Stroke Risk: पुरुषों को स्ट्रोक का सबसे ज्यादा खतरा, ये हैं 4 बड़े रिस्क फैक्टर, लक्षणों की ऐसे करें पहचान

Stroke Symptoms: जब ब्रेन की ब्लड सप्लाई बाधित होती है, तो ब्रेन डैमेज हो जाता है जिसे स्ट्रोक कहा जाता है. यहां वे कारक हैं जो पुरुषों में स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकते हैं.

Stroke Risk: पुरुषों को स्ट्रोक का सबसे ज्यादा खतरा, ये हैं 4 बड़े रिस्क फैक्टर, लक्षणों की ऐसे करें पहचान

Stroke: हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकते हैं.

Stroke Disease: स्ट्रोक के कारण बहुत से लोग बेहद नाजुक तरीके से अपना जीवन जीते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि जिस व्यक्ति को स्ट्रोक हुआ है, उसे दूसरा स्ट्रोक होने की संभावना सबसे अधिक होती है. यह स्थिति अचानक, प्रभावशाली और जानलेवा हो सकती है. अकेले भारत में हर साल 6.5 मिलियन से अधिक स्ट्रोक के मामले होते हैं और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है. सर्दियों के मौसम में हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों में स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है और उनमें से ज्यादातर को यह पता नहीं होता है कि स्ट्रोक अन्य जेंडर की तुलना में पुरुषों में अधिक प्रचलित है.

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जब ब्रेन की ब्लड सप्लाई बाधित होती है, तो ब्रेन डैमेज हो जाता है जिसे स्ट्रोक कहा जाता है. यहां वे कारक हैं जो पुरुषों में स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकते हैं. ब्रेन की ब्लड वेसल्स फट सकती है या वाहिका में रुकावट हो सकती है, जिससे ब्रेन में खून और ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो सकती है. यह तेजी से मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और मारता है, जिसकी वजह से रोगी लकवाग्रस्त हो सकता है, कॉर्डिनेशन और बैलेंस के साथ समस्याएं हो सकती हैं और व्यक्ति एक नाजुक स्थिति में जीवन जी सकता है. स्ट्रोक के कारण दर्द, सुन्नता और कमजोरी के साथ-साथ अगले कुछ हफ्तों तक अत्यधिक थकान भी होती है.

हाई ब्लड प्रेशर, धूम्रपान, डायबिटीज और तनाव जैसे कारक स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं. कुछ ऐसे कारक हैं जो महिलाओं की तुलना में पुरुषों में स्ट्रोक के जोखिम को अधिक बढ़ाते हैं:

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स्ट्रोक के जोखिम कारक | Stroke Risk Factors

1) डायबिटीज: देश में आधे से अधिक पुरुषों को अपने जीवन में कभी न कभी डायबिटीज होने की संभावना होती है. डायबिटीज रोगियों में हाई ग्लूकोज लेवल ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.

2) धूम्रपान: तम्बाकू और सिगरेट पीने से ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचता है और फेफड़ों की समस्या होती है. महिलाओं की तुलना में धूम्रपान करने वाले पुरुषों का प्रतिशत लगभग 42 प्रतिशत अधिक है.

3) गतिहीन जीवन शैली: 40 साल से अधिक आयु के ज्यादातर पुरुष गतिहीन जीवन जीते हैं और तनावपूर्ण परिस्थितियों में काम करते हैं. शारीरिक गतिविधि का अभाव, अन्य स्वास्थ्य कारकों के साथ-साथ अधिक वजन होना, स्ट्रोक का कारण बनता है.

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4) शराब का दुरुपयोग: पुरुष और लड़के इन आदतों को कम उम्र में विकसित करना शुरू करते हैं लेकिन नियमित रूप से शराब पीना बेहद खतरनाक है, ये स्ट्रोक के सबसे गंभीर जोखिमों में से एक है.

पुरुषों में स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाने वाले ज्यादातर कारक लाइफस्टाइल की आदतों से आते हैं जिन्हें कुछ प्रयासों और ज्ञान से सुधारा जा सकता है. स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों से अवगत होना, जैसे हाथों में सुन्नता या झुनझुनी, सिरदर्द स्ट्रोक के हमले से बचने के लिए जरूरी है. साथ ही स्ट्रोक के लिए FAST नियम को याद रखने से व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है. FAST का मतलब फेस, आर्म, स्पीच और टाइम है और अगर किसी व्यक्ति को स्ट्रोक का सामना करना पड़ रहा है तो इसका इस्तेमाल किया जाता है. अगर कोई व्यक्ति चेहरे और बांह पर सुन्नता या लकवा का अनुभव कर रहा है और स्पष्ट रूप से बोलने में असमर्थ है, तो यह चिकित्सा सहायता लेने का समय है.

(डॉ. सतवंत सिंह सचदेवा, सीनियर कंसल्टेंट- न्यूरोलॉजी, मणिपाल हॉस्पिटल्स, पटियाला)

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