Ear Piercing: कान छिदवाने जा रहे हैं तो गांठ बांध लें इस बात को... जानिए क्या हैं इसके फायदे

Ear Piercing: कान छिदवाने का शौक बड़ी से लेकर छोटी उम्र तक की लड़कियों को होता है. सिर्फ लड़कियां ही नहीं अब तो लड़के भी कान  छिदवाने का शौक रखते हैं. लेकिन इस शौक को पूरा करने से पहले कुछ जरूरी बातें जान लीजिए.

Ear Piercing: कान छिदवाने जा रहे हैं तो गांठ बांध लें इस बात को... जानिए क्या हैं इसके फायदे

जानिए कान छिदवाने के फायदे

Ear Piercing Procedure: कान छिदवाने जाने से पहले कुछ बातें जरूर ध्यान में रखनी चाहिए. आप कान कहां छिदवाने जा रहे हैं और जो कान छेदने वाला है वो इसका कितना जानकार है. क्योंकि, ये सिर्फ एक फैशन भर नहीं है. कान छिदवाने से और भी कई फायदे होते हैं और अगर कान गलत तरह से छिदवाया जाए तो उसका नुकसान भी हो सकता है. इसलिए कान छिदवाने से पहले एक्सपर्ट की जानकारी ले लें और हाइजीन का पूरा ध्यान रखें. वैसे तो कान छिदवाने में बेहद कम दर्द होता है इसलिए एनेस्थीसिया की जरूरत नहीं होती. लेकिन छोटे बच्चों के केस में बाल रोग विशेषज्ञ से ये काम करवा सकते हैं. ठीक तरह से कान छिदवाए तो फायदे भी हो सकते हैं और ध्यान नहीं देने पर नुकसान भी हो सकते हैं.

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कान छिदवाने के फायदे और नुकसान | Benefits And Risks Of Ear Piercing

कान छिदवाने के फायदे (Does piercing the ear have any benefits?)

  • कम उम्र में कान छिदवाने के पीछे खास वजह मानी जाती है. ये प्रक्रिया ऐसी नस से होकर गुजरती है जो लेफ्ट और राईट हेमिस्फीयर को जोड़ती है. कान छिदवाने से ये नस एक्टिव हो जाती है. इसलिए इस प्रक्रिया को कर्ण वेदा भी कहते हैं.
  • माना जाता है कि ईयर पियरसिंग एक्यूप्रेशर की तरह काम करती है जो रिप्रोडक्टिव हेल्थ और पीरियड साइकिल को ठीक रखता है.
  • ऐसा भी माना जाता है कि ईयर पियरसिंग वाले पॉइंट पर प्रेशर से कानों की हेल्थ, आई साइट और डाइजेशन सब पर असर पड़ता है. ये एक्यूप्रेशर के साथ साथ एक स्टीमुलेंट की तरह भी काम करता है.

कान छिदवाने के रिस्क (Ear Piercing Risks)

  • कान छिदवाने से पहले ये जान लें  कि आप पियरसिंग या किसी मेटल के एलर्जिक तो नहीं हैं.
  • गलत तरह से पियरसिंग होने पर सूजन या ज्यादा ब्लीडिंग भी हो सकती है.
  • कुछ लोगों को स्किन से जुड़ी समस्या जैसे खुजली या रेशेज हो सकते हैं.
  • शुगर पेशेंट हैं या किसी और अन्य तकलीफ से पीड़ित हैं तो एक्सपर्ट की राय के बाद ही ईयर पियरसिंग करवानी  चाहिए.
  • इससे हेपेटाइटिस बी या सी होने का भी खतरा रहता है.

कान कब नहीं छिदवाने चाहिए (When should I not pierce my ear?)

जब कोई महिला गर्भवती होती है तो ऐसे समय में कान छिदवाने से बचें, क्योंकि संक्रमण होने का खतरा होता है.

कुछ चिकित्सीय स्थितियों वाले लोग जैसे

मधुमेह
हीमोफीलिया
दिल के रोग
स्‍किन से जुड़े रोग होने पर बिना डॉक्‍टरी सलाह के ऐसा न करें. 

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)