Khaleda Zia Death Reason: बांग्लादेश के राजनीतिक इतिहास में एक ऐसा नाम था जिसने दशकों तक देश की राजनीति को प्रभावित किया, बेगम खालिदा जिया. वे न सिर्फ बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री थी, बल्कि उनकी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और नेतृत्व कई बार दुनिया की सुर्खियां भी बनी. लेकिन, 30 दिसंबर 2025 को 80 साल की उम्र में उनका निधन हो गया और यह खबर सिर्फ राजनीति के लिए नहीं, बल्कि मानव स्वास्थ्य और जीवन की संवेदनशीलता के लिए भी एक गंभीर चेतावनी बनकर सामने आई. आइए विस्तार से जानते हैं कि खालिदा जिया की मौत किस बीमारी से हुई, उनका स्वास्थ्य किस तरह गिरता गया और आखिर उनके साथ क्या बीत रही थी.
बांग्लादेश की राजनीति की आइकॉन थी खालिदा जिया
बेगम खालिदा जिया का जन्म 15 अगस्त 1945 को हुआ था. वे बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की चेयरपर्सन और दो बार देश की प्रधानमंत्री रह चुकी थीं. उनके राजनीतिक सफर में देश की सत्ता और विपक्ष की राजनीति में संघर्ष, लोकतंत्र की लड़ाई और व्यापक समर्थन दोनों शामिल रहे.
खालिदा जिया लंबे समय से थीं बीमारी: किस बीमारी से गई जान?
खालिदा जिया पिछले कई सालों से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं. अलग-अलग रिपोर्टों के मुताबिक कई तरह की बीमारियों से पीड़ित थीं.
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1. लंग (फेफड़ों) से जुड़ी कॉम्प्लीकेशन्स
उनके शरीर में गंभीर श्वसन संक्रमण (lung infection) विकसित हो गया था, जिसके कारण उन्हें 23 नवंबर 2025 को ढाका के एवरकेयर अस्पताल में भर्ती किया गया था. इस संक्रमण के कारण फेफड़ों की क्षमता कम हो गई थी और उन्हें सांस लेने में कठिनाई हो रही थी.
2. लिवर सिरोसिस
डॉक्टरों के अनुसार उनको लिवर सिरोसिस यानी लिवर का गंभीर रोग भी था. लिवर सिरोसिस एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें लिवर धीरे-धीरे अपनी सामान्य कार्य क्षमता खो देता है और शरीर के टॉक्सिन्स को छानने में कामयाब नहीं रह पाता. इसके मुख्य कारण हैं बहुत ज्यादा शराब का सेवन और हेपेटाइटिस बी और सी जैसे वायरल संक्रमण.

3. हार्ट और छाती से जुड़ी समस्याएं
खालिदा जिया को हार्ट रिलेटेड कॉम्प्लीकेशन्स भी थीं, जिससे उनकी फेफड़ों और ब्लड सर्कुलेशन सिस्टम पर एक्स्ट्रा दबाव था. हार्ट और छाती से जुड़ी समस्याएं कई कारणों से हो सकती हैं, जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और धूम्रपान. इसके अलावा, शुगर, मोटापा और तनाव भी हार्ट समस्याओं को बढ़ावा देते हैं.
4. डायबिटीज
डायबिटीज की बीमारी भी उनके स्वास्थ्य बिगड़ने का बना, जिससे शरीर की इम्यूनिटी और अन्य अंगों पर प्रभाव बढ़ गया था. डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में इंसुलिन की कमी या इंसुलिन का सही से उपयोग न होने के कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है. इसके मुख्य कारण हैं अनकंट्रोल लाइफस्टाइल, मोटापा, जेनेटिक कारक और फिजिकल एक्टिविटी की कमी.
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5. किडनी और गठिया जैसे अन्य रोग
उनके स्वास्थ्य पर उम्र और असंख्य रोगों का संयुक्त प्रभाव पड़ा था, जिसमें किडनी से जुड़ी समस्याएं और गठिया (arthritis) जैसी शिकायतें भी शामिल थीं.
खालिदा जिया लंबे समय से अस्पताल में भर्ती थीं और उनके स्वास्थ्य में गंभीर गिरावट जारी थी. उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था क्योंकि उनकी सांसें खुद पर्याप्त नहीं चल पा रही थीं. अंत में मल्टी-ऑर्गन फेल्योर (multi-organ failure) के कारण यानी शरीर के कई जरूरी अंगों ने एक साथ काम करना बंद कर दिया. उनकी सांसें रूक गईं और उन्होंने अंतिम सांस ली.
उनकी मौत की घोषणा BNP (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) द्वारा की गई और राजनीतिक जगत तथा आम जनता ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया.
क्यों गंभीर हुआ स्वास्थ्य?
खालिदा जिया का मामला केवल एक राजनीतिक नेता का निधन नहीं था, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति का उदाहरण था, जो लंबे समय से कई गंभीर रोगों से संघर्ष कर रहा था. इन रोगों का कॉम्बिनेशन उम्र के साथ और भी कठिन हो जाता है.
- लिवर सिरोसिस अकेले ही शरीर में टॉक्सिन्स को फिल्टर करने की क्षमता को कम कर देता है.
- फेफड़ों का संक्रमण और सांस लेने में दिक्कत ऑक्सीजन की कमी और टिश्यू डैमेज को बढ़ा देता है.
- ङार्ट, किडनी और डायबिटीज जैसे रोग शरीर की प्रतिक़र क्षमता को नुकसान पहुंचाते हैं.
इन सभी कारणों से एक-एक करके कई अंगों में दोष बढ़ता गया और अंत में यह मल्टी-ऑर्गन फेल्योर की स्थिति में बदल गया.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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