World Tuberculosis Day: जानें क्यों मनाया जाता है क्षय रोग दिवस या टीबी डे, क्या है इस दिन का इतिहास

World Tuberculosis Day: विश्व क्षय रोग दिवस या वर्ल्ड टीवी डे हर साल 24 मार्च को दुनिया भर में मनाया जाता है. लोगों को इस बीमारी के प्रति अवेयर करने और जनजागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिन की महत्तता बढ़ जाती है.

World Tuberculosis Day: जानें क्यों मनाया जाता है क्षय रोग दिवस या टीबी डे, क्या है इस दिन का इतिहास

World Tuberculosis Day: विश्व क्षय रोग दिवस हर साल 24 मार्च को दुनिया भर में मनाया जाता है.

खास बातें

  • टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है.
  • आमतौर पर टीबी के बैक्टीरिया फेफड़ों पर हमला करते हैं.
  • विश्व क्षय रोग दिवस हर साल 24 मार्च को दुनिया भर में मनाया जाता है.

World Tuberculosis Day 2022: टीबी एक संक्रामक संक्रमण है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है. आमतौर पर टीबी के बैक्टीरिया फेफड़ों पर हमला करते हैं, लेकिन ये शरीर के किसी भी हिस्से जैसे किडनी, रीढ़ और मस्तिष्क पर भी हमला कर सकते हैं. पहले, टीबी मौत का एक प्रमुख कारण था, लेकिन आजकल ज्यादातर मामले एंटीबायोटिक दवाओं से ठीक हो जाते हैं. आपको बस कम से कम 6 से 9 महीने तक दवाएं लेनी होती है. विश्व क्षय रोग दिवस या वर्ल्ड टीबी डे हर साल 24 मार्च को दुनिया भर में मनाया जाता है. लोगों को इस बीमारी के प्रति अवेयर करने और जनजागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिन की महत्तता बढ़ जाती है.

क्यों मनाते हैं वर्ल्ड टीबी डे? | Why Celebrate World TB Day

वर्ल्ड टीबी डे को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को टीबी के बारे में जागरूक करने के साथ ही ये जानकारी देना भी है कि टीबी का उनकी हेल्थ, समाज और देश की इकोनॉमी पर क्या असर पड़ रहा है. वर्ल्ड ट्यूबरक्यूलोसिस डे मनाने का एक उद्देश्य ये भी है कि लोगो इसके बारे में अवेयर होने के साथ टीबी के लिए काम कर रहीं संस्थाओं और एनजीओ  को पर्याप्त फंड मिल सके. इसी के साथ सरकार और समाज टीबी की बीमारी के प्रति अपनी जिम्मेदारी के साथ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सकें और हर मरीज को इलाज मिल सके. 

विश्व क्षय रोग दिवस का इतिहास | History Of World Tuberculosis Day

दुनिया में ट्यूबरकुलोसिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस मनाया जाता है. वर्ल्ड टीबी डे पहली बार 24 मार्च 1982 को डॉ रॉबर्ट कोच की प्रेजेंटेशन की 100 वीं वर्षगांठ पर मनाया गया था, जिन्होंने ट्यूबरकुलोसिस बेसिलस वायरस की खोज की थी. WHO के अनुसार, टीबी दुनिया के सबसे घातक संक्रामक बीमारियों में से एक है. हर दिन लगभग 4000 लोग टीबी से अपनी जान गंवाते हैं और करीब 28,000 लोग इस बीमारी का इलाज करवाते हैं.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.