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बच्चों के कान छिदवाने की सबसे अच्छी उम्र क्या है? पीडियाट्रिशियन ने बताया Ear Piercing कराते समय इन 7 बातों का जरूर रखें ध्यान

How to care for an ear piercing for kids: डॉक्टर ने बच्चों के कान छिदवाने की सही उम्र बताई है. आइए जानते हैं इसके बारे में, साथ ही जानेंगे ईयर पियर्सिंग कराते समय किन बातों को ध्यान में रखना जरूरी है.

बच्चों के कान छिदवाने की सबसे अच्छी उम्र क्या है? पीडियाट्रिशियन ने बताया Ear Piercing कराते समय इन 7 बातों का जरूर रखें ध्यान
किस उम्र में छिदवाने चाहिए बच्चों के कान?

Ear Piercing in Kids: भारत में बच्चों के कान छिदवाना एक आम परंपरा है. लेकिन बता दें कि इसके लिए भी एक सही उम्र होती है. उम्र से पहले कान छिदवाने से बच्चे को इसके गंभीर नुकसान झेलने पड़ सकते हैं. इसी कड़ी में पीडियाट्रिशियन अनुराधा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में डॉक्टर ने बच्चों के कान छिदवाने की सही उम्र बताई है. आइए जानते हैं इसके बारे में, साथ ही जानेंगे ईयर पियर्सिंग कराते समय किन बातों को ध्यान में रखना जरूरी है.

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नंबर 1- किस उम्र में छिदवाने चाहिए बच्चों के कान?

डॉक्टर बताती हैं, बच्चे के 6 महीने का हो जाने के बाद आप कभी भी उसके कान छिदवा सकते हैं. इस उम्र तक बच्चे की इम्यूनिटी यानी रोगों से लड़ने की क्षमता विकसित हो जाती है. हालांकि, अगर आप ओर पहले ऐसा करना चाहते हैं, तो 4 महीने के बाद अगर बच्चे को तीन DTP वैक्सीन की डोज लग चुकी हैं, तब आप कान छिदवा सकते हैं. 4 महीने से पहले बच्चे के कान न छिदवाएं.  

नंबर 2- नंबिंग क्रीम जरूर लगाएं

ईयर पियर्सिंग कराते समय कान में दर्द होना आम बात है. ऐसे में कम से कम 45 मिनट पहले बच्चे के कान पर एक अच्छी नंबिंग क्रीम जरूर लगाएं.

नंबर 3-  साफ-सफाई का रखें ध्यान 

पीडियाट्रिशियन कहती हैं, कान छिदवाने के समय साफ-सफाई सबसे जरूरी चीज है. आजकल दो तरीकों से पियर्सिंग ज्यादा की जाती है-  गन पियर्सिंग और नीडल पियर्सिंग. आमतौर पर गन पियर्सिंग को ज्यादा अच्छा माना जाता है. हालांकि, आप चाहें तो कोई भी तरीका आजमा सकते हैं. बस ध्यान रखें कि दोनों ही तरीकों में स्टेरिलाइजेशन के नियमों को फॉलो