
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की फाइल फोटो
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केजरीवाल सरकार द्वारा बर्खास्त किए तीसरे मंत्री हैं संदीप कुमार
इससे पहले बिल्डरों से वसूली के आरोप में आसिम अहमद खान ने कुर्सी गंवाई
वहीं तोमर को फर्जी डिग्री के आरोप में कानून मंत्री पद छोड़ना पड़ा था
सेक्स स्कैंडल में घिरे संदीप छूते थे पत्नी के पैर
सेक्स स्कैंडल में फंसकर मंत्री पद गंवाने वाले संदीप कुमार दिल्ली की सुल्तानपुर माजरा सीट से विधायक हैं. महिला एवं बाल विकास मंत्री रहे संदीप ने पिछले साल महिला दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में दावा किया था कि वह रोज सुबह उठकर अपनी पत्नी के पैर छूते हैं और उनकी पत्नी भी आशीर्वाद के तौर पर 'खूब तरक्की करो' कहती हैं. उनकी इस बात पर कार्यक्रम में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी थी.

संदीप कुमार इससे पहले दिल्ली की सड़कों से भिखारियों को हटाने के लिए अभियान छेड़ने को लेकर चर्चा में आए थे. इस योजना के तहत भिखारियों को सड़क से उठाकर राज्य सरकार की ओर से संचालित केंद्र में ले जाना था. हालांकि इस योजना में भिखारियों के पुनर्वास के उपाय शामिल नहीं किए जाने को लेकर कई सामाजिक कार्यकर्ता इस विरोध कर रहे थे. तब सीएम केजरीवाल ने इस योजना को 'अमानवीय' और 'निरर्थक' बताते हुए इस पर रोक लगा दी थी.
बिल्डरों से वसूली के आरोप में आसिम खान ने गंवाई कुर्सी
दिल्ली सरकार में खाद्य एवं पर्यावरण मंत्री रहे आसिम अहमद खान को भी सीएम अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के आरोप लगने के तत्काल बाद मंत्री पद से हटा दिया था. खान पर एक बिल्डर से छह लाख रुपये मांगने के आरोप लगे थे.

सीएम केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खान की बर्खास्तगी का ऐलान करते हुए एक ऑडियो रिकॉर्डिंग सुनाई थी, जिसमें खान और एक बिल्डर के बीच की बातचीत थी. दिल्ली के मटिया महल से विधायक खान के खिलाफ मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की घोषणा करते हुए सीएम केजरीवाल ने तब कहा था कि कल के दिन मेरा बेटा भी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.
फर्जी डिग्री के आरोपी तोमर पहचान तक नहीं पाए थे अपना कॉलेज
भ्रष्टाचार को लेकर केजरीवाल सरकार का यह रुख हालांकि जितेंद्र सिंह तोमर के मामले में देखने को नहीं मिला था. दिल्ली सरकार में पूर्व कानून मंत्री तोमर जब फर्जी डिग्री विवाद में घिरे थे, तब दिल्ली सरकार ने इसे विरोधियों की साजिश करार दिया था.

दिल्ली के त्रिनगर से विधायक 49 वर्षीय तोमर को दिल्ली बार काउंसिल की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था. बार काउंसिल ने शिकायत की थी कि बिहार के भागलपुर स्थित तिलका मांझी विश्वविद्यालय से प्राप्त तोमर की वकालत की डिग्री फर्जी है. पुलिस जब तोमर की डिग्रियों के सत्यापन के लिए उन्हें उनके कॉलजे भी ले गई थी, तो वहां के शिक्षक भी उन्हें पहचान नहीं सके थे.
पुलिस ने इस मामले में जब तोमर को गिरफ्तार किया था, तब दिल्ली उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने यहां तक कहा था कि इमर्जेंसी जैसे हालात पैदा हो गए हैं. हालांकि धीरे-धीरे तोमर की कलई खुलने लगी तब केजरीवाल सरकार की आंखें खुलीं और तोमर की कुर्सी चली गई.
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