
Mosquito-borne Disease: मलेरिया परजीवियों से होने वाली एक जानलेवा बीमारी है. यह संक्रमित मादा एनोफिलीज़ मच्छर के काटने से इंसानों में फैलती है. एमसीडी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में अब तक मलेरिया के कुल 124 मामले सामने आ चुके हैं. इस मानसून में दिल्ली में वेक्टर जनित बीमारियों का प्रभाव देखा गया है. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के हालिया आंकड़ों के अनुसार, राजधानी दिल्ली में मलेरिया के 124 मामले दर्ज किए गए हैं, जो पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा हैं. इसके अलावा, अब तक कुल 277 डेंगू और 18 चिकनगुनिया के मामले सामने आए हैं.
हालांकि मलेरिया और डेंगू दोनों ही खतरनाक और संभावित रूप से जानलेवा हो सकते हैं, लेकिन मलेरिया ग्लोबल लेवल पर गंभीर बीमारी और मृत्यु का कारण बनने की ज्यादा संभावना रखता है.
मलेरिया परजीवियों से होने वाला एक जानलेवा रोग है. यह संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है. गर्म और आर्द्र मौसम के कारण मलेरिया ट्रोपिकल एरियाज में ज्यादा प्रचलित है.
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मलेरिया के मामलों में वृद्धि आमतौर पर मानसून के मौसम में देखी जाती है क्योंकि बढ़ी हुई आर्द्रता और स्थिर जल निकाय मच्छरों के लिए आइडियल प्रजनन स्थल प्रदान करते हैं.
मैक्स हेल्थकेयर की डायरेक्टर ऑफ इंटरनल मेडिसिन डॉ. मोनिका महाजन ने कहा, "मलेरिया प्लास्मोडियम प्रजाति का एक मच्छर जनित संक्रमण है. बारिश, जलभराव और गंदगी कुछ ऐसे कारक हैं जो हर साल इस समय मलेरिया के मामलों में वृद्धि का कारण बनते हैं. दुर्भाग्य से बारिश के मौसम में फैलने वाली मलेरिया से संबंधित सभी बीमारियों के कारण बुजुर्गों और बच्चों में जटिलताएं होने की संभावना ज्यादा होती है."
मलेरिया के लक्षण (Symptoms of Malaria)
मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति में शुरुआत में हल्के लक्षण दिखाई दे सकते हैं. बाद में संक्रमित मच्छर के काटने के 10-15 दिनों के भीतर कुछ लक्षण आमतौर पर दिखाई देते हैं:
- बुखार
- ठंड लगना
- थकान
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- सीने में दर्द
- खांसी
- दौरे
डॉ. महाजन ने आगे कहा, "मलेरिया आमतौर पर कंपकंपी, सिरदर्द, बदन दर्द के साथ तेज बुखार के साथ होता है और इसके साथ ही मलेरिया की जटिलताएं शरीर को प्रभावित कर सकती हैं, जिनमें पीलिया, ब्रेन या किडनी डैमेज शामिल है."
मलेरिया गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकता है, खासकर अगर इसका इलाज न किया जाए. शिशुओं, 5 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और पहले से किसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त लोगों को भी गंभीर बीमारी का खतरा ज्यादा होता है.
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गंभीर लक्षणों में शामिल हैं:
- बहुत ज्यादा थकान
- बेहोशी
- सांस लेने में तकलीफ
- गहरे रंग का पेशाब
- पीलिया
- ब्लीडिंग
कुछ मामलों में, यह ब्रेन डैमेज, ऑर्गन फेलियर और यहां तक कि मृत्यु का कारण भी बन सकता है.
कैसे रहें सुरक्षित?
"मच्छरों के काटने से बचना और प्रजनन स्थलों को नष्ट करना मलेरिया से बचाव के दो प्रभावी तरीके हैं. पूरी बाजू के कपड़े और पतलून पहनें, डीईईटी-बेस्ड मच्छर भगाने वाले प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें और व्यस्त समय में बाहर निकलने से बचें."
डॉ. महाजन ने आगे कहा, "डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड और पीलिया मानसून के दौरान काफी आम हैं. अगर आपको इस बारिश के मौसम में तेज बुखार हो, तो मलेरिया की जांच जरूर करवाएं. तेज बुखार का मतलब यह नहीं कि वह वायरल है. यह बेहद जरूरी है कि आप डॉक्टर के पास जाएं, जरूरी ब्लड टेस्ट करवाएं और दवाएं लेना शुरू करें."
"अगर मलेरिया का समय पर इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा हो सकता है. इसलिए यह जरूरी है कि हम ध्यान रखें कि यह बारिश का मौसम है, मलेरिया के मामले बढ़ रहे हैं और हर बुखार पर सचेत रूप से नजर रखने की जरूरत है."
मच्छरों के काटने के अलावा, रक्त आधान या दूषित सुइयों के इस्तेमाल से भी मलेरिया फैल सकता है।
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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