10 Tips For Managing Parenting Stress : जिस घर में छोटे बच्चे होते हैं वहां माता-पिता की जिम्मेदारी कई गुना बढ़ जाती है. जिसमें उनकी सेहत से लेकर उनकी जरूरत और हर चीज का ध्यान रखना शामिल है. ये समस्या तब और बढ़ जाती है जब माता-पिता वर्किंग होते हैं. इन सब में बच्चों की अच्छी परवरिश, बजट, रिलेशनशिप और ऑफिस का काम सब कुछ शामिल होता है. इस पूरी लाइफ स्टाइल में पैरेंट्स खुद के लिए समय ही नहीं निकाल पाते. इससे उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर काफी गहरा असर पड़ता है. जो एक दम से दिखाई नहीं देता लेकिन ये कई तरह से प्रभावित करता है. अगर आप भी पैरेंटिंग स्ट्रेस से गुजर रहे हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो अभी से ये 10 सरल टिप्स अपना कर फायदा उठा सकते हैं.
पैरेंटिंग स्ट्रेस मैनेज करने के 10 सरल उपाय (10 Tips For Managing Parenting Stress)
पैरेंटिंग स्ट्रेस को कैसे पहचाने?
सबसे पहले तो आप अपने स्तर पर नोट करना शुरू करें कि क्या आप वाकई पैरेंटिंग स्ट्रेस के शिकार है या इससे गुजर रहे हैं? अगर हां तो आप इसके लिए छोटे-छोटे उपाय कर सकते हैं लेकिन अगर आपको स्थिति अपने बस के बाहर लग रही है तो आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और उचित ट्रीटमेंट लें.
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ऐसे दिखता है शरीर में तनाव-
अगर आप पैरेंटिंग स्ट्रेस से जूझ रहे हैं तो आपके शरीर के विभिन्न अंगों पर इसका अलग-अलग असर नजर आएगा. जैस
1. सिर दर्द
2. पेट की समस्या
3. थकान
4. फोकस करने में परेशानी
5. मांसपेशियों में तनाव
6. त्वचा में खराश
7. दांत पीसना
8. बार-बार सर्दी लगना
9. उलझी हुई सोच आदि.
स्ट्रेस से होने वाले लॉन्ग टर्म इफेक्ट क्या हैं?
लगातार बने रहने वाला स्ट्रेस शरीर पर कई तरह के प्रभाव डाल सकता है. इसके कारण टेंशन और डिप्रेशन जैसे मेंटल हेल्थ इशूज हो सकते हैं और यह हार्ट को प्रभावित कर सकता है जिससे हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है. टेंशन में खान-पान से भी मोटापा हो सकता है, एसिड रिफ्लक्स और गैस्ट्राइटिस जैसी पेट की कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं. इसके अलावा बहुत अधिक टेंशन से पिंपल्स, एक्जिमा और बालों का झड़ना भी हो सकता है.
10 टिप्स को फॉलो करके दूर करें पैरेंटिंग स्ट्रेस (Follow these 10 tips to reduce parenting stress)
1) ताजी हवा में बाहर निकलें
हर दिन कुछ छोटा करने का लक्ष्य रखें और अपने आस-पास के माहौल पर ध्यान देने की कोशिश करें. पास के पार्क में घूमने जाएं और पक्षियों के चहचहाने की आवाज पर ध्यान दें. आप 20 मिनट की जॉगिंग के लिए भी जा सकते हैं. एक्सरसाइज और ताजी हवा के कॉम्बिनेशन से आपके मस्तिष्क में डोपामाइन नाम का केमिकल रिलीज होता है जो आपको खुश रखने में सहायक है.
2) बॉडी को करें स्ट्रेच
अपनी बॉडी को स्ट्रेच कराने के लिए आपको थोड़ा ब्रेक लेना चाहिए. स्ट्रेचिंग से मसल्स का तनाव दूर होता है और दिमाग को शांत करने में मदद मिलती है. स्ट्रेचिंग के कई सारे वीडियोज आपको यूट्यूब पर मिल सकते हैं.
3) व्यवस्थित हो जाएं
अगर आपको ऐसा लगता है कि आप अपनी लाइफ से दूर हो रहे हैं तो व्यवस्थित होने की कोशिश करें. इसके लिए आप कैलेंडर पर कोई भी तारीख के साथ अपना गोल सेट करें. इस गोल में आपके घर की साफ सफाई भी शामिल हो सकती है. क्लटर फ्री जीवन जीने से आपको मानसिक और शारीरिक शांति मिलती है जो वाकई आपके लिए बहुत आराम दायक हो सकता है.
4) लिखने की आदत डालें
आपके दिमाग में जो भी चल रहा है उसे एक पेपर पर लिख लें. फिर चाहे वो महत्वपूर्ण हो या फिर मामूली, बस आप अपने दिमाग को खाली रखने के लिए ये तरीका अपनाएं. जब आप अपनी सभी टेंशन को एक लिस्ट में देखेंगे तो आप कुछ चिंताओं को दूर करने के लिए सही दिशा में काम करने के बारे में सोचेंगे. ऐसा करना आपको अधिक कंट्रोल और शांति फील करा सकता है.
5) हंसिए
हंसने से सच में ब्लड प्रेशर बढ़ता है और आप ख़ुशी महसूस करते हैं. यदि आप अपने दोस्तों से मिलने नहीं जा पा रहे हैं, तो सोफे पर बैठ जाएं और शाम को कॉमेडी शो या फिल्मों का आनंद लें.
6) म्यूजिक सुनें
यदि आप चाहें तो अपने मन पसंद गाने बजा सकते हैं साथ ही उन्हें गुनगुना भी सकते हैं. इसके लिए आप अपने फेवरेट गानों की प्ले लिस्ट भी तैयार कर सकते हैं.
7) कुछ नया ट्राई करें
जीवन में अलग-अलग तरह के शौक पालना आपकी लाइफ और ज्यादा खुश मिजाज़ बना सकती है. आप खुद को फिट रखने के लिए फिटनेस क्लास ज्वाइन कर सकते हैं. डांसिंग, सिंगिंग क्लासेस ले सकते हैं. इसके अलावा अपने शौक को पूरा करने के लिए यूट्यूब की सहायता भी ले सकते हैं.
8) लें गहरी सांसें
दिन में कुछ मिनट शांति से बैठकर गहरी सांसें लें. ये एक्टिविटी आप अकेले या अपने बच्चों के साथ भी कर सकते हैं. गहरी, धीमी सांसे एंडोर्फिन के फ्लो को बढ़ाती है - ये दिमाग के लिए एक नेचुरल पेन किलर का काम करती है.
9) हर दिन अपने लिए समय निकालें
इसके लिए भले ही आपको बच्चों के उठने से आधा घंटे पहले उठना पड़े. इससे ये होगा कि बच्चे के उठने तक आप व्यवस्थित और शांत हो रहें.
10) दोस्तों से बात करें
दोस्तों और उन लोगों की लिस्ट तैयार करें जिनके पास हम अलग-अलग कामों के लिए जा सकें. ताकि हमें ऐसा न लगे कि हम सिर्फ एक व्यक्ति के लिए बोझ बने हुए हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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