
क्या आपको पता है रिसर्चर्स के अनुमान के मुताबिक दुनिया भर में लगभग 84 करोड़ लोग किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं और करीब 82.8 करोड़ लोगों को डायबिटीज है. डायबिटीज तब होती है जब शरीर इंसुलिन का ठीक से इस्तेमाल या उसका निर्माण नहीं कर पाता. डायबिटीज से पीड़ित 95% लोगों को टाइप 2 डायबिटीज होती है. हालांकि ये दो अलग-अलग बीमारियां हैं, लेकिन ये आपस में जुड़ी हुई हैं क्योंकि टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) वाले हर तीन एडल्ट में से एक को क्रोनिक किडनी की बीमारी भी होती है. इसके अलावा, ये दोनों कंडीशन की वजह से मरीज में स्ट्रोक और हार्ट अटैक का रिस्क भी बढ़ जाता है.
दुनियाभर के डायबिटीज और किडनी के मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है. हाल ही में द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी जर्नल में पब्लिश एक नई स्टडी में पाया गया है कि यू.एस. एफडीए अप्रूव दवा (U.S. FDA-approved medication) जिसका इस्तेमाल टाइप 2 डायबिटीज और क्रोनिक किडनी डिजीज वाले लोगों के इलाज के लिए किया जा रहा है, वो उनके स्ट्रोक और हार्ट अटैक के रिस्क को भी कम करने में मदद करती है.
सोटाग्लिफ्लोजिन ने जगाई नई आशा (Sotagliflozin raises new hope)
इस स्टडी में स्कोर्ड ट्रायल के डेटा को एनालाइज किया गया, जो एक मल्टीसेंटर क्लिनिकल ट्रायल था, जिसमें उन पार्टिसिपेंट को शामिल किया गया था, जिन्हें टाइप 2 डायबिटीज, क्रोनिक किडनी डिजीज और हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा था. स्टडी में भाग लेने वालों को या तो प्लेसबो (Placebo) या सोटाग्लिफ्लोजिन (Sotagliflozin) नाम की दवा दी गई.
माउंट सिनाई फस्टर हार्ट हॉस्पिटल के डायरेक्टर और माउंट सिनाई के इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन में कार्डियोवास्कुलर मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. वैलेन्टिन फस्टर प्रोफेसर और इस स्टडी के लीड ऑथर दीपक एल. भट्ट, MD, MPH, MBA ने मेडिकल न्यूज टुडे को बताया, "स्कोर्ड ट्रायल में डायबिटीज, किडनी और एडिशनल कार्डियोवस्कुलर रिस्क वाले मरीजों की जांच की गई, क्योंकि इन लोगों को कार्डियक प्रॉब्लम का ज्यादा सामना करना पड़ता है."
उन्होंने कहा, “इस दवा से हमने हार्ट फेल और किडनी की प्रतिकूल घटनाओं में कमी देखी. हम देखना चाहते थे कि क्या दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा भी कम हो सकता है.''
भट्ट ने कहा, "सोटाग्लिफ्लोजिन (Sotagliflozin) एक ऐसी दवा है जो किडनी में SGLT2 (सोडियम-ग्लूकोज कोट्रांसपोर्टर 2) नाम के रिसेप्टर को ब्लॉक कर देती है. दूसरी पॉपुलर दवाएं जैसे एम्पाग्लिफ्लोजिन (empagliflozin) और डेपाग्लिफ्लोजिन (dapagliflozin) भी इस रिसेप्टर को ब्लॉक करती हैं."
हार्ट अटैक और स्ट्रोक का रिस्क हुआ कम (Risk of heart attack and stroke reduced)
इस स्टडी के लिए, भट्ट और उनकी टीम ने करीब 10,600 स्कोर्ड ट्रायल पार्टिसिपेंट के डेटा को एनालाइज किया, जिन्हें 2017 से 2020 के बीच सोटाग्लिफ्लोजिन या प्लेसबो दिया गया था.
डेटा को एनालाइज करने पर रिसर्चर्स ने पाया कि सोटाग्लिफ्लोजिन लेने वाले पार्टिसिपेंट में प्लेसबो लेने वालों की तुलना में हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कार्डियोवस्कुलर संबंधी वजहों से मौत का खतरा 23% कम हो गया.
भट्ट ने कहा, "डायबिटीज और किडनी की बीमारी वाले लोगों में कार्डियोवस्कुलर कॉम्प्लिकेशन, जैसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बहुत ज्यादा होता है. हमें इन रिस्क को कम करने के लिए नए ट्रीटमेंट की जरूरत है."
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ये दवा कैसे काम करती है? (How does this drug work?)
यह पूछे जाने पर कि सोटाग्लिफ्लोजिन हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को कम करने में कैसे मदद करती है, डॉ भट्ट ने बताया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि यह दवा SGLT1 (सोडियम-ग्लूकोज कोट्रांसपोर्टर 1) रिसेप्टर को भी ब्लॉक कर देती है. यह रिसेप्टर किडनी, गट, हार्ट और ब्रेन में पाया जाता है.
उन्होंने बताया कि यह पहली दवा है, जो SGLT1 और SGLT2 दोनों रिसेप्टर्स को ब्लॉक करके हार्ट अटैक और स्ट्रोक दोनों के रिस्क को भी कम करती जबकि अन्य दवाएं ऐसा नहीं करती हैं.
डॉ भट्ट ने कहा, “डायबिटीज, किडनी की बीमारी और एडिशनल कार्डियोवस्कुलर रिस्क फैक्टर वाले मरीजों में, सोटाग्लिफ्लोजिन के जरिए SGLT2 और SGLT1 रिसेप्टर्स को ब्लॉक करने से हार्ट फेल होने, किडनी की बीमारी के बढ़ने, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का रिस्क कम होता है. जिन मरीजों के इलाज के लिए इस दवा का इस्तेमाल हो रहा है उनमें कार्डियोवस्कुलर रिस्क में काफी कमी आ सकती है.
इस स्टडी ने डायबिटीज, किडनी, हृदय रोग और स्ट्रोक के खतरे से जूझ रहे है लोगों के मन में एक नई आशा जगा दी है. इस दवा के फायदे देखकर लग रहा है कि जल्द ही इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाने लगेगा.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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