आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी (Jagan Mohan Reddy) ने केंद्र सरकार से निजी अस्पतालों की कोविड रोधी टीके की आपूर्ति रोकने की अपील करते हुए शनिवार को कहा कि टीके की सीमित मात्रा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला आवश्यक है. रेड्डी ने निजी अस्पतालों पर टीके की खुराक के लिए लोगों से मनमानी कीमत वसूलने का आरोप भी लगाया. रेड्डी ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखकर कहा कि निजी अस्पताल टीके की एक खुराक के लिए लोगों से 2,000-25,000 रुपये तक वसूल रहे हैं, जोकि दुनिया में उपलब्ध कोविड के टीके की सबसे महंगी खुराक में से एक है.
उन्होंने कहा कि टीका आम जनता के हित के लिए है, इसलिए नैतिक रूप से इसे निशुल्क अथवा एक तय कीमत में उपलब्ध कराया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा, " ऐसी स्थिति में जब 45 से अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए ही टीके की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है और इस बात की भी कोई संभावना नहीं है कि अगले कुछ महीनों में 18-44 आयु वर्ग के लोगों के लिए निशुल्क टीकाकरण अभियान शुरू हो पाएगा, ऐसे में कुछ निजी अस्पतालों को मनमानी कीमत पर सभी आयु वर्ग के लोगों को टीका लगाने की अनुमति देना सही नहीं है."
'डियर हेमंत सोरेन....' : पीएम के फोन कॉल विवाद मामले में आंध्र के सीएम जगन मोहन ने दी प्रतिक्रिया
रेड्डी ने कहा कि इसके कारण न केवल समाज के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को परेशानी हो रही है बल्कि इससे टीके की कालाबाजारी का खतरा भी बढ़ जाता है.
उन्होंने कहा कि लोगों को सरकारी अथवा निजी अस्पतालों में टीका लगवाने का विकल्प देना, उसी स्थिति में सही साबित होगा जब टीके की खुराक पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हो. रेड्डी ने प्रधानमंत्री से इस मामले की ओर ध्यान देने का अनुरोध करते हुए कहा कि निजी अस्पतालों को की जाने वाली टीके की आपूर्ति रोक दी जानी चाहिए.
VIDEO: कोविड इलाज से 'प्लाज्मा थेरेपी' हटाने के क्या हैं मायने, क्यों लिया गया फैसला? जानें...
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं