How To Improve Digestion Power: योग पाचन की प्रक्रिया में और गट हेल्थ के लिए भी मददगार होता है. योग एक मन और शरीर को शांत करने वाली प्रक्रिया है जो मांसपेशियों को फैलाती है, शरीर को फ्लेक्सिबल बनाती है. डेली केवल 10-15 मिनट का योगाभ्यास लंबे समय के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. ध्यान से खाने और उन चीजों की पहचान करना जरूरी है जो पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बनती हैं. डायजेशन और गट हेल्थ पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए योग आसनों को अपने फिटनेस रूटीन में शामिल करना जरूरी है.
अच्छे पाचन के लिए 5 योग आसन | 5 Yoga Asanas For Good Digestion
1) कैट-काउ पोज
इस पोज को करने से आपके धड़, कंधे और गर्दन में भी खिंचाव आता है. इसके लिए अपनी कलाइयों को अपने कंधों के नीचे और अपने घुटनों को अपने हिप्स के नीचे रखें. श्वास भरते हुए ऊपर देखें और अपने पेट को चटाई की ओर नीचे आने दें. सांस छोड़ते हुए अपनी ठुड्डी को अपनी छाती से सटाएं. अपनी नाभि को अपनी रीढ़ की ओर खींचें और अपनी रीढ़ को छत की ओर झुकाएं.
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2) भुजंगासन
इसे कोबरा पोज के नाम से भी जाना जाता है. यह ब्लज सर्कुलेशन में मदद करता है, पीठ को मजबूत करता है और हार्ट हेल्थ को बढ़ावा देता है. पेट के बल लेट जाना चाहिए, अपने पैरों को फैलाना चाहिए और दोनों हाथों से अपनी छाती को ऊपर उठाना चाहिए.
3) पवनमुक्तासन
यह योग मुद्रा पेट की मांसपेशियों को मजबूत करती है और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं को कम करने में मदद करती है. अपनी पीठ के बल लेट जाएं और अपने पैरों को स्ट्रेच करें. अपने ज्ञान को धीरे-धीरे मोड़ें और उन्हें अपनी छाती की ओर लाएं. उन्हें करीब लाने के लिए अपनी आर्म्स का उपयोग करें और फिर कुछ सेकंड के लिए होल्ड करें.
4) कैमल पोज
ये योग आसान पाचन में सुधार करता है. यह पीठ के निचले हिस्से के दर्द से भी राहत देता है, पोश्चर में सुधार करता है और जांघों की चर्बी कम करने में मदद करता है. इस आसन को करते समय घुटनों के बल बैठना होता है. फिर पीछे की ओर झुकें, सिर और रीढ़ की हड्डी को झुकाएं और पैरों को छूने की कोशिश करें.
5) धनुषासन
यह पाचन प्रक्रिया कब्ज में सहायता करती है और पीरियड क्रैम्प्स को भी कम करता है. साथ ही यह पीठ को स्ट्रेच करता है. पैरों को सीधा और फैलाकर पेट के बल लेटने की जरूरत है. हाथों को साइड में रखें. अब धीरे-धीरे अपने घुटनों को मोड़ें और अपने हाथों को पकड़कर उन्हें अपने सिर की तरफ खींचें. अपने पैरों को हिप्स से ज्यादा दूर न फैलाएं. अब पैरों को शरीर की तरफ खींचते हुए धीरे-धीरे अपनी जांघों को ऊपर उठाने की कोशिश करें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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