"गन्‍ना किसानों के बकाए का 31 मार्च तक करें भुगतान": इलाहाबाद हाईकोर्ट 

न्यायालय ने गन्ना आयुक्त को यह भी आदेश दिया है कि यदि 31 मार्च 2022 तक कंपनी किसानों का भुगतान नहीं कर देती है, तो उसके खिलाफ रिकवरी नोटिस जारी की जाए. 

अदालत ने कहा कि किसानों के भुगतान में बार-बार देरी को गंभीरता से देखा जाए. (फाइल फोटो)

लखनऊ:

इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court ) की लखनऊ पीठ ने बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड (Bajaj Hindusthan Sugar Limited) कंपनी को 31 मार्च 2022 तक गन्ना किसानों (Sugarcane Farmers) के बकाए का पूर्ण भुगतान 15 प्रतिशत सालाना ब्याज की दर के साथ करने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजन राय व न्यायमूर्ति एसके गुप्ता की खंडपीठ ने गन्ना किसानों की सैकड़ों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया. 

याचिका दाखिल करने वाले किसान बजाज हिंदुस्तान के गोला गोकरण नाथ, खम्बर खेड़ा, पलिया कलां, बरखेड़ा व मकसूदपुर चीनी मिलों पर अपना गन्ना बेच चुके हैं व उनका भुगतान अब तक नहीं किया गया है. 

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न्यायालय ने उपरोक्त आदेश पारित करने के साथ ही गन्ना आयुक्त को यह भी आदेश दिया है कि यदि 31 मार्च 2022 तक कंपनी किसानों का भुगतान नहीं कर देती है, तो उसके खिलाफ रिकवरी नोटिस जारी की जाए. 

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अदालत ने यह भी कहा है कि कंपनी के द्वारा किसानों के भुगतान में बार-बार देरी किए जाने के विषय को भी गंभीरता से देखा जाए. साथ ही कहा कि अगले सत्र में कंपनी को एरिया आवंटित करने से पहले भुगतान में देरी किए जाने के पहलू पर भी विचार किया जाए. 

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