
Benefits Of Padmasana : आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मेंटल और फिजिकल पीस पाना किसी वरदान से कम नहीं है. स्ट्रेस, अनिद्रा, थकान और कॉन्सनट्रेशन की कमी जैसी समस्याएं हर किसी को परेशान कर रही हैं. ऐसे में योग एक ऐसा उपाय है जो मन और शरीर दोनों को बैलेंस करता है. योग की कई मुद्राएं होती हैं, लेकिन उनमें से "पद्मासन" एक बेहद असरदार और सरल मुद्रा है. इसे नियमित रूप से करने से कॉन्सनट्रेशन बढ़ता है, मेंटल क्लेरिटी बढ़ती है और शरीर लचीला बनता है. अगर आप भी अपने जीवन में पीस और स्टेब्लिटी लाना चाहते हैं, तो यह योगासन आपके लिए बेहतरीन रहेगा आइए जानते हैं. पद्मासन को करने का सही तरीका, इसके फायदे और इससे जुड़ी जरूरी बातें.
पद्मासन के फायदे (Benefits Of Padmasana)
क्या है पद्मासन?
पद्मासन, जिसे लोटस पोज (Lotus Pose) भी कहा जाता है, एक बैठने की मुद्रा है, जिसे ध्यान और प्राणायाम के दौरान किया जाता है. यह ध्यान केंद्रित करने, दिमाग को शांत करने और सेल्फ अवेयरनेस बढ़ाने में मदद करता है. यह मुद्रा खासतौर पर ध्यान, मेंटल पीस और एनर्जी को बैलेंस करने के लिए जानी जाती है. अगर आप योग की शुरुआत कर रहे हैं तो पहले इसे साधारण मुद्रा में करें और जैसे-जैसे अभ्यास बढ़ेगा, आप इसे बेहतर तरीके से कर पाएंगे.
पद्मासन करने का सही तरीका
1. प्रारंभिक स्थिति
-सबसे पहले शांत और स्वच्छ जगह पर योग मैट बिछाएं.
-सुखासन में बैठें, यानी साधारण मुद्रा में दोनों पैर मोड़कर बैठ जाएं.
-शरीर सीधा रखें और कंधे रिलैक्स रखें.
2. पैरों को सही स्थिति में लाएं
-अपने दाएं पैर को उठाएं और इसे बाईं जांघ पर रखें ध्यान दें कि पैर का तलवा ऊपर की ओर हो और एड़ी पेट के करीब हो.
-अब बाएं पैर को उठाएं और इसे दाईं जांघ पर रखें.
-दोनों घुटने ज़मीन को छू रहे हों और शरीर बैलेंस रहे.
इसे भी पढ़ें: गर्मियों में हीट स्ट्रोक से पहले दिखाई देते हैं हीट क्रैम्प्स के लक्षण, डॉक्टर ने बताया इन्हें कैसे पहचानें
3. हाथों की मुद्रा सही करें
-अब हाथों को ज्ञान मुद्रा या चिन मुद्रा में रखें.
-ज्ञान मुद्रा के लिए अंगूठे और तर्जनी उंगली को मिलाएं, बाकी तीन उंगलियां सीधी रखें.
-हाथों को घुटनों पर रखें और हथेलियों को ऊपर की ओर रखें.
4. सांसों पर ध्यान दें और ध्यान करें
-धीरे-धीरे आंखें बंद करें और गहरी सांस लें.
-ध्यान केवल अपनी सांसों पर केंद्रित करें और पीस का अनुभव करें.
-शुरुआत में इसे 5-10 मिनट तक करें, फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं.
अगर शुरुआत में कठिन लगे तो क्या करें?
अगर आप पहली बार पद्मासन कर रहे हैं और दोनों पैरों को ऊपर उठाने में कठिनाई हो रही है, तो इन आसान तरीकों को अपनाएं:
आधा पद्मासन करें: सिर्फ एक पैर को जांघ पर रखें और दूसरा ज़मीन पर मोड़कर रखें.
योगा ब्लॉक या कुशन का सहारा लें: इससे संतुलन बनाए रखना आसान हो जाएगा.
धीरे-धीरे अभ्यास करें: जब शरीर में लचीलापन आ जाएगा, तो आप इसे पूरी तरह से कर पाएंगे.
पद्मासन करने के फायदे
1. मेंटल पीस और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है.
इस आसन से दिमाग शांत होता है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है. जो लोग अधूरी नींद, चिंता या बेचैनी से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह योगासन बेहद लाभकारी है.
2. रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है
जब आप इस आसन में बैठते हैं, तो रीढ़ पूरी तरह से सीधी रहती है, जिससे पोश्चर सुधरता है और पीठ दर्द में राहत मिलती है.
3. पाचन तंत्र को मजबूत करता है
इस मुद्रा में बैठने से पेट पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे पाचन तंत्र बेहतर काम करता है अगर आपको गैस या एसिडिटी की समस्या होती है, तो यह योगासन मदद कर सकता है.
4. ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है
इस आसन को करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे दिल और दिमाग तक ऑक्सीजन सही मात्रा में पहुंचती है.
5. शरीर को लचीला बनाता है
अगर आप रोज़ इस आसन का अभ्यास करते हैं, तो आपके घुटने, टखने और कूल्हे अधिक लचीले हो जाएंगे.
आसान वेरिएशन: पद्मासन तोलासन (लिफ्टेड लोटस पोज़)
अगर आप पद्मासन में निपुण हो चुके हैं, तो आप इसके एक कठिन वेरिएशन "पद्मासन तोलासन" को भी आजमा सकते हैं.
कैसे करें?
- पद्मासन में बैठें और हथेलियों को ज़मीन पर रखें.
- अब शरीर को ऊपर उठाने के लिए हाथों से ज़मीन को दबाएं.
- धीरे-धीरे घुटने और कूल्हों को ऊपर उठाएं और संतुलन बनाए रखें.
- इसे कुछ सेकंड तक पकड़कर रखें, फिर धीरे-धीरे नीचे आएं.
यह मुद्रा कोर मसल्स, बाजुओं और कंधों को मजबूत करने में मदद करती है.
कौन लोग इस योगासन से बचें?
- घुटनों में चोट या दर्द हो तो इसे करने से बचें.
- पीठ या रीढ़ की हड्डी की समस्या हो तो डॉक्टर से सलाह लें.
- अधिक मोटापा हो तो पहले आधा पद्मासन से शुरुआत करें.
- गर्भवती महिलाएं इसे न करें.
जरूरी टिप्स
- शुरुआत में 10 मिनट करें, फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं.
- अगर पैरों में झनझनाहट हो तो आसन से बाहर आकर हल्के हाथों से पैरों की मसाज करें.
- इसे सुबह खाली पेट करना सबसे अच्छा होता है, लेकिन शाम को भी किया जा सकता है.
- शरीर को बहुत ज्यादा जोर देने से बचें, धीरे-धीरे अभ्यास करें.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं