Agastya Tree For Health: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में सिरदर्द, पेट दर्द, जुकाम, गैस, थकान और कभी-कभी जोड़ों का दर्द होना आम बात हो गई है. थोड़ी-सी परेशानी होते ही हम दवा की तरफ भागते हैं, जबकि बार-बार दवाएं लेना शरीर पर बुरा असर डाल सकता है. आयुर्वेद हमें सिखाता है कि कई छोटी-बड़ी बीमारियों का इलाज प्रकृति में ही मौजूद है, बस जरूरत है उन्हें सही तरीके से पहचानने और इस्तेमाल करने की.
ऐसी ही एक बेहद उपयोगी लेकिन कम चर्चित आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है अगस्त्य का पेड़, जिसे कई जगह अगस्ति या गाछ मूंगा भी कहा जाता है. प्राचीन काल से ही आयुर्वेद में इस पौधे का उपयोग दवा के रूप में किया जाता रहा है. खास बात यह है कि अगस्त्य का पेड़ सिर्फ एक हिस्से से नहीं, बल्कि फूल, पत्ते, जड़, छाल और फल हर भाग से सेहत को फायदा पहुंचाता है. इसी वजह से आयुर्वेद में इसे एक संपूर्ण औषधीय पौधा माना गया है.
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पोषक तत्वों का खजाना है अगस्त्य
अगस्त्य के पेड़ में कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसमें मौजूद आयरन खून की कमी यानी एनीमिया को दूर करने में मदद करता है. विटामिन्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं, जिससे बार-बार बीमार पड़ने का खतरा कम होता है.
इसके अलावा इसमें प्रोटीन होता है, जो शरीर को ताकत और एनर्जी देता है, जबकि कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है. इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट शरीर को रोजमर्रा के कामों के लिए जरूरी एनर्जी प्रदान करता है.
सिरदर्द और जुकाम में राहत
अगर आप बार-बार सिरदर्द या जुकाम से परेशान रहते हैं, तो अगस्त्य के फूलों का अर्क काफी फायदेमंद हो सकता है. यह सिरदर्द को कम करने के साथ-साथ नाक बंद होने, छींक और सर्दी-जुकाम में भी राहत देता है. बदलते मौसम में यह एक प्राकृतिक उपाय की तरह काम करता है.

पेट की समस्याओं के लिए रामबाण
पेट दर्द, गैस, सूजन और अपच जैसी दिक्कतों में अगस्त्य के फूलों का अर्क बहुत उपयोगी माना जाता है. इसमें मौजूद गुण पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं और एंटी-अल्सर गुण पेट के अल्सर में भी मदद कर सकते हैं. नियमित और सीमित मात्रा में सेवन करने से पेट हल्का और साफ महसूस होता है.
त्वचा की समस्याओं में भी असरदार
अगस्त्य में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण त्वचा के लिए भी फायदेमंद हैं. यह स्किन इंफेक्शन, खुजली और फोड़े-फुंसियों की समस्या को कम करने में मदद करता है. इसके पत्तों या फूलों का लेप बाहरी रूप से भी इस्तेमाल किया जाता है.
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डायबिटीज और जोड़ों के दर्द में लाभ
आयुर्वेद के अनुसार, अगस्त्य का अर्क टाइप-2 डायबिटीज में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायक हो सकता है. वहीं जोड़ों के दर्द और आर्थराइटिस के मरीजों के लिए भी यह पौधा लाभकारी है. इसके फूलों में पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-आर्थराइटिस गुण सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं.

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इस्तेमाल का सही तरीका
- फूलों का पाउडर: सूखे फूलों का आधा चम्मच पाउडर पानी या दूध के साथ सुबह खाली पेट लें.
- पत्तों की सब्जी या रस: पत्तों को उबालकर सब्जी के रूप में खा सकते हैं या थोड़ी मात्रा में रस ले सकते हैं.
- जड़ और छाल का काढ़ा: पाचन सुधारने, ब्लड शुगर कंट्रोल करने और जोड़ों के दर्द में उपयोगी.
हालांकि अगस्त्य एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, लेकिन ज्यादा मात्रा में इसका सेवन नुकसानदायक हो सकता है. गर्भवती महिलाएं, गंभीर रोगी या नियमित दवाएं लेने वाले लोग इसका इस्तेमाल करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
अगस्त्य का पेड़ प्रकृति का एक अनमोल उपहार है, जो सिरदर्द से लेकर पेट, त्वचा, डायबिटीज और जोड़ों के दर्द तक में मदद कर सकता है. सही मात्रा और सही तरीके से इसका इस्तेमाल कर आप बिना ज्यादा दवाओं के भी अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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