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हरी घास पर सुबह नंगे पैर क्यों चलना चाहिए? कौन सी बीमारियां ठीक होती हैं? क्या कहते हैं साइंटिस्ट? फायदे-नुकसान, पढ़ें 10 FAQs

Benefits of Walking Barefoot on Grass: मॉडर्न साइंस भी अब इस बात को मानता है कि यह आदत शरीर के कई हिस्सों को एक्टिव करती है और बीमारियों से लड़ने की ताकत देती है. आइए जानते हैं सुबह हरी घास पर पैदल लंगे पैर चलने से क्या होता है?

हरी घास पर सुबह नंगे पैर क्यों चलना चाहिए? कौन सी बीमारियां ठीक होती हैं? क्या कहते हैं साइंटिस्ट? फायदे-नुकसान, पढ़ें 10 FAQs
Benefits of Walking Barefoot on Grass: हरी घास पर नंगे पैर चलना कोई नया ट्रेंड नहीं है.

Hari Ghas par Nange pair Chalne ke Fayde: आज हम मशीनों की तरह जीने लगे हैं. सुबह उठते ही मोबाइल की स्क्रीन, ट्रैफिक का शोर और तनाव भरा रूटीन हमें घेर लेता है. ऐसे में अगर हम कुछ मिनट सुबह की ताजी हवा में हरी घास पर नंगे पैर चलें, तो यह न सिर्फ शरीर को एनर्जी देता है बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है. हरी घास पर नंगे पैर चलना कोई नया ट्रेंड नहीं है. यह सदियों पुरानी आयुर्वेदिक और नेचुरल हीलिंग सिस्टम का हिस्सा है. मॉडर्न साइंस भी अब इस बात को मानता है कि यह आदत शरीर के कई हिस्सों को एक्टिव करती है और बीमारियों से लड़ने की ताकत देती है. आइए जानते हैं सुबह हरी घास पर पैदल लंगे पैर चलने से क्या होता है?

हरी घास पर नंगे पैर चलने के फायदे | Benefits of Walking Barefoot on Green Grass (Hari Ghas Par Nange Pair Chalne Ke Fayde)

1. आंखों की रोशनी बढ़ती है

पैरों के तलवों में ऐसे प्रेशर पॉइंट्स होते हैं जो आंखों की नसों से जुड़े होते हैं. जब हम घास पर चलते हैं, तो इन बिंदुओं पर हल्का दबाव पड़ता है जिससे आंखों की रोशनी बेहतर होती है.

2. तनाव और चिंता कम होती है

हरी घास पर चलना एक तरह की ग्राउंडिंग थेरेपी है. यह शरीर को धरती से जोड़ता है और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक बैलेंस को ठीक करता है. इससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन में राहत मिलती है.

3. दिल की सेहत सुधरती है

सुबह की ताजी हवा और घास पर चलने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. यह दिल की धड़कन को नियंत्रित करता है और हार्ट अटैक का खतरा कम करता है.

4. पाचन तंत्र मजबूत होता है

नंगे पैर चलने से शरीर के नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है, जिससे पाचन क्रिया तेज होती है. यह कब्ज और गैस जैसी समस्याओं में राहत देता है.

5. नींद की क्वालिटी बेहतर होती है

जो लोग नियमित रूप से सुबह घास पर चलते हैं, उन्हें रात में अच्छी नींद आती है. यह शरीर को रिलैक्स करता है और स्लीप हार्मोन को एक्टिव करता है.

6. हड्डियां मजबूत होती हैं

नंगे पैर चलने से पैरों की मांसपेशियां और हड्डियां एक्टिव होती हैं. यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डी संबंधी बीमारियों से बचाव करता है.

7. इम्यून सिस्टम मजबूत होता है

प्राकृतिक सतह से संपर्क शरीर की इम्यून सिस्टम को बढ़ाता है. यह शरीर को बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में सक्षम बनाता है.

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वैज्ञानिक क्या कहते हैं?

मॉडर्न रिसर्च के अनुसार, नंगे पैर चलना शरीर के इलेक्ट्रॉनिक चार्ज को संतुलित करता है. इसे Earthing या Grounding कहा जाता है. जब हम धरती से सीधे संपर्क में आते हैं, तो शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स कम होते हैं, जिससे सूजन और दर्द में राहत मिलती है.

एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह आदत शरीर के न्यूरोलॉजिकल सिस्टम को एक्टिव करती है, जिससे दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ती है. साथ ही, यह हार्मोनल बैलेंस को भी सुधारती है.

नंगे पैर हरी घास पर चलना कौन-सी बीमारियों में फायदेमंद है? | In which diseases is walking barefoot on green grass beneficial?

  • आंखों की कमजोरी
  • तनाव और डिप्रेशन
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • कब्ज और अपच
  • नींद की कमी
  • हड्डियों की कमजोरी
  • इम्यूनिटी की कमी
  • डायबिटीज (ब्लड सर्कुलेशन सुधारने में मदद)

नुकसान या सावधानियां:-

  • जिन लोगों को एलर्जी है या स्किन सेंसिटिव है, उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए.
  • बारिश या कीचड़ में चलने से संक्रमण का खतरा हो सकता है.
  • जिन जगहों पर कीड़े-मकोड़े या कांटे हों, वहां नंगे पैर चलना सुरक्षित नहीं है.
  • डायबिटिक मरीजों को पैरों में चोट लगने का खतरा होता है, इसलिए डॉक्टर की सलाह लें.

10 जरूरी FAQs: हरी घास पर नंगे पैर चलने से जुड़े सवालों के जवाब

1. सुबह कितनी देर घास पर चलना चाहिए? | How long should you walk on the grass in the morning?

रोजाना 15 से 30 मिनट तक हरी घास पर नंगे पैर चलना पर्याप्त माना जाता है। यह समय शरीर को ताज़ी हवा, सूरज की हल्की किरणें और प्रकृति की ऊर्जा देने के लिए आदर्श है। शुरुआत में 10 मिनट से शुरू करके धीरे-धीरे समय बढ़ाया जा सकता है। नियमितता इस आदत का सबसे बड़ा लाभ है।

2. क्या यह आदत बच्चों के लिए भी फायदेमंद है? | Is this habit beneficial for children too?

हां, बच्चों के लिए यह आदत बेहद लाभकारी है. यह उनकी आंखों की रोशनी, पाचन तंत्र और मानसिक विकास में मदद करती है. लेकिन, ध्यान रखें कि बच्चे सुरक्षित और साफ जगह पर चलें, जहां कीड़े-मकोड़े या कांटे न हों. उन्हें खेलने के रूप में यह आदत सिखाई जा सकती है ताकि वे इसे खुशी से अपनाएं.

3. क्या इसे खाली पेट करना चाहिए? | Should you walk on grass on an empty stomach?

हां, सुबह उठते ही खाली पेट हरी घास पर चलना सबसे अच्छा माना जाता है. इस समय शरीर सबसे ज्यादा संवेदनशील होता है और नेचुरल एनर्जी को आसानी से ग्रहण करता है. यह पाचन क्रिया को सक्रिय करता है और दिनभर के लिए शरीर को तैयार करता है. हालांकि, जिन लोगों को लो ब्लड शुगर की समस्या है, वे हल्का नाश्ता करके चल सकते हैं.

4. क्या जूते पहनकर घास पर चलने से भी फायदा होता है? | Is there any benefit in walking on grass while wearing shoes?

नहीं, जूते पहनकर चलने से वह लाभ नहीं मिलता जो नंगे पैर चलने से मिलता है. पैरों के तलवों में मौजूद प्रेशर पॉइंट्स तभी एक्टिव होते हैं जब वे सीधे धरती से संपर्क में आते हैं. जूते या चप्पल इस संपर्क को बाधित करते हैं. इसलिए अगर स्वास्थ्य की दृष्टि से चलना है तो नंगे पैर ही चलें.

5. क्या यह आदत हर मौसम में अपनाई जा सकती है? | Can one walk barefoot on grass in all weather conditions? 

गर्मी और वसंत ऋतु में यह आदत सबसे ज्यादा लाभकारी होती है क्योंकि मौसम अनुकूल होता है और घास भी ताजा रहती है. मानसून में कीचड़, फिसलन और कीड़ों का खतरा रहता है, इसलिए सावधानी जरूरी है. सर्दियों में सुबह की ओस ठंडी हो सकती है, लेकिन धीरे-धीरे शरीर इसकी आदत डाल सकता है.

6. क्या इससे वजन घटाने में मदद मिलती है? | Does walking barefoot on grass help with weight loss?

सीधे तौर पर नहीं, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से यह आदत वजन घटाने में सहायक होती है. हरी घास पर चलने से मेटाबॉलिज्म तेज होता है, तनाव कम होता है और पाचन बेहतर होता है. ये सभी वजन घटाने में मदद करते हैं. अगर इसे संतुलित आहार और हल्की एक्सरसाइज के साथ जोड़ा जाए तो परिणाम और बेहतर हो सकते हैं.

7. क्या यह योग का हिस्सा माना जाता है? | Is walking on grass considered part of yoga?

हां, इसे प्राकृतिक योग या वॉकिंग मेडिटेशन का हिस्सा माना जा सकता है. जब आप ध्यानपूर्वक, शांति से और गहरी सांस लेते हुए हरी घास पर चलते हैं, तो यह योग की तरह ही शरीर और मन को संतुलित करता है. यह ध्यान, प्राणायाम और प्रकृति से जुड़ने का एक सरल तरीका है.

8. क्या इससे माइग्रेन में राहत मिलती है? | Does walking on grass relieve migraines?

कुछ लोगों को माइग्रेन या सिरदर्द में राहत मिलती है क्योंकि यह आदत तनाव को कम करती है और दिमाग को शांत करती है. पैरों के तलवों पर दबाव पड़ने से न्यूरोलॉजिकल सिस्टम एक्टिव होता है, जिससे सिरदर्द में आराम मिल सकता है. हालांकि, यह हर व्यक्ति पर अलग-अलग असर करता है, इसलिए नियमितता और अनुभव से ही इसका मूल्यांकन करें.

9. क्या यह आदत बुजुर्गों के लिए सुरक्षित है? | Is the habit of walking on grass safe for the elderly?

हां, बुजुर्गों के लिए यह आदत सुरक्षित और लाभकारी है, बशर्ते वे सपोर्ट के साथ चलें और सतह समतल हो. यह उनके जोड़ों को सक्रिय रखता है, मानसिक शांति देता है और स्लीप क्वालिटी सुधारता है. अगर उन्हें संतुलन की समस्या है तो किसी की सहायता से या वॉकर के साथ चलना बेहतर होगा.

10. क्या यह आदत वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित है?

हां, कई वैज्ञानिक शोधों में यह पाया गया है कि नंगे पैर धरती पर चलना शरीर के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक चार्ज को संतुलित करता है, जिसे Earthing या Grounding कहा जाता है. इससे सूजन, तनाव, नींद की कमी और ब्लड सर्कुलेशन जैसी समस्याओं में सुधार देखा गया है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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