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Explainer: सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है घुटनों में दर्द, यहां जानें फैक्ट्स और इसका इलाज

क्या है सर्दियों में घुटनों के दर्द का राज. क्या ठडें मौसम की वजह से घुटनों में दर्द होता है. यहां जानें आखिर क्या है मिथक और इसके फैक्ट्स

Explainer: सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है घुटनों में दर्द, यहां जानें फैक्ट्स और इसका इलाज
सर्दियों में घुटनों में दर्द से जुड़े मिथक और सच्चाई

Knee Pain:  इस वक्त पूरे उत्तर भारत में ठंड का साया है. ऐसा कहा जाता है सर्दियों में घुटनों में दर्द की समस्या आम होती है. सर्दियों में ज्यादा ठंड की वजह से बुजुर्गों का ब्लड सर्कुलेशन बिगड़ने लगता है और शरीर सिकुड़ता चला जाता है. लोग हर तरह से ठंड से लड़ते हैं और अपना बचाव करने के लिए सारे इंतजाम करते हैं. क्या वाकई में ठंड में घुटनों में दर्द होता. आइए जानते इसके पीछे के मिथ और फैक्ट्स के बारे में, साथ ही जानेंगे इसका क्या इलाज?


सर्दियों में घुटनों के दर्द की शिकायत क्यों करते हैं? (Why Do So Many People Complain of Knee Pain in Winter?)

जब सर्दियों में ठंडी हवाएं घुटनों के दर्द का कारण नहीं है तो फिर लोग क्यों इसकी शिकायत करते हैं. दरअसल, ठंड में, शरीर दिल और फेफड़ों जैसे अहम अंगों को गर्म करने को  प्राथमिकता देता है, जिससे जोड़ों सहित शरीर के कोने-कोने में रक्त का प्रवाह कम होने लगता है, यही कारण है कि ऑस्टियोआर्थराइटिस या रुमेटीइड गठिया जैसी परेशानी से जूझ रहे लोगों में दर्द उठता है.

सर्दियों में घुटनों में दर्द के मिथक (Myths about knee pain in winters)

मिथ 1 : सर्दियों में ठंडा मौसम घुटनों के दर्द का कारण बनता है (Cold Weather Directly Causes Knee Pain in Winter)

ऐसा कहा जाता है कि सर्दियों में ठंड मौसम से घुटनों में दर्द होता है, लेकिन इसका कोई साइंटिफिक प्रूव नहीं है कि पारा गिरने से घुटनों में दर्द होता है. सर्दी में घुटनों में दर्द के और भी कुछ कारण हो सकते हैं. उदाहरण के लिए सर्दियों में लोग कम हिलते-डुलते हैं, सर्दियों के छोटे दिन और कंपकंपाती सुबह शरीर को जाम कर देती है, जिसकी वजह से जोड़ों में दर्द उठने लगता है. सर्दियों में ठंडी हवा नहीं बल्कि हाइबरनेशन मोड घुटनों में दर्द का कारण बनता है. इसका एक कारण बैरोमीटर का दबाव भी है.

मिथ 2: पुरानी चोटें ठंड में अधिक तकलीफ देती हैं

यह भी कहा जाता है कि शरीर में लगने वाली चोट और फ्रैक्चर के ठीक होने के बाद भी सिर्फ सर्दियों में ही उसमें दर्द उठता है. दरअसल इसका कारण भी सर्दी में ब्लड सर्कुलेशन का स्लो होना है, जिससे शरीर के प्रभावित हिस्से में दर्द उठने लगता है.

मिथ 3: ठंडा मौसम लंबे समय तक जोड़ों को नुकसान पहुंचाता है

यह भी कहा जाता है कि ठंडा मौसम लंबे समय तक जोड़ों को नुकसान पहुंचाता है,लेकिन आपको बता दें कि यह भी सच नहीं है. सच तो यह है कि ठंड में शरीर में दर्द हो सकता है कि लेकिन इसका मतलब है कि नहीं है कि ठंडा मौसम लंबे समय तक जोड़ों को नुकसान पहुंचाता है. सर्दियों में लोग कम एक्सरसाइज करते हैं, जिससे शरीरिक वजन बढ़ने लगता है, जिससे घुटनों पर जोर पड़ने के कारण इसमें दर्द होता है.

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सर्दी में जोड़ों को कैसे स्वस्थ रखें? (How to Keep Your Joints Healthy During Winter)

एक्टिव रहें : सर्दी में सिकुड़ने से अच्छा है कि एक्सरसाइज करें, इससे शरीर में लचीलापन रहेगा और ऐंठन खत्म होगी. इसमें योगा, स्वमिंग, साइकिलिंग, तेज-तेज चलने से घुटनों में दर्द नहीं होगा. वहीं, इनडोर एक्सरसाइज में पिलेट्स और ट्रेडमिल पर दौड़ सकते हैं. दिन में रोजाना 30 मिनट तक एक्सरसाइज करें.

