आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वाईएस राजशेखर रेड्डी (YS Rajasekhara Reddy) की बेटी और मौजूदा CM जगन मोहन रेड्डी (Jagan Mohan Reddy) की बहन वाईएस शर्मिला रेड्डी (YS Sharmila Reddy) ने तेलंगाना (Telangana) में अपनी अलग पार्टी लॉन्च करने की घोषणा की है. वह अपने पिता की जयंती यानी 8 जुलाई को अपने राजनैतिक दल का ऐलान करेंगी. शर्मिला रेड्डी को उनकी मां वाईएस विजयालक्ष्मी का समर्थन मिला है. विजयालक्ष्मी ने कहा कि वह खुश हैं कि उनकी बेटी ने तेलंगाना की जनता की सेवा करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि शर्मिला अपने पिता की तरह हिम्मत रखती हैं.
शुक्रवार को जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSR कांग्रेस की 'संकल्प सभा' के बाद यह खबर सामने आई है. YSR कांग्रेस ने हैदराबाद से आंध्र प्रदेश के बॉर्डर जिले तक कार रैली निकाली थी. इस रैली में आंध्र के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी मौजूद थे.
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शर्मिला रेड्डी के तेलंगाना में राजनीति में एंट्री के ऐलान के बाद जगन मोहन रेड्डी ने अपनी छोटी बहन की राजनीतिक योजनाओं से खुद को दूर कर लिया है. शर्मिला की पार्टी का नाम, लोगो, झंडा और विचारधारा का अनावरण 8 जुलाई को ही होगा. तेलंगाना में 2023 में विधानसभा चुनाव होंगे.
शर्मिला ने अभिनेता रजनीकांत (Rajinikanth) की फिल्म शिवाजी का एक डायलॉग दोहराते खुद की तुलना एक शेर से की, जो अकेले घूमता है. उसने यह भी स्पष्ट किया कि वह तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS), BJP या कांग्रेस (Congress) के इशारे पर नहीं आई हैं, बल्कि उनकी पार्टी ऐसा तीर होगी, जो लोगों की ओर से तीनों दलों को निशाना बनाएगी.
वाईएस शर्मिला 15 अप्रैल को बेरोजगार युवाओं की ओर से तीन दिन के लिए भूख हड़ताल पर बैठेंगी, जिसमें तेलंगाना की KCR सरकार द्वारा 1.91 लाख रिक्त पदों को भरने की मांग की जाएगी. यह तेलंगाना में एक गर्म राजनीतिक मुद्दा है.
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शर्मिला पर तेलंगाना का न होने को लेकर भी निशाना साधा जा रहा है, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वह तेलंगाना में पली-बढ़ीं, उन्होंने यहां से पढ़ाई की है और इसी राज्य में उन्होंने अपने बच्चे को जन्म दिया है. शर्मिला ने कहा कि वह तेलंगाना से प्यार करती हैं और राज्य के हितों के खिलाफ कभी कोई काम नहीं करेंगी.
शर्मिला के राजनीति में आने के ऐलान के बाद सत्ता के गलियारों में कयासों का दौर भी शुरू हो गया है कि राजनीतिक तौर पर वह किसकी मदद करेंगी या किसको नुकसान पहुंचाएंगी. शर्मिला SC/ST वोट बैंक साध सकती हैं क्योंकि ये समुदाय उनके पिता को खासा पसंद करते थे.
बताते चलें कि तेलंगाना में TRS प्रभावी राजनैतिक दल है. कांग्रेस यहां कमजोर है और बीजेपी अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने की कोशिश कर रही है.
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