![राष्ट्रीय महिला दिवस पर जानें वह 5 हेल्थ प्रॉब्लम्स जिन्हें महिलाओं को बिल्कुल इग्नोर नहीं करना चाहिए राष्ट्रीय महिला दिवस पर जानें वह 5 हेल्थ प्रॉब्लम्स जिन्हें महिलाओं को बिल्कुल इग्नोर नहीं करना चाहिए](https://i.ndtvimg.com/i/2018-03/womens-day_650x400_41520401410.jpg?im=FeatureCrop,algorithm=dnn,width=773,height=435)
National Women's Day: भारत 13 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस मनाता है, जो सरोजिनी नायडू की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है. भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में एक प्रमुख महिला, उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और सशक्तिकरण की वकालत की. यह दिन लैंगिक समानता में मील के पत्थर को उजागर करता है, जिसमें मतदान के अधिकार से लेकर राजनीतिक प्रतिनिधित्व तक शामिल है, साथ ही शिक्षा, व्यवसाय और शासन में महिलाओं के लिए नेतृत्व के अवसरों को बढ़ावा देता है. इस खास मौके पर महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में बात करना भी बहुत जरूरी है. महिलाएं अक्सर अपने परिवार और काम की देखभाल में इतनी व्यस्त होती हैं कि वे अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं. लेकिन, महिलाओं को अपनी सेहत को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. कुछ हेल्थ प्रॉब्लम्स ऐसी होती हैं जिन्हें महिलाओं को बिल्कुल भी इग्नोर नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकती हैं.
राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 इतिहास और महत्व | National Women's Day 2025 History and Significance
राष्ट्रीय महिला दिवस सरोजिनी नायडू को समर्पित है, जिन्हें भारत की कोकिला के रूप में भी जाना जाता है, जिनका जन्म 13 फरवरी, 1879 को हुआ था. भारत में हर साल 13 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. यह स्वतंत्रता सेनानी, बाल प्रतिभा और कवियित्री सरोजिनी नायडू की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. सरोजिनी नायडू ने कई उपलब्धियां हासिल की थीं. यह दिन स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी बड़ी भूमिका, महिलाओं के अधिकारों के लिए उनके काम और कई अन्य क्षेत्रों में उनके योगदान को मान्यता देता है. राष्ट्रीय महिला दिवस हमें कई क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों की सराहना करने और महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता और लीडरशिप सपोर्ट करने के लिए याद दिलाने के लिए मनाया जाता है.
यह भी पढ़ें: क्या टूथपेस्ट में ये 2 चीजें मिलाकर दांतों की पीली गंदगी हो जाएगी साफ? जानें सफेद दांत पाने का कारगर घरेलू नुस्खा
भारत सरकार ने महिला सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय के लिए सरोजिनी नायडू के अथक प्रयासों और कई पीढ़ियों को प्रेरित करने वाले उनके साहित्यिक योगदान के सम्मान में 13 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में घोषित किया.
महिलाओं को क्यों नहीं करना चाहिए इन हेल्थ प्रोब्लम्स को इग्नोर
लैंगिक समानता और महिलाओं की सुरक्षा के संदेश को फैलाने के लिए कई सांस्कृतिक कार्यक्रम और अभियान आयोजित किए जाते हैं. इस दिन आइए कुछ सामान्य हेल्थ प्रोब्लम्स पर नजर डालें जिन्हें दुनिया भर की महिलाओं को नजरअंदाज़ नहीं करना चाहिए:
1. मासिक धर्म की समस्याएं
मासिक धर्म की अनियमितताएं आज महिलाओं की सबसे आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक हैं. आमतौर पर मेंट्रुअल साइकिल हर 21 से 35 दिनों में एक बार आता है.
ब्लड फ्लो में बदलाव के कारण ऐसी अनियमितताएं हो सकती हैं. इसके कारण महिलाओं को अक्सर पेट में क्रैम्प्स और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का अनुभव होता है. हमेशा डॉक्टर से सलाह लेने की सिफारिश की जाती है क्योंकि मासिक धर्म की अनियमितताएं कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हो सकती हैं.
यह भी पढ़ें: रोज गुड़ खाने के 9 बड़े फायदे, क्या आप जानते हैं इस नेचुरल स्वीटरन को खाने से क्या होता है? यहां जानें
2. आब्सटेट्रिक्स से रिलेटेड प्रोब्लम्स
हमारे देश में हजारों महिलाएं कई गंभीर मातृत्व समस्याओं के कारण अपनी जान गंवा देती हैं, जिनका इलाज नहीं हो पाता. ये समस्याएं मुख्य रूप से देश के ग्रामीण इलाकों में सामने आती हैं, जहां मेडिकल सर्विस का अभाव है.
3. पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (पीसीओडी)
दुनिया भर में लगभग 5 से 10 प्रतिशत महिलाएं पीसीओडी से प्रभावित हैं, जो एक हार्मोनल विकार है जो मुख्य रूप से 12 से 45 साल की आयु की महिलाओं को प्रभावित करता है.
भारत में लगभग 9 से 22 प्रतिशत महिलाएं पीसीओडी से प्रभावित हैं. यह हार्मोनल डिसऑर्डर आमतौर पर मासिक धर्म चक्र को प्रभावित करता है जिसकी वजह से कई कठिनाइयां होती हैं.
इससे उनकी गर्भधारण करने की क्षमता पर बहुत असर पड़ता है. अगर पीसीओडी का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह डायबिटीज, मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल आदि जैसी कई अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं को जन्म दे सकता है.
यह भी पढ़ें: बहुत ज्यादा दुबले पतले हैं, तो सुबह दूध के साथ खाएं ये 4 चीजें, हर दिन अलग स्वाद लेकर बढ़ाएं हड्डियों पर मांस
4. यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन
ये जीवाणु संक्रमण हैं जो एक महिला के यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन को प्रभावित करते हैं. यूटीआई किडनी, ब्लैडर, यूरेटर और यूरेथ्रा सहित यूरिनरी सिस्टम के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है.
यूटीआई महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली सबसे आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है. सही इलाज के लिए डॉक्टर से सलाह लेना और सही दवा लेना जरूरी है.
5. चिंता और अवसाद
पूरी दुनिया में कई लोग जिनमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं, कुछ मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करते हैं. यह आपके डेली रूटीन और प्रोडक्टिविटी को प्रभावित कर सकता है.
गर्भावस्था के बाद अवसाद भी भारत में एक आम समस्या है. ये मानसिक समस्याएं कई अन्य हेल्थ कंडिशन जैसे अनिद्रा, आत्महत्या की प्रवृत्ति, भूख न लगना और कई अन्य को जन्म दे सकती हैं.
Watch Video: डिलीवरी के बाद महिलाओं के शरीर में होते हैं ये बड़े बदलाव
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं