसई के उप महानिदेशक चंद्र भूषण ने कहा, 'हमने 84 फीसदी नमूनों में पोटेशियम ब्रोमेट या आयोडेट पाए। कुछ नमूनों में हमने दूसरे प्रयोगशालाओं से भी इनकी मौजूदगी की पुष्टि की।
इससे हो सकता है किडनी, थॉयराइड ग्रंथि और पेट में कैंसर
1999 में इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) ने पोटेशियम ब्रोमेट को कैंसर पैदा करने वाला बताया। जांच से पता चला कि इससे किडनी, थॉयराइड ग्रंथि और पेट में कैंसर हो सकता है। यूरोपीय संघ ने 1990 में इन रसायनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चीन, श्रीलंका, ब्राजील, नाइजीरिया, पेरू और कोलंबिया ने भी पोटेशियम ब्रोमेट के उपयोग पर पाबंदी लगा दी है।
क्या है मामला
- ब्रेड, बन, पाव, पिज़्ज़ा ब्रेड सेहत के लिए ख़तरनाक
- 38 मशहूर ब्रांड का सैंपल टेस्ट किया
- 84% ब्रांड टेस्ट में फेल हुए
- पोटैशियम ब्रोमेट, पोटैशियम आयोडेट का इस्तेमाल
- दोनों केमिकल 2B कार्सिनोजेन कैटेगरी के
- पोटैशियम ब्रोमेट से कैंसर हो सकता है
- पोटैशियम आयोडेट से थाइरॉइड का ख़तरा
- दोनों केमिकल पर फौरन पाबंदी का सुझाव
- यूरोपियन यूनियन, कनाडा, नाइजीरिया, ब्राज़ील, दक्षिण कोरिया, पेरू में पाबंदी
- श्रीलंका में 2001 और चीन में 2005 से पाबंदी
- पेट दर्द, डायरिया, सिरदर्द, उल्टी, किडनी फेल होने, बहरापन, हाइपरटेंशन, डिप्रेशन जैसी समस्या
- ब्रेड की न्यूट्रिशनल क्वॉलिटी ख़राब करता है
- आटे के विटामिन्स और इसेन्शियल फैटी एसिड्स पर असर
किन देशों में पाबंदी?
- भारत में दोनों केमिकल के इस्तेमाल पर पाबंदी नहीं
- यूरोपियन यूनियन ने 1990 में प्रतिबंध लगाया
- अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया में पाबंदी
- न्यूज़ीलैंड, चीन, श्रीलंका में पाबंदी
- ब्राज़ील, नाइजीरिया, पेरू, कोलंबिया में पाबंदी
(इनपुट्स एजेंसी से भी)
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