भीमा कोरेगांव मामले (Bhima Koregaon case) में आरोपी गौतम नवलखा (Gautam Navlakha) जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गए हैं. उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट इस पर तीन मार्च को सुनवाई करेगा. उनको हाईकोर्ट ने जमानत देने से इनकार किया था. बाम्बे हाई कोर्ट ने माओवादियों से जुड़ी एलगार परिषद मामले में आरोपी गौतम नवलखा की जमानत याचिका सोमवार को यह कहते हुए खारिज कर दी कि विशेष अदालत के तार्किक आदेश में दखल देने का उसे कोई कारण नजर नहीं आता.
विशेष अदालत पहले ही गौतम नवलखा की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है. पीठ ने कहा था कि 2018 में घर में नजरबंदी के दौरान बिताए गए 34 दिन वैधानिक जमानत के लिए नहीं गिने जा सकते हैं. नवलखा को पुणे पुलिस ने 28 अगस्त, 2018 को गिरफ्तार तो किया था, लेकिन उन्हें हिरासत में नहीं लिया था. वह 28 अगस्त से एक अक्टूबर, 2018 तक घर में नजरबंद रहे थे.
नवलखा फिलहाल न्यायिक हिरासत में नवी मुंबई में स्थित तलोजा जेल में बंद हैं. नवलखा ने विशेष एनआईए अदालत द्वारा जमानत अर्जी खारिज किए जाने के 12 जुलाई, 2020 के आदेश को पिछले साल हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. उन्होंने हिरासत में 90 दिन बिताने और इस दौरान अभियोजन की ओर से आरोपपत्र दाखिल नहीं किए जाने के आधार पर वैधानिक जमानत मांगी थी.
इसके पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अक्टूबर, 2018 को नवलखा की नजरबंदी को अवैध करार देते हुए खारिज कर दिया था.
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