बच्चे की कमजोर होती इम्यूनिटी के इन संकेतों को पहचान लीजिए, वरना होगा बड़ा नुकसान

बतौर मां बाप ये जिम्मेदारी बन जाती है कि बच्चों की सेहत का खास ख्याल रखा जाए और खासकर बदलते मौसम में उनकी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखा जाए. लेकिन मां बाप को कैसे पता चले कि उनके बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो गई है.

बच्चे की कमजोर होती इम्यूनिटी के इन संकेतों को पहचान लीजिए, वरना होगा बड़ा नुकसान

बार-बार बीमार पड़ता है बच्चा तो हो जाएं सतर्क.

किसी भी इंसान के लिए उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता एक ऐसा सुरक्षा कवच होता है जो आपको संक्रामक बीमारियों से बचाकर रखता है. बात करें बच्चों की तो उनकी शारीरिक क्षमता वयस्कों की तुलना में कमजोर होती हैं क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, जिसके चलते वो संक्रामक बीमारियों की चपेट में आसानी से और जल्दी आ सकते हैं. इसकी एक वजह उनका खाने-पीने में आना कानी करना भी हो सकता है. अमूमन बच्चों का झुकाव जंक फूड पर ज्यादा रहता है. जिसके चलते बतौर मां बाप ये जिम्मेदारी बन जाती है कि बच्चों की सेहत का खास ख्याल रखा जाए और खासकर बदलते मौसम में उन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरच होती है. लेकिन एक सवाल जो आपको परेशान कर सकता है कि आखिर आपको पता कैसे लगेगा कि आपके बच्चे की इम्यूनिटी कमजोर है. बता दें कि कुछ ऐसे लक्षण होते हैं जो इस बात का संकेत देते हैं कि आपके बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है या अच्छी. तो चलिए जानते हैं कि किसी बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर पड़ने के क्या क्या लक्षण दिखाई दे सकते हैं ताकि मां बाप समय रहते अलर्ट  हो जाएं और बच्चे की इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने की कोशिश करें.

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रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के लक्षण (Symptoms of weak immunity):


बार बार बीमार पड़ना

यदि बच्चा बार-बार बीमार पड़ रहा है तो उसकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है. प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने की वजह से ही वो मौसमी बीमारियां जैसे सर्दी जुकाम, खांसी की चपेट में जल्दी आ सकते हैं.


बीमारी पर दवा का कम इफेक्ट होना

बैक्टीरियल  इन्फेक्शन आदि होने पर दवा दिए जाने पर भी कुछ बच्चों को आराम नहीं मिल पाता है. यह भी बच्चे की इम्यूनिटी पावर के कमजोर होने का संकेत हो सकता है. जब आपका शरीर अंदर से स्ट्रांग नही होगा तो दवाइयों का उसर भी देर से होता है.

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बुखार

बुखार दरअसल कोई बीमारी नहीं है बल्कि इम्यूनिटी सिस्टम का अलार्म है कि आप पर कोई बीमारी हमला कर रही है.  बुखार की चपेट में आना कमजोर प्रतिरोधक क्षमता का ही एक संकेत हो सकता है.  बुखार होने पर बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने का संकेत मिलता है ऐसे में आपको दवाइयों के साथ एंटीबायोटिक का सेवन भी जरूरी माना जाता है.

निमोनिया

अगर बच्चे को बार-बार बुखार आ रहा है तो लंबे समय से आने वाला बुखार निमोनिया में बदल सकता है. बता दें कि यह भी कमजोर रोग प्रतिरोधर क्षमता का संकेत हो सकता है. इसका मतलब है कि संक्रमण प्रतिरोधक क्षमता पर हावी हो गया है और शरीर में प्रवेश कर गया है. 

डायरिया

बार बार दस्त होना या डायरिया होना भी कमजोर प्रतिरोधक क्षमता का संकेत है. दस्त भी संक्रमण और बैक्टीरिया के हमले की वजह से होते हैं. इससे पेट में बैक्टीरिया पहुंचता है और पाचन तंत्र को खराब कर देता है.
 

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.