World Mental Health Day: हम फिजिकल हेल्थ पर तो बात करते हैं लेकिन अब भी मेंटल हेल्थ को नजरअंदाज करते हैं, जिसकी वजह से मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स बढ़ रही हैं. मेंटल हेल्थ इस बात पर असर डालता है कि हम कैसे सोचते हैं, महसूस करते हैं, काम करते हैं, चुनाव करते हैं और दूसरों से कैसे व्यहार रखते हैं. खराब मेंटल हेल्थ का मतलब केवल कोई मानसिक बीमारी नहीं है, यह आपके ओवरऑल हेल्थ और क्वालिटी ऑफ लाइफ के लिए जरूरी है. मेंटल हेल्थ के इस महत्व को समझाने के लिए ही हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस या वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाते हैं. आइए जानते हैं कि किस तरह सेल्फ केयर के जरिए आप अपने मेंटल हेल्थ का ख्याल रख सकते हैं.
बेहतर मेंटल हेल्थ के लिए खुद का ऐसे रखें ख्याल- (Self-Care For Better Mental Health)
1. रेगुलर एक्सरसाइज करें-
हर दिन केवल 30 मिनट पैदल चलने से आपके मूड को बेहतर बनाने और आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है. काम से समय निकाल कर हर दिन एक्सरसाइज करें. मन को शांत रखने के लिए योग बेहतरीन अभ्यास है.
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2. हेल्दी फूड लें और हाइड्रेटेड रहें-
संतुलित आहार और भरपूर पानी पूरे दिन आपकी एनर्जी और फोकस में सुधार कर सकता है. इसके अलावा, कोल्ड ड्रिंक या कॉफी जैसे कैफीनयुक्त ड्रिंक्स का सेवन सीमित करें.
3. नींद पर्याप्त लें-
एक शेड्यूल पर कायम रहें और सुनिश्चित करें कि आपको पर्याप्त नींद मिल रही है. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी से सोना मुश्किल हो सकता है, इसलिए सोने से पहले अपने फोन या कंप्यूटर से निकलने वाली नीली रोशनी को कम करें.
4. प्राथमिकताएं निर्धारित करें-
तय करें कि अभी क्या किया जाना चाहिए और किस काम को रोका जा सकता है. अगर आपको ऐसा लगने लगे कि आप बहुत अधिक वर्क लोड ले रहे हैं तो एक्स्ट्रा कामों के लिए ‘ना' कहना सीखें. दिन के अंत में इस बात का ध्यान रखने की कोशिश करें कि आपने क्या हासिल किया है, न कि यह कि आप क्या करने में असमर्थ रहे हैं.
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5. कृतज्ञता का अभ्यास करें-
खुद को रोजाना उन चीजों की याद दिलाएं जिनके लिए आप आभारी हैं. उन्हें रात में लिख लें, या उन्हें अपने दिमाग में दोबारा दोहराएं.
6. पॉजिटिव रहें-
अपने निगेटिव और बेकार के विचारों को पहचानें और उनसे बाहर निकलने की कोशिश करें. खुद को सकारात्मक रखें.
7. अपनों से जुड़े रहें-
अपने दोस्तों या परिवार के सदस्यों तक पहुंचें, जो आपको इमोशनली सपोर्ट कर सकते हैं और आपकी बातों को समझते हैं.
कब लेनी चाहिए डॉक्टर की मदद? (When Should Seek Doctor's Help?)
अगर आप गंभीर या परेशान करने वाले लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं जो 2 सप्ताह या उससे अधिक समय से हैं, तो आपको प्रोफेशनल हेल्थ की जरूरत है. इन लक्षणों पर ध्यान दें.
- सोने में कठिनाई.
- भूख में बदलाव जिसके कारण अचानक वजन में बदलाव आना.
- मूड की वजह से सुबह उठने में परेशानी होना.
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी आना.
- उन चीजों में रुचि की हानि जो आपको आमतौर पर आनंददायक लगती हैं.
- सामान्य दैनिक कार्यों और जिम्मेदारियों को पूरा करने में असमर्थता.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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