अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर साधा निशाना
- BJP के वरिष्ठ नेता अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर चुनावी हार के बाद वोट चोरी के आरोप लगाने का आरोप लगाया
- अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों को देश की जनता का अपमान बताया.
- कांग्रेस ने 1952 में डॉक्टर भीमराव आंबेडकर को चुनाव में हराने के लिए चुनावी भ्रष्टाचार का सहारा लिया था.
कांग्रेस के 'वोट चोरी' के आरोपों का भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पलटवार किया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी के तमाम आरोपों को लेकर दिल्ली स्थिति बीजेपी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हर हार के बाद कांग्रेस नया बहाना ढूंढती है. EVM और चुनाव आयोग से लेकर हर संवैधानिक संस्था पर आरोप लगाए जाते हैं. बिहार चुनाव पास देख कांग्रेस फिर यही कर रही है. अनुराग ठाकुर ने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस आयोग पर सवाल उठा रही है उससे ये तो साफ है कि वो साफ तौर पर देश की जनता अपमान कर रही है. कांग्रेस देश को वोटरों को नीचा दिखा रही है. हारते ये हैं और इल्जाम चुनाव आयोग और बीजेपी पर लगा देते हैं. इनकी हालत वैसी है कि धूल चेहरे पर थी और आईना साफ करते रहे.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव आंबेडकर को चुनाव हरवाया. औऱ चुनावी भ्रष्टाचार की नींव कांग्रेस ने 1952 में ही रख दी थी. कांग्रेस ने सीपीआई के साथ मिलकर आंबेडकर को हराया था. रिकॉर्ड में है कि 74,333 वोट उस दौरान खारिज किए गए थे जबकि डॉ. आंबेडकर मात्र 14,561 वोट से हारे थे. कांग्रेस ने तो संविधान निर्माता और दलीत नेता को पहले चुनाव में ही निपटाने की कोशिश खी. 31 अप्रैल 1952 को आंबेडकर ने 18 पेज की याचिका दी थी. संविधान निर्माता को चुनावी भ्रष्टाचार से हराया गया.
रायबरेली के आंकड़े दिए
अनुराग ठाकुर ने इस दौरान रायबरेली के आंकड़े गिनाए. उन्होंने कहा कि एक ही घर में 47 डुप्लिकेट वोटर हैं. मोहम्मद कैफ खान नाम से बूथ 83, बूथ 151 और बूथ 218 पर वोटर लिस्ट में नाम है. रायरबरेली में 47 वोटर आईडी मकान नंबर 189 के पोलिंग बूथ 131 पर रजिस्टर हैं. उनके नाम मोहम्मद इस्लाम, मोहम्मद कासिम, साफिया आदि हैं. ऐसा ही कुछ हाल पश्चिम बंगाल में भी है, जहां डायमंड हार्बर लोकसभा सीट पर मकान नंबर 0011 पर कई मतदाता रजिस्टर हैं.
कांग्रेस चुनाव आयोग को भी चोरी करने का काम करती थी. 2005 में खबर छपी की नवीन चावला को सोनिया गांधी ने चुनाव आयुक्त नियुक्त किया. उस समय पीएम मनमोहन सिंह थे. चीफ इलेक्शन कमिश्नर गोपाल स्वामी ने इसकी लिखित शिकायत की थी कि नवीन चावला ने बाहर जाकर फोन पर सोनिया से बात कर खबर लीक करने का काम किया है. चुनाव आयुक्त आरके त्रिवेदी कांग्रेस में शामिल हुए और गुजरात के गवर्नर बने.रमा देवी हिमाचल प्रदेश की गवर्नर बनीं. लिंगदोह भी कांग्रेस में शामिल हुए.टीएन शेषन भी कांग्रेस में शामिल हुए और चुनाव लड़े और हार गए.
'वोट चोरी' पर संग्राम
उन्होंने कहा कि कांग्रेस, चुनाव आयोग को ही चोरी करने का काम करती थी. 2005 में खबर छपी कि नवीन चावला को सोनिया गांधी ने चुनाव आयुक्त नियुक्त किया, जबकि उस समय पीएम मनमोहन सिंह थे. चुनाव आयुक्त आरके त्रिवेदी कांग्रेस में शामिल हुए और गुजरात के गवर्नर बने. रमा देवी हिमाचल प्रदेश की गवर्नर बनीं. लिंगदोह भी कांग्रेस में शामिल हुए. टीएन शेषन भी कांग्रेस में शामिल हुए और चुनाव लड़े और हार गए.
Sonia Gandhi's tryst with India's voters' list is riddled with glaring violations of electoral law. This perhaps explains Rahul Gandhi's fondness for regularising ineligible and illegal voters, and his opposition to the Special Intensive Revision (SIR).
— Amit Malviya (@amitmalviya) August 13, 2025
Her name first appeared… pic.twitter.com/upl1LM8Xhl
सोनिया गांधी को लेकर भी बड़ा दावा
वहीं, बीजेपी आईडी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से इतर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर दावा किया कि सोनिया गांधी का वोटर आईडी कार्ड उन्हें देश का नागरिकता मिलने से पहले ही मिल गया था. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी का वोटर कार्ड भारत की नागरिकता लेने से पहले ही बनाया जा चुका था. अनुराग ठाकुर ने कहा कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में वोटर लिस्ट में शामिल हुआ और उन्हें नागरिकता 1983 में मिली.
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