Mood Swing: क्या है मूड-स्विंग? जानें लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

Mood Swing: मूड में एकाएक उतार चढ़ाव का सामना करने लगें तब समझ जाएं कि आप मूड स्विंग की शिकार हैं. पोस्ट 40 या मेनोपॉज का समय शुरू होने के आसपास महिलाओं के मूड में अक्सर इस तरह के बदलाव नजर आते हैं, जिसकी कोई दवा भी नहीं है.

Mood Swing: क्या है मूड-स्विंग? जानें लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

Mood Swing: आप भी हैं मूड स्विंग के शिकार तो इन टिप्स के साथ पाएं काबू.

क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि अचानक बैठे बैठे आप टेंशन में आ गए हों या किसी छोटी सी बात पर आपको तेज गुस्सा आया हो. जोरदार गुस्सा करने के बाद आप अचानक शांत हो गई या बहुत रिलेक्स फील कर रही हों. मूड में ऐसे ही उतार चढ़ाव का सामना करने लगें तब समझ जाएं कि आप मूड स्विंग की शिकार हैं. पोस्ट 40 या मेनोपॉज का समय शुरू होने के आसपास महिलाओं के मूड में अक्सर इस तरह के बदलाव नजर आते हैं, जिसकी कोई दवा भी नहीं है. बस अपने मूड को समझिए और इस स्थिति से उबरने के लिए चंद टिप्स फॉलो कीजिए.


क्या होता है मूड स्विंग- What Is Mood Swing?
मिजाज में अचानक और तेजी से आ रहे बदलाव को मूड स्विंग कहा जा सकता है. जब आप किसी एक पल के लिए खुश होते हैं और अचानक मायूस हो जाते हैं. मेडिकल टर्म्स में इसे एक तरह का बायोलॉजिकल डिसऑर्डर माना गया है, जिस पर काबू पाना बहुत आसान नहीं है. खुद को समझते हुए कुछ टिप्स अपनाएं तो आप काफी हद तक इस डिसऑर्डर से उबर सकते हैं. 

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मूड स्विंग से निपटने के आसान उपाय- How To Treat Mood Swing:

1. डाइट में बदलाव-
आप डाइट के जरिए मूड स्विंग से उबर सकते हैं. मूड स्विंग से परेशान हैं तो सबसे पहले मसालों से तौबा करें. इसके अलावा शुगर, कार्बोहाइड्रेट और फैट भी उतने ही लें जितना शरीर के लिए जरूरी है. वो चीजें खाएं जिसमें मैग्नीशियम और विटामिन सी अच्छी मात्रा में होता है. इसके लिए आप केला और संतरा जैसे फलों को डाइट में बढ़ा सकते हैं.

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2. एक्सरसाइज करें-
नियमित रूप से एक्सरसाइज जरूर करें. एक्सरसाइज करने से शरीर और दिमाग दोनों का स्ट्रेस रिलीज हो जाता है. रेगुलर एक्सरसाइज से शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज होता है, जो हमारे मूड को संचालित रखता है साथ ही इसकी वजह से अच्छी नींद भी आती है. पूरी नींद आने से मूड बेहतर बना रह सकता है. 

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3. खूब पानी पिएं-
पानी ज्यादा पीने की आदत हमेशा ही फायदेमंद है. ये एक नेचुरल डिटॉक्स और बॉडी क्लीनर है. पानी पीने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स बहुत आराम से शरीर से बाहर निकल जाते हैं. जिसकी वजह से चिड़चिड़ापन नहीं लगता और मिजाज अच्छा रह सकता है.

4. पॉजिटिविटी रखें-
मूड को अच्छा रखने के लिए अपने आसपास पॉजिटिविटी रखें. अपने आसपास साफ सफाई रखें. चाहें तो एरोमेटिक थेरेपी अपनाएं या म्यूजिक थेरेपी भी अपना सकते हैं. इससे भी मूड बेहतर रह सकता है.   

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