गर्म और ज्यादा कपड़े पहनें : सर्दी से बचने के लिए गर्म कपड़े या ज्यादा कपड़े पहनें, जिसके शरीर में गर्मी बनी रहे और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहे. घुटनों के दर्द से बचने के लिए नी स्लीव पहनें.

पानी पिएं : सर्दी में लोग पानी कम पीते हैं, ऐसे में शरीर में पानी की कमी होने से जोड़ों में लुब्रिकेंट्स खत्म होता जाता है, जिससे चलने और उठने में दिक्कत होने लगती है. ऐसे में आप पानी, हर्बल टी और गर्म नींबू पानी का सेवन करें.

हीट थेरेपी : जोड़ों की अकड़न को हीट थेरेपी से दूर किया जा सकता है. ऐसे में हीटिंग पैड्स, हॉट वॉटर बोतल और गर्म तोलिए को घुटनों पर लगाएं. इससे घुटनों के साथ-साथ शरीर को भी आराम मिलेगा.

वजन पर कंट्रोल करें : भारी शरीर से खड़ा होना बहुत तकलीफदेह होता है, जिसका भार सीधे घुटनों पर पड़ता है. ऐसे में घुटनों के बोझ को कम करने के लिए शरीर को वजन में हल्का करें. इसके लिए सर्दी में फल, सब्जी, प्रोटिन और हेल्दी फैट वाली चीजों का ही सेवन करें.

विटामिन डी लें : सर्दी में वैसे भी बहुत कम धूप निलकती है, लेकिन सर्दी में जब भी धूप लेने का मौका मिला, तो इसे ना गवाएं, क्योंकि धूप से विटामिन डी की कमी पूरी होती है, जो शारीरिक हड्डी और जोड़ों की हेल्थ के लिए बहुत लाभदायक है. इसके लिए आप फैटी फिश, फोर्टिफील्ड फूड और सप्लीमेंट भी ले सकते हैं.

डॉक्टर की सलाह लें : जब घुटनों का दर्द बढ़ता ही जाए तो ऐसे में डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. इसमें लापरवाही बिल्कुल ना करें, तो नहीं समस्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है.

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एयर क्वालिटी और जॉइंट हेल्थ (Air Quality and Joint Health)

हालांकि, सर्दी में ज्यादा ठंड की वजह से घुटनों का दर्द बढ़ जाता है, लेकिन इसका एक कारण वायु प्रदूषण भी है. सर्दियों में AQI (Air Quality Index) बिगड़ने से कई समस्याएं होने लगती है. इससे रुमेटीइड गठिया जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों से पीड़ित लोगों में सूजन बढ़ती है. नई रिसर्च के मुताबिक, वायु प्रदूषण न केवल फेफड़ों के लिए बुरा है बल्कि यह जोड़ों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है.

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Frequently Asked Questions)

1. क्या ठंड का मौसम सच में जोड़ों के दर्द का कारण बन सकता है?

सर्दी में ठंडा मौसम सीधे तौर पर जोड़ों के दर्द का कारण नहीं बनता है. यह ब्लड सर्कुलेशन में कमी और कठोरता के कारण गठिया या जोड़ों की समस्या वाले लोगों में लक्षणों को बढ़ा सकता है.

2. सर्दियों में मेरे घुटने सख्त क्यों महसूस होते हैं?

कम तापमान से मांसपेशियां और स्नायुबंधन सिकुड़ने लगते हैं. लचीलापन कम हो जाता है और जोड़ों की परेशानी बढ़ने लगती है.

3. क्या सर्दियों में जोड़ों का दर्द गठिया का संकेत है?

नहीं, जबकि ठंड के मौसम में गठिया के लक्षण खराब हो सकते हैं. कभी-कभी कठोरता निष्क्रियता या ठंड के प्रति शरीर के नेचुरल रिएक्शन के कारण भी हो सकती है.

4. क्या नमी या बैरोमीटर का दबाव जोड़ों के दर्द को प्रभावित करता है?

हां, सर्दियों के दौरान बैरोमीटर के दबाव में बदलाव से टिश्यू में थोड़ा फैलाव हो सकता है, जिससे जोड़ों पर दबाव बढ़ सकता है और दर्द हो सकता है.

5. क्या एक्टिव रहने से सर्दियों में जोड़ों के दर्द से राहत मिल सकती है?

बिल्कुल, एक्सरसाइज से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है और जोड़ों में लचीलापन आता है, जिससे ठंड के महीनों में कठोरता और दर्द कम हो जाती है.
 

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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