Exam Stress: बच्चों के एग्जाम सिर्फ उनके नहीं बल्कि उनके माता-पिता के भी होते हैं. एग्जाम की चिंता बच्चों के साथ उनके पेरेंट्स की भी होती है कि बच्चों को थकान न हो. उनकी पढ़ाई पर ब्रेक न लगे. पढ़ाई के साथ साथ ये चिंता भी होती है कि बच्चों को ज्यादा स्ट्रेस न हो जाए. एग्जाम के दिनों में बच्चों की हर जरूरत का ध्यान रखना पड़ता है. लेकिन डाइट में कुछ छोटी छोटी चीजें मिस हो जाती हैं. जबकि पढ़ने वाले बच्चों की डाइट मेंटेन रखना उतना ही जरूरी है जितना उनकी पढ़ाई का ख्याल रखना. न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मल्होत्रा ने इस बार में जरूरी टिप्स शेयर किए हैं. जिन्हें फॉलो कर बच्चों को एग्जाम टाइम पर ऐसी डाइट दी जा सकती है जो उन्हें स्ट्रेस और थकान से तो फ्री रखेगी साथ ही उनकी कंसंट्रेशन पावर भी बढ़ाएगी.
यहां देंखे वीडियो:
सीजनल फल और सब्जियां
बच्चे पढ़ने में कितना भी व्यस्त हों, उन्हें समय समय पर फल जरूर खाने को दें. साथ ही लंच और डिनर में सीजनल सब्जियां शामिल करें. ये दोनों ही चीजें विटामिन सी, बी कॉम्प्लेक्स, जिंक और आयरन की कमी पूरी करेंगी. जिससे पढ़ाई का स्ट्रेस कम रहेगा.
हाई क्वालिटी प्रोटीन डाइट
पढ़ाई भले ही एक जगह बैठ कर होती है लेकिन उसमें एनर्जी भरपूर लगती है. इसलिए प्रोटीन रिच डाइट का होना बहुत जरूरी है. प्रोटीन डाइट बार बार भूख लगने की फीलिंग को भी कम करती है.
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हाई फाइबर फूड
प्रोटीन के साथ साथ फाइबर की मात्रा का भी ध्यान रखना होगी जिससे कब्ज की परेशानी नहीं होगी. पढ़ाई की वजह से बच्चे घंटो एक ही जगह पर बैठे रहते हैं जिसका असर बॉवल मूवमेंट पर पड़ता है. उससे बचने के लिए फाइबर की पर्याप्त मात्रा होना जरूरी है.
खूब पानी पिएं
सिर झुकाकर सिर्फ किताबे देखते रहने से सिरदर्द और आंख दर्द हो सकता है. इससे बचने के लिए बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पानी पीने को दें.
मीठे से बनाएं दूरी
एग्जाम के दौरान बच्चों को कम से कम मीठा और फैटी फूड दें. ज्यादा फैटी फूड खाने से सुस्ती जल्दी आती है. इसी तरह मीठा खाने से कंसंट्रेशन कमजोर हो सकता है.
पर्याप्त नींद लें
इन सबके साथ ये भी जरूरी है कि बच्चा नींद पूरी करे. पढ़ाई का स्ट्रेस कम करने के लिए नींद पूरी होना जरूरी है. कितनी भी पढ़ाई करनी हो कम से कम सात से आठ घंटे की नींद से समझौता न करें.
चाय, कॉफी कम रखें
नींद उड़ाने के लिए चाय या कॉफी पी जा सकती है. लेकिन इसकी मात्रा सीमित रखें. ज्यादा चाय या कॉफी पीने से इरिटेशन, बेचैनी और नर्वसनेस बढ़ने लगती है. बेहतर होगा कि इनका कोई और विकल्प खोजा जाए.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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