Air Pollution: अगर आपको लगता है वायु प्रदूषण का स्तर सिर्फ दीवाली के बाद ही बढ़ता है, तो ऐसा नहीं है. बता दें, भारत में वायु प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति के कारण पद्म पुरस्कार से सम्मानित डॉक्टरों के एक ग्रुप ने एक 'अर्जेंट नेशनल हेल्थ एडवाइजरी' जारी की है. आइए जानते हैं इस बारे में.
80 से अधिक पद्म पुरस्कार से सम्मानित डॉक्टरों ने वायु प्रदूषण को लेकर जताई चिंता
आज के समय में हम सभी देख रहे हैं, दिल्ली हो या मुंबई, अब वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है, जिसकी वजह से लोगों का सांस लेने में दिक्कत हो रही है और उन्हें कई गंभीर बीमारियों का सामना भी करना पड़ रहा है.वहीं 80 से अधिक पद्म पुरस्कार से सम्मानित डॉक्टरों ने वायु प्रदूषण को लेकर चिंता जताई है और चेतावनी देते हुए बताया कि भारत एक "Significant Public Health Emergency" का सामना कर रहा है क्योंकि दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और कई अन्य क्षेत्रों में वायु की क्वालिटी खतरनाक स्तर तक गिर गई है और इस जहरीली हवा का नुकसान हर एज ग्रुप को उठाना पड़ रहा है, खासकर बच्चों, गर्भवती महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और हृदय या फेफड़ों की बीमारियों वाले लोगों को. बता दें, जहरीली हवा के कारण बढ़ती हेल्थ संबंधी समस्याओं को देखते हुए 80 से अधिक पद्म पुरस्कार से सम्मानित डॉक्टरों ने दिशा निर्देश जारी करते हुए सरकार से अपील भी की है.
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डॉक्टरों ने कहा है कि मनुष्य के लिए स्वच्छ हवा एक बुनियादी मानवीय आवश्यकता है और लोगों के स्वास्थ्य के लिए एक्शन लेना भी जरूरी है.
जहरीली हवा से होने वाले नुकसान
डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि जहरीली हवा गंभीर श्वसन समस्याओं को जन्म दे रही है, अस्थमा के दौरे बढ़ा रही है, दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ रहा है, और यहां तक कि डायबिटीज और उच्च रक्तचाप नियंत्रण (Hypertension Control) को भी प्रभावित कर रही है. डॉक्टरों ने चेतावनी देते हुए कहा कि लंबे समय तक ऐसी हवा के संपर्क में रहने से बच्चों के फेफड़ों को भी नुकसान हो सकता है.
वायु प्रदूषण से बचने के लिए डॉक्टरों ने दी ये सलाह
- एडवाइजरी में कुछ उपाय सुझाए गए हैं, जिसमें नागरिकों से कहा गया है कि जहां तक संभव हो, एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें और बाहर निकलते समय N95 मास्क पहनें. जब वायु प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा हो, तो उस दौरान घर से बाहर एक्सरसाइज करने से बचें. इसी के साथ दरवाजे और खिड़कियां बंद रखने की भी सलाह दी गई है.
- एडवाइजरी में आगे कहा गया, जिन घरों में प्यूरीफायर की सुविधा नहीं है, उनके लिए कम लागत वाले ऑप्शन भी बताए गए हैं. जैसे कि गीले फर्श पर पोछा लगाना, धूप, मोमबत्तियां और घर के अंदर के धुएं से बचना, और खाना बनाते समय उचित वेंटिलेशन की सुविधा करना जरूरी है.
- इसी के साथ वायु प्रदूषण के दौरान, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को ज्यादा बाहर न जाने दें. वहीं अस्थमा, हृदय रोग से पीड़ित मरीजों का अधिक ध्यान रखें और समय- समय पर उनका चेकअप करवाएं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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