लद्दाख में गतिरोध को लेकर दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने शनिवार को कहा कि उसने अपर सुबनसिरी जिले में भारत-चीन सीमा के पास एक दूरदराज के इलाके में एक टीम भेजी है. यह टीम मीडिया की रिपोर्टों के बारे में उन "तथ्यों को सत्यापित" करने के लिए भेजी गई है जिनमें कहा गया है कि राज्य के पांच लोगों का कथित रूप से चीनी सेना ने अपहरण कर लिया है.
एक प्रमुख स्थानीय अखबार अरुणाचल टाइम्स ने शनिवार को एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें कहा गया है कि टैगिन समुदाय के पांच लोगों को नाचो के पास जंगल से उस समय उठा लिया गया जब वे शिकार कर रहे थे. यह रिपोर्ट उन पांच लोगों में से एक के रिश्तेदार के हवाले से है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया था कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी या पीएलए ने पांच लोगों का अपहरण कर लिया. इस पोस्ट को व्यापक रूप से शेयर किया गया है.
हालांकि न तो भारतीय सेना और न ही अरुणाचल प्रदेश सरकार ने अभी तक आधिकारिक तौर पर अपहरण के दावों की पुष्टि की है. अपर सुबनसिरी की जिला पुलिस ने कहा है कि सच्चाई का पता लगाने के लिए एक टीम को दूरदराज के इलाके में भेजा गया है. हालांकि यह टीम रविवार को ही गांव से लौट सकती है क्योंकि रास्ता केवल पैदल चलने लायक है.
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अपर सुबनसिरी के पुलिस अधीक्षक तारु गुसार ने NDTV को फोन पर बताया कि "हमें मीडिया रिपोर्टों और सोशल मीडिया पोस्ट से घटना के बारे में पता चला. हमने पुलिस हेडक्वार्टर से इस मामले पर चर्चा की है. हमने क्षेत्र के नाचो पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम को भेज दिया है."
उन्होंने कहा कि "अब तक पुलिस को इसकी कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है, लेकिन चूंकि यह मामला संवेदनशील है, इसलिए हमने अपने लोगों को ग्रामीणों और रिश्तेदारों के साथ तथ्यों का पता लगाने के लिए भेजा है. पहले भी इन क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं हुई हैं. हमने इसे गंभीरता से लिया है."
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अरुणाचल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि उन दो अन्य ग्रामीणों ने इस घटना की जानकारी दी जो कि अपहृत लोगों के साथ थे और वहां से भागने में कामयाब हो गए.
दापोरिजो अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबनसिरी जिले का मुख्यालय है जो राज्य की राजधानी ईटानगर से 280 किलोमीटर दूर है. भारत-चीन सीमा दापोरिजो से लगभग 170 किलोमीटर दूर है. नाचो नगर से पुलिस टीम को आगे के क्षेत्र के गांव तक पैदल भेजा गया है. यह गांव दापोरिजो से 125 किलोमीटर दूर है, लेकिन खराब सड़कों के कारण वहां पहुंचने में लगभग छह घंटे लगते हैं.
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इस बीच, अरुणाचल प्रदेश पूर्व के सांसद और बीजेपी के शीर्ष नेता तपीर गाओ ने ट्वीट कर कहा है, "तीन सितंबर को अरुणाचल में अपर सुबनसिरी में भारतीय क्षेत्र के तहत मैकमोहन लाइन के नीचे सेरा 7 क्षेत्र से चीन की पीएलए ने पांच टैगिन युवकों का कथित तौर पर अपहरण कर लिया. इसी तरह की घटना मार्च में हुई थी. यह CCP (Sic) के खिलाफ कदम उठाने का समय है."
अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट से कांग्रेस के विधायक और लोकसभा के पूर्व सांसद निनॉन्ग एरिंग ने प्रकाश रिंगलिंग नाम के एक सोशल मीडिया यूजर की पोस्ट भी शेयर की थी, जिसमें दावा किया गया है कि उनके भाई प्रसाद रिंगलिंग और चार अन्य युवाओं- टॉक सिंगकम, डोंगटू इबिया, तनु बेकर और नार्गू डिरी का चीन की पीएलए ने "अपहरण" किया.
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इसी तरह की घटना 19 मार्च को हुई थी. तब अरुणाचल के एक 21 वर्षीय युवक टोंगले सिंकम का कथित तौर पर चीनी सेना ने अपहरण कर लिया था. जड़ी-बूटियों की खोज में गए इस युवक का कथित तौर पर मैकमोहन लाइन को पार करके चीन की ओर जाने पर अपहरण कर लिया गया था. उसे 14 दिनों के बाद भारतीय सेना को सौंप दिया गया था.
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