
What To Eat By Age Group: जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारे शरीर की जरूरतें भी बदलती हैं. जो चीजें हम 20 की उम्र में बिना किसी परेशानी के खा लेते थे और डायजेस्ट हो जाती थी, वही चीजें 30 के बाद हमारे शरीर में फैट जमा करने लगती हैं. बहुत से लोग इस फैक्ट को नहीं समझते हैं और समान रूप से खाते रहते हैं, जिससे कम उम्र में ही हार्ट और पेट से जुड़ी कई समस्याओं के शिकार हो जाते हैं. कार्डियोलॉजिस्ट सर्जन डॉक्टर नरेश त्रेहान ने एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि उम्र के हिसाब से हमें अपनी डाइट पर ध्यान देना बहुत जरूरी है, वरना सेहत से जुड़ी समस्याएं शुरू हो सकती हैं. आइए जानते हैं कब, कितना और क्या खाएं?
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30 साल से पहले का शरीर
डॉ. त्रेहान कहते हैं कि 30 से कम उम्र के युवाओं का मेटाबॉलिज्म बहुत तेज होता है. इस उम्र में शरीर जो भी खाता है – चाहे वो दूध हो, घी हो, पनीर हो या तेल वाला खाना – उसे आसानी से पचा लेता है. इसीलिए आपने देखा होगा कि 20-25 साल की उम्र के लोग अगर 2 प्लेट खाना भी खा जाते हैं तो फिर भी उनका वजन नहीं बढ़ता.
30 के बाद क्या होता है?
जब कोई व्यक्ति 30 साल की उम्र पार कर लेता है, तब उसका मेटाबॉलिक रेट धीरे-धीरे घटने लगता है. इसका मतलब है कि शरीर पहले जैसी तेजी से खाना पचा नहीं पाता. इसी वजह से वही खाना जो पहले एनर्जी देता था, अब चर्बी के रूप में जमा होने लगता है और वजन बढ़ने की संभावना ज्यादा हो जाती है.
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उम्र के हिसाब से खानपान कैसे हो?
20 से 30 साल की उम्र:
- भरपूर कैलोरी वाली डाइट चल सकती है.
- दूध, दही, घी, ड्राई फ्रूट्स आदि को डाइट में शामिल किया जा सकता है.
- फिजिकल एक्टिविटी ज्यादा रखें ताकि शरीर फिट रहे.
30 से 40 साल की उम्र:
- घी, तेल, पनीर की मात्रा कम करें.
- सलाद, हरी सब्जियां, लो-फैट दूध, फल ज्यादा खाएं
- शुगर और प्रोसेस्ड फूड से बचें.
- नियमित व्यायाम करें
40 से 50 साल की उम्र:
- हाई-फाइबर डाइट लें ताकि पाचन अच्छा रहे.
- नमक और चीनी की मात्रा नियंत्रित करें
- हर 6 महीने में हेल्थ चेकअप करवाएं.
50 साल के बाद:
- हल्का, सुपाच्य और घर का बना खाना ही खाएं.
- मसालेदार, ज्यादा ऑयली खाने से बचें.
- प्रोटीन और कैल्शियम का सेवन बढ़ाएं (जैसे दालें, दूध, पनीर की सीमित मात्रा)
डॉक्टर की सलाह क्यों जरूरी है?
डॉक्टर त्रेहान बताते हैं कि बढ़ती उम्र में शरीर के अंदर कई बदलाव आते हैं – जैसे हार्मोन बदलना, मसल्स में कमजोरी आना, पाचन धीमा होना. ऐसे में अगर हम अपने खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव नहीं करेंगे तो मोटापा, हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
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हर उम्र में एक जैसा खाना और उसी मात्रा में खाना सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है. इसलिए जरूरी है कि हम अपनी उम्र के अनुसार अपने खानपान को बैलेंस करें. उम्र बढ़ने के साथ शरीर को हल्का, पोषण से भरपूर और सुपाच्य खाना चाहिए और यही असली हेल्दी लाइफस्टाइल का राज है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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