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आंखोंदेखी: अपने परिजनों को आखिरी सेकेंड तक.. दिल चीर रही धराली के सुभाष की खौफनाक कहानी

सुभाष के आंखों के सामने ही उसका पूरा गांव मलबे में बदल गया. जिस समय ये सब हुआ उस दौरान गांव में एक मेला भी चल रहा था.

उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से भारी तबाही

  • उत्तरकाशी के धराली गांव में अचानक आई आपदा ने कुछ सेकेंड्स में पूरे गांव को मलबे में बदल दिया.
  • आपदा के समय गांव में हारदूध मेला चल रहा था, जहां ज्यादातर लोग मौजूद थे और कई लोग फंसे रहे.
  • सुभाष ने बताया कि तेज आवाज के बाद सैलाब ने जल्दी से गांव को अपनी जद में ले लिया और नुकसान पहुंचाया.
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धराली:

उत्तरकाशी के धराली गांव में मंगलवार को पहाड़ों से आई आफत ने देखते ही देखते महज कुछ सेकेंड्स में पूरे गांव को मलबे में बदल दिया. चंद लोग जो इस आपदा में खुशनसीबी से बच पाए उनकी आंखोंदेखी दिल दहला देने वाली है. धराली गांव में आई आपदा में बचने वाले सुभाष बताते हैं कि सब कुछ सेकेंड्स में ही हो गया. जिस समय धराली में 'मातम का सैलाब' आया उस दौरान वहां हारदूध मेला चल रहा था. ज्यादातर लोग इस मेले शामिल होने आए थे. मैं भी अपने घर पर था. लेकिन दोपहर डेढ़ बजते ही एकाएक तेज आवाज आई. 

ऐसा लगा जैसे कोई पहाड़ी टूट रही हो, लेकिन इससे पहले कि मैं और धराली में चल रहे मेले में मौजूद कुछ समझ पाते, सैलाब ने पूरे गांव को अपनी जद में ले लिया. मैं कोशिश कर रहा था कि मैं अपने परिजनों को फोन करूं. कई बार फोन लगाया लेकिन किसी से कोई संपर्क नहीं हो सका. मेरे सामने कई घर ताश के पत्तों की तरफ सैलाब के साथ बहते और टूटते चले गए. 

किसी को चीख पुकार मचाने तक का समय नहीं मिला

सुभाष ने बताया कि गांव में ये तबाही इतनी जल्दी मची कि किसी को सोचने और रिएक्ट करने का समय तक नहीं मिला. सैलाब एक-एक करके घरों को अपनी चेपट में ले रहा था. जिस समय ये सब हो रहा था उस दौरान इन घरों में भी कई लोग मौजूद थे. जो मेरी आंखों के सामने ही मलबे में समा गए. 

बेहद खौफनाक था वो मंजर

सुभाष ने बताया कि मैंने अपनी आंखों के सामने पूरे गांव को तबाह होते देखा. चंद सेकेंड में पूरा गांव मलबे में समा चुका था. मैं इतना डर गया कि मुझे भरोसा नहीं हो रहा था कि मैं बच पाऊंगा. मैं अपनी मौत का इंतजार कर रहा था लेकिन कुछ मिनट बाद ही सैलाब की तीव्रता कम हुई और मेरे हर तरफ सिर्फ मलबा ही मलबा था. मैं तो किसी तरह बच गया लेकिन मेरे गांव के कई अपने इस मलबे में समा गए. 
 

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