
सातवां वेतन आयोग की रिपोर्ट 1 जनवरी 2016 से लागू की गई है.
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
सातवां वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू
कई मुद्दों पर कर्मचारियों की थी आपत्ति.
सरकार ने बनाई समितियां जिसने कर्मचारी नेताओं से की बातचीत
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के कई विभागों के कर्मचारी इस बात से काफी नाराज चल रहे हैं कि सरकार की ओर से कर्मचारी की मांगों की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. साथ ही इन कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सरकार कर्मचारियों के साथ टालमटोल का रवैया अपना रही है. जिस रिपोर्ट को सरकार को चार महीने में दे दिया जाना चाहिए था वह रिपोर्ट अभी तक नहीं तैयार है. कर्मचारी इस बात से भी नाराज हैं कि उन्हें लगता है कि सरकार कर्मचारियों को भत्ता देने में भी जानबूझकर देरी कर रही है. केंद्रीय कर्मचारियों का मानना है कि बढ़ा हुआ भत्ता देने से सरकारी खजाने पर कुछ अतिरिक्त बोझ आएगा इसलिए सरकार इन मामलों में देरी कर रही है. (7वां वेतन आयोग : केंद्रीय कर्मचारियों को झटका, अलाउंस में हुए बदलाव होंगे मार्च 2017 से लागू!)
कई कर्मचारी संघों के नेताओं का कहना है कि सरकार ने सातवें वेतन आयोग के विवादित मुद्दों पर चर्चा के लिए कई समितियों का गठन कर दिया है. इन समितियों ने वेतन आयोग की रिपोर्ट पर चर्चाएं की , लेकिन अभी तक कुछ भी सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है. अभी तक इन समितियों से एक भी ऐसा निर्णय सामने नहीं आया है जिससे केंद्रीय कर्मचारी संतुष्ट हों. (रेलवे-रक्षा क्षेत्र में पीएम नरेंद्र मोदी की 'सर्जिकल स्ट्राइक' से कर्मचारी नाराज, 16 मार्च को हड़ताल का ऐलान)
अब केंद्रीय कर्मचारियों को यह भी आशंका सता रही है कि जिस अलाउंस को सरकार को पिछले साल जुलाई माह से दिया जाना चाहिए था अब वह नए साल में मिलेंगे तो कर्मचारियों को पिछले कई महीनों का बढ़े हुए अलाउंस के न मिलने से काफी नुकसान होगा. कर्मचारियों की मांग है कि सरकार जब भी बढ़ा हुआ अलाउंस कर्मचारियों को दे वह 25 जुलाई 2016 से लागू होना चाहिए. (7वां वेतन आयोग : अलाउंसेस को लेकर वित्त राज्यमंत्री मेघवाल ने दिया यह बयान, बातचीत लगभग पूरी)
सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय में यह रिपोर्ट एक दो दिन में सरकार को दे दी जाएगी और यह भी सूत्रों ने बताया कि सरकार इसके रिपोर्ट के आधार पर 1 अप्रैल 2017 को नोटिफाई कर सकती है. कर्मचारी नेताओं का कहना है कि अगर सरकार ने बढ़े हुए अलाउंस को लागू करने की तारीख 01.01.2016 नहीं रखी तो वह इसके लिए आंदोलन की राह पकड़ने को मजबूर होंगे. (सातवां वेतन आयोग : क्या ओवरटाइम भत्ता समाप्त हो गया?, सरकार ने संसद में यह कहा)
एनसीजेसीएम के संयोजक और रेलवे कर्मचारी संघ के नेता शिवगोपाल मिश्रा ने एनडीटीवी को बताया कि अभी मुद्दों पर बातचीत पुरी नहीं हुई है. यह बात अलग है कि बातचीत आखिरी दौर में चल रही है. 22 फरवरी को मामले पर फिर सरकार के प्रतिनिधि और कर्मचारियों के प्रतिनिधियों में बातचीत होगी. अलाउंस को लेकर ही 22 फरवरी की मीटिंग है. इसमें एचआरए सबसे प्रमुख मुद्दा है. इसके अलावा न्यूनतम वेतनमान और पेंशन को लेकर भी बातचीत हो गई है.
जानकारी के लिए बता दें कि कर्मचारियों का आरोप है कि नरेंद्र मोदी ने रेलवे और डिफेंस कर्मचारियों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दिया है. इन कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने अपने कर्मचारियों के हितों का बिल्कुल भी ख्याल नहीं रखा है. इसके विरोध में कर्मचारी संघों ने 16 मार्च 2017 को हड़ताल का ऐलान किया है. कर्मचारी संघ इस बात से भी नाराज़ हैं कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर कर्मचारियों के ऐतराज को भी सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया है और सात महीने बीत जाने के बाद कोई हल नहीं निकाला है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
सातवां वेतन आयोग, 7वां वेतन आयोग, सातवां केंद्रीय वेतनमान, केंद्रीय कर्मचारी, Seventh Pay Commission, 7th Pay Commission, 7th CPC, Central Employees, पे कमिशन, सातवां पे कमीशन