Which Yoga Is Best For Liver?: लीवर को मजबूत करने के लिए योग या मजबूत लीवर के लिए योग (Strong Liver Yoga) काफी मायने रखता है. कई लोग सवाल करते हैं कि क्या योग लीवर के लिए अच्छा है. लीवर शरीर की कई कार्यप्रणालियों को बेहतरीन तरीके से चलाता है. लीवर के कमजोर पड़ जाने पर हमारे शरीर के कई कार्य रुक जाएंगे, जो गंभीर बीमारियां भी उत्पन्न कर सकते हैं. हमारे शरीर में लीवर एक महत्वपूर्ण अंग है. यह हमारे शरीर में कई प्रकार के कार्य करता है. हमारे स्वस्थ रहने के लिए जो फंक्शन बॉडी में होते हैं, उनमें से अधिकतर फंक्शन लीवर के द्वारा ही चलते हैं. हमारे शरीर में लीवर का सबसे बड़ा काम यह भी हैं कि लीवर हमारे शरीर में जरूरी पोषक तत्वों को शरीर के अलग-अलग भागों में भेजता है. इसलिए लीवर की समस्या होने पर कई तरह के रोग हो सकते हैं जिनमें फैटी लिवर, लिवर इंफेक्शन, हेपेटाइटिस, प्रमुख हैं.
हेल्दी लीवर के लिए योग काफी फायदेमंद हो सकता है. लीवर विषाक्त पदार्थों की छंटनी करने के लिए जिम्मेदार होता है. हम जो कुछ भी खाते हैं उस खाने को पचाकर रस बनाने का काम लीवर ही करता है. अक्सर खराब खान-पान के कारण लीवर कमजोर हो जाता है जिस कारण वह ठीक तरीके से कार्य नहीं कर पाता है और हम बीमार हो जाते हैं. कई लोग सवाल भी करते हैं कि लीवर को मजबूत करने के लिए क्या करें? या लीवर को मजबूत करने के उपाय क्या हैं? ऐसे में कुछ योगासन हैं जो लीवर को हमेशा हेल्दी बनाए रख सकते हैं. अगर आप इन योगासनों का रोजाना अभ्यास करते हैं तो आप लीवर मजबूत बनाए रख सकते हैं.
लीवर को हेल्दी रखने के लिए करें ये योगासन | Do This Yoga To Keep The Liver Healthy
1. भुजंगासन (Bhujangasana)
भुजंगासन लीवर को मजबूत रखने के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है. लीवर के लिए योगासन में भुजंगासन को भी शामिल किया जा सकता है. हेल्दी लीवर के लिए इस योगासन का रोजाना अभ्यास कर सकते हैं. यह आसान लीवर की समस्याओं को ठीक करने में भी असरदार हो सकता है.
भुजंगासन करने का तरीका
- सबसे पहले पेट के बल सीधे लेट जाएं.
- इस अवस्था में आपके पैर तने हुए और इनके बीच थोड़ी दूरी होनी चाहिए.
- अब आप अपने हाथों को छाती के पास लाएं और हथेलियों को नीचे टिकाएं.
- फिर गहरी सांस लेते हुए नाभि तक के हिस्से को ऊपर उठाएं और आसमान की तरफ देखने की कोशिश करें.
- कुछ समय तक इसी मुद्रा में बने रहने का प्रयास करें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें.
- फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आएं.
- शुरुआत में आप इसे तीन से चार बार कर सकते हैं.
2. नौकासन (Naukasana)
नौकासन का अभ्यास आपको लीवर को मजबूत करने में मदद कर सकता है. यह आसन लीवर को हमेशा हेल्दी रखने के लिए भी फायदेमंद हो सकता है. नौकासन एक ऐसा आसन है, जिसमें शरीर नौका के आकार का हो जाता है. यह आसन कई समस्याओं से लड़ने के लिए कारगर हो सकता है.
नौकासन करने का तरीका
- इस आसन के अभ्यास के लिए शवासन की मुद्रा में लेट जाएं.
- और धीरे-धीरे एड़ी और पंजे को मिलाते हुए अपने दोनों हाथों को कमर से सटा लें.
- हथेली और गर्दन को जमीन पर सीधा रखें। अब अपने दोनों पैरों के साथ-साथ गर्दन और हाथों को ऊपर उठाएं.
- इस प्रक्रिया में अपने शरीर का पूरा वजन अपने हिप्स पर डाल दें.
- करीब 30 सेकेंड तक इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धारे शवासन की अवस्था में वापस आ जाएं.
3. कपालभाति (Kapalbhati)
कपालभाति करने से आपको लीवर को हेल्दी रखने में मदद मिल सकती है. मजबूत लीवर के लिए रोजाना कपालभाति का अभ्यास करना काफी फायदेमंद हो सकता है. कपालभाति करने वाले लोग पेट और लिवर की समस्याओं से दूर रह सकते हैं. कपालभाति करने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं.
कपालभाति करने का तरीका
- इसे करने के लिए पहले वज्रासन, सिद्धासन या पद्मासन में बैठ जाएं.
- इसके बाद गहरी सांस लें और सांसों को पांच से दस सेकेंड तक अंदर रखें.
- धीरे-धीरे सांसों को नाक से छोड़ें.
- इस प्रणायाम को रोजाना दस से पंद्रह मिनट करने से लीवर की समस्या खत्म हो सकती हैं.
4. उष्ट्रासन (Ustrasana)
उष्ट्रासन कई स्वास्थ्य समस्याओं से लड़ने के लिए फायदेमंद माना जाता है. उष्ट्रासन करने से लीवर के स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है. माना जाता है कि यह आसन शरीर के अन्य भागों के साथ लिवर की कार्यप्रणाली को भी बेहतर करने काम कर सकता है. लीवर को हेल्दी रखने के लिए इस योग रोजाना अभ्यास करें.
उष्ट्रासन करने का तरीका
- उष्ट्रासन को करने के लिए योग मैट बिछाकर वज्रासन की अवस्था में बैठ जाएं.
- फिर घुटनों के सहारे खड़े हो जाएं.
- इसके बाद गहरी सांस लेते हुए पीछे की ओर झुकते हुए बाएं हाथ से बाएं पैर की एड़ी और दाएं हाथ से दाएं पैर की एड़ी को पकड़ें.
- इस दौरान आपका मुंह आसमान की तरफ होना चाहिए.
- इस स्थिति में शरीर का पूरा भार आपके हाथ और पैर पर होना चाहिए.
- थोड़ी देर इस स्थिति में बने रहे और सामान्य तरह से सांस लेते रहें.
- कुछ मिनट बाद धीरे धीरे प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं.
- इस आसन को चार से पांच बार कर सकते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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