Nashte/Khane Ke Baad sugar Kitni Honi Chahiye: अगर आपको मधुमेह (Diabetes) है या आपके घर में कोई डायबिटिक है, तो उनके लिए यह जानना बहुत ज़रूरी है कि नाश्ते के बाद शुगर लेवल कितना होना चाहिए. खाने के बाद रक्त शर्करा (Blood Sugar) का स्तर बढ़ जाता है, लेकिन यह कितनी देर में, कितना बढ़ना चाहिए और फिर कितनी जल्दी सामान्य स्तर पर आना चाहिए—यह जानना आपके स्वास्थ्य को नियंत्रित रखने की कुंजी है.
रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखना डायबिटीज के प्रबंधन (Management) का सबसे ज़रूरी हिस्सा है. यहाँ हम आसान भाषा में समझेंगे कि अलग-अलग लोगों के लिए नाश्ते के 1 और 2 घंटे बाद शुगर लेवल की सामान्य रेंज क्या होती है.
शुगर लेवल की जाँच क्यों ज़रूरी है? (Why Test Sugar Levels?)
खाने के बाद शरीर भोजन को ग्लूकोज (Glucose) में बदलता है. इंसुलिन (Insulin) नामक हार्मोन इस ग्लूकोज को कोशिकाओं (Cells) में पहुँचाता है, ताकि उन्हें ऊर्जा मिल सके. डायबिटीज वाले लोगों में यह प्रक्रिया ठीक से काम नहीं करती, जिससे खून में शुगर का स्तर बढ़ जाता है. नाश्ते के बाद शुगर जाँचने को पोस्टप्रैंडियल ब्लड शुगर टेस्ट (Postprandial Blood Sugar Test)*कहते हैं.
नाश्ते के बाद शुगर लेवल कितना होना चाहिए? (Nashte Ke Baad Sugar Kitni Honi Chahiye)
डायबिटीज वाले हर व्यक्ति के लिए शुगर की रेंज अलग हो सकती है, जो उनकी उम्र, स्वास्थ्य स्थिति और डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करती है. लेकिन, सामान्यतः डॉक्टर इन रेंज को सही मानते हैं:
| श्रेणी (Category) | नाश्ते से पहले (Fasting) | नाश्ते के 1 घंटे बाद | नाश्ते के 2 घंटे बाद |
| स्वस्थ व्यक्ति (Non-Diabetic) | 70 - 100 mg/dL | 130 - 140 mg/dL से कम | 100 - 140 mg/dL से कम |
| डायबिटीज रोगी (Diabetic) | 80 - 130 mg/dL | 180 mg/dL से कम | 160 mg/dL से कम |
नोट: ये सामान्य लक्ष्य हैं. आपके डॉक्टर या एंडोक्रिनोलॉजिस्ट (Endocrinologist) आपके लिए इससे अलग और सख्त लक्ष्य तय कर सकते हैं.
नाश्ते के बाद 1 घंटा बनाम 2 घंटे: क्या फर्क है?
1. नाश्ते के 1 घंटे बाद (Peak Time):
जब आप खाना खाते हैं, तो शुगर का स्तर 1 घंटे बाद सबसे ज़्यादा (Peak) होता है. स्वस्थ लोगों में भी इस समय शुगर बढ़ती है, लेकिन डायबिटिक लोगों में यह तेज़ी से ऊपर जा सकती है. इसे 180 mg/dL से नीचे रखने का लक्ष्य होना चाहिए.
2. नाश्ते के 2 घंटे बाद (Target Time):
खाना खाने के 2 घंटे बाद, शरीर को शुगर को वापस सामान्य स्तर पर लाना होता है. डायबिटीज वाले लोगों के लिए यह स्तर 160 mg/dL से नीचे होना ज़रूरी है. अगर यह 200 mg/dL से ऊपर रहता है, तो यह खतरे की घंटी है, क्योंकि यह बताता है कि आपका शरीर शुगर को नियंत्रित नहीं कर पा रहा है.
पोस्टप्रैंडियल शुगर ज़्यादा क्यों होती है? (Reasons for High Post-Meal Sugar)
नाश्ते के बाद शुगर लेवल का ज़्यादा होना बताता है कि आपके प्रबंधन में कहीं कमी है. इसके मुख्य कारण:
दवा की खुराक: ली गई इंसुलिन या दवा की खुराक पर्याप्त नहीं थी.
आहार: नाश्ते में बहुत ज़्यादा कार्बोहाइड्रेट्स (जैसे आलू, मीठे फल, या सफ़ेद ब्रेड) या कम फाइबर (Fiber) वाला भोजन लिया गया.
शारीरिक गतिविधि: नाश्ते के बाद बिल्कुल भी शारीरिक गतिविधि (Exercise) न करना.
तनाव: सुबह तनाव (Stress) का उच्च स्तर भी शुगर बढ़ा सकता है.
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पोस्टप्रैंडियल शुगर कंट्रोल क्यों ज़रूरी है?
पोस्टप्रैंडियल शुगर (खाने के बाद की शुगर) को नियंत्रित करना उतना ही ज़रूरी है जितना खाली पेट की शुगर को.
अंगों को नुकसान: अगर खाने के 2 घंटे बाद भी शुगर 180 mg/dL से ऊपर बनी रहती है, तो यह धीरे-धीरे आपकी नसों, दिल, किडनी और आँखों जैसे अंगों को नुकसान पहुँचाना शुरू कर देती है.
HbA1c पर असर: खाने के बाद की शुगर का स्तर ही आपके तीन महीने के औसत शुगर स्तर (HbA1c) को सबसे ज़्यादा प्रभावित करता है. इसे नियंत्रण में रखकर आप अपना HbA1c कम कर सकते हैं.

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नाश्ते के बाद शुगर कैसे नियंत्रित करें? (Tips to Control Post-Meal Sugar)
- प्रोटीन और फाइबर शामिल करें: अपने नाश्ते में प्रोटीन (जैसे अंडा, पनीर, दही) और फाइबर (जैसे ओट्स, दलिया, सब्ज़ियां) की मात्रा बढ़ाएँ. ये ग्लूकोज के अवशोषण (Absorption) को धीमा करते हैं.
- कार्ब की गिनती: नाश्ते में लिए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा पर नज़र रखें. एक निश्चित सीमा से ज़्यादा कार्ब्स लेने से बचें.
- नाश्ते के बाद टहलें: नाश्ता करने के 15-20 मिनट बाद 10 से 15 मिनट की हल्की वॉकिंग (Walking) ज़रूर करें. कसरत मांसपेशियों को ग्लूकोज का उपयोग करने में मदद करती है.
- दवा का समय: सुनिश्चित करें कि आप इंसुलिन या दवा की खुराक सही समय पर ले रहे हैं जैसा आपके डॉक्टर ने बताया है.
नाश्ते के बाद शुगर लेवल 160 mg/dL से कम होना डायबिटीज रोगियों के लिए एक अच्छा लक्ष्य है. अपनी शुगर को नियंत्रित रखने के लिए सिर्फ दवा पर निर्भर न रहें, बल्कि अपने आहार (Diet) और दैनिक गतिविधि (Activity) को भी सही रखें. अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें और नियमित रूप से शुगर की जाँच करते रहें.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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