Varicose Veins : क्या है वैरिकोज वेन्स (अपस्फीत शिरा) की बीमारी, इसके कारण, लक्षण और उपचार?

Varicose (spider) veins: बढ़ी हुई नसों को वैरिकोज वेन्स कहा जाता है. इसका कारण बढ़ती उम्र के साथ नसों के लचीलापन का कम होना है. लचीलापन कम होने से नसों में खिंचाव बढ़ता है और नसों का वाल्व कमजोर हो जाता है.

Varicose Veins : क्या है वैरिकोज वेन्स (अपस्फीत शिरा) की बीमारी, इसके कारण, लक्षण और उपचार?

What causes varicose veins: वैरिकोज वेन्स में नसें गहरे बैंगनी या नीले रंग की दिखती हैं.

खास बातें

  • बढ़ी हुई नसों को वैरिकोज वेन्स कहा जाता है.
  • इसका कारण बढ़ती उम्र के साथ नसों के लचीलापन का कम होना है.
  • नसों का वाल्व कमजोर हो जाता है.

What is Varicose (spider) veins: बढ़ी हुई नसों को वैरिकोज वेन्स कहा जाता है. इसका कारण बढ़ती उम्र के साथ नसों के लचीलापन का कम होना है. लचीलापन कम होने से नसों में खिंचाव बढ़ता है और नसों का वाल्व कमजोर हो जाता है. दिल की ओर बढ़ने वाला ब्लड उल्टी दिशा में बढ़ने लगता है और रक्त नसों में ही इकट्ठा हो जाता है. इससे नसें फूलकर वैरिकोज वेन्स (Varicose Veins) बन जाती हैं जो पैरों की सूजन का कारण बनती है. इससे चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है. नसों का आकार बढ़ जाता है और यह त्वचा की सतह के नीचे उभरती हुई नीले रंग में दिखती हैं. नसों का गुच्छा बनने के कारण इसे स्पाइडर वेन्स भी कहते हैं. फूल रही हैं नसें या जम रहा है खून, ये हो सकते हैं कारण


वैरिकोज वेन्स के लक्षण | Varicose (spider) veins: Treatment, causes, symptoms


वैरिकोज वेन्स के लक्षण (Varicose (spider) veins symptoms)

1. वैरिकोज वेन्स में नसें गहरे बैंगनी या नीले रंग की दिखती हैं.
2. ये मुड़ी हुई और उभरी हुई दिखाई देती हैं.
3. पैरों में दर्द या भारीपन महसूस होता है.
4. निचले पैरों में जलन, मांसपेशियों में ऐंठन और सूजन.
5. लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने के बाद दर्द का बढ़ना.
6. नसों के आसपास खुजली और आसपास की त्वचा के रंग में परिवर्तन.

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o8kr6lcoWhat is Varicose (spider) veins: बढ़ी हुई नसों को वैरिकोज वेन्स कहा जाता है.

वैरिकोज वेन्स का इलाज (Varicose (spider) veins: Treatment) 

एलिवेशन: वैरिकोज वेन्स के इलाज में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने और नसों में दबाव कम करने के लिए, दिन में कई बार अपने पैरों को अपनी कमर से ऊपर उठाने की सलाह दी जाती है. इससे काफी ज्यादा आराम मिलता है.

इंजेक्शन थेरेपी: इसे स्क्लेरोथेरेपी कहा जाता है. इस दौरान डॉक्टर नस में एक घोल इंजेक्ट करता है. इससे वेन वॉल्स आपस में चिपक जाती हैं. फिर स्कार में बदल जाती और धीरे-धीरे खत्म हो जाती है.

लेजर थेरेपी: इसमें डॉक्टर डैमेज्ड वेन को बंद करते है. वेन को बंद करने के लिए कैथेटर (एक लंबी, पतली ट्यूब) और लेजर का इस्तेमाल किया जाता है. वैरिकोज वेन्स के इलाज में इस प्रोसेस को काफी कारगर माना जाता है.

वेन सर्जरी: इसे लिगेशन और स्ट्रिपिंग भी कहा जाता है. सर्जन रक्त को पूलिंग से रोकने के लिए प्रभावित नस (लिगेशन) को बंद कर देता है. वैरिकाज़ नसों को फिर से प्रकट होने से रोकने के लिए सर्जन नस को हटा भी सकता है.  

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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