Asthma Prevention: हर साल मई के पहले मंगलवार को वर्ल्ड अस्थमा डे (World Asthma Day) मनाया जाता है. इसलिए ही यह इस साल 2 मई (2 May) को मनाया जाएगा. दुनिया भर में अस्थमा को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए इस खास दिन की शुरुआत 1993 में ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा की अगुवाई में की गई थी. सांस से संबंधित परेशानी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. फेफड़ों से संबंधित इस बीमारी में ऑक्सीजन को फेफडों तक पहुंचाने वाली नली सिकुड़ जाती है, जिसके कारण सांस लेने में कठिनाई, खांसी, कफ जैसी परेशानियां होने लगती है. बढ़ता वायु प्रदूषण इसका प्रमुख कारण है.
वायु प्रदूषण कैसे बढ़ाता है अस्थमा | How Does Air Pollution Cause Breathing Problems?
वायु प्रदूषण फेफडों व श्वसन नली को सीधे प्रभावित करता है. इसके कारण फेफड़ों की काम करने की क्षमता कम होने लगती है और लंग्स में ओजोन का जमाव बढ़ने लगता है, जो अस्थमा अटैक का करण बन सकता है.
क्या लाइलाज बीमारी है अस्थमा? जानें किन लक्षण पर रखें नजर और कैसे मनाया जाता है अस्थमा दिवस
वातावरण में प्रदूषण ज्यादा होने पर धूल कण नाक के जरिए बॉडी में चले जाते हैं और फेफड़ों में जमा होने लगते हैं. यह स्थिति लंबे समय तक रहने पर फेफड़ों की काम करने की क्षमता प्रभावित होने लगती है. अस्थमा के मरीज को इनसे ज्यादा परेशानी होती है.
अस्थमा से बचाव के उपाय | What is the best asthma preventer?
1. मास्क का उपयोग
अस्थमा अटैक से बचने के लिए जरूरी है कि घर के बाहर मास्क का उपयोग किया जाए. अच्छी क्वालिटी का मास्क पहनने से धूल कण व अन्य प्रदूषित नाक फेफड़ों तक नहीं जा सकेंगे. खांसी और सांस फूलने जैसी परेशानियों से बचाव होगा.
2. प्रदूषण वाली जगहों पर न जाएं
अस्थमा के अटैक से बचने के लिए वैसी जगहों पर जाने से बचें, जहां प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा होता है. आम तौर पर मुख्य सड़कों, औद्योगिक क्षेत्रों मे प्रदूषण का स्तर अन्य इलाकों की तुलना में ज्यादा होता है.
3. घर में लगाए ऑक्सीजन देने वाले पौधे
घर व आसपास ऑक्सीजन देने वाले पौधे लगाने चाहिए. इससे वातावरण में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है. हालांकि अस्थमा के मरीजों को एलर्जी का भी ध्यान रखना चाहिए.
4. डाइट पर हो ध्यान
फेफड़ों को हेल्दी रखने और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए बैलेंस डाइट की मदद लेनी चाहिए. सांस संबंधी परेशानियों में अखरोट, ऑलिव, चेरिज, हल्दी अच्छी होती है. इसके साथ हल्दी वाले दूध, शहद और गुड़ का अपने डाइट में जरूर शामिल करें.
Video: Iodine Deficiency: क्यों जरूरी है आयोडीन, आयोडीन की कमी कैसे करें दूर
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं