शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि अन्ना हजारे को इस बात का आत्मविश्लेषण करना चाहिए कि मुंबई में एमएमआरडीए मैदान में मजबूत लोकपाल विधेयक के लिए उनका अनशन क्यों और किसकी वजह से असफल हो गया।
ठाकरे ने अपनी पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा, ‘उनका पसंदीदा मीडिया भी उनके खिलाफ हो गया और इस बात पर सनसनीखेज खबरें दे रहा है कि आंदोलन कैसे फ्लॉप शो बन गया।’ उन्होंने कहा कि जब संसद में लोकपाल विधेयक पर चर्चा हो रही थी तो हजारे को अनशन पर बैठने की कोई जरूरत नहीं थी।
ठाकरे ने कहा, ‘सामाजिक मुद्दों पर आंदोलन चला रहे लोगों को धर्य रखना चाहिए और अपना आपा नहीं खोना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि आंदोलन का नेतृत्व करने वालों को जनता को प्रेरित करना चाहिए और सुनियोजित रणनीति के माध्यम से आंदोलन की तैयारी करनी चाहिए।
ठाकरे ने कहा, ‘इस बारे में सतर्कता बरतनी चाहिए कि आंदोलन के दौरान फैली अराजकता और अस्थिरता का फायदा देश के शत्रु नहीं उठाएं।’ उन्होंने कहा, ‘लोग समझ गये हैं कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राजनीति और शब्दयुद्ध छिड़ा हुआ है। लोगों ने टीम अन्ना के तरीके को भी पसंद नहीं किया।’ ठाकरे ने कहा, ‘जंतर मंतर और रामलीला के नाटक ने मुंबई में काम नहीं किया क्योंकि महाराष्ट्र के लोग इस तरह के नाटक पसंद नहीं करते।’
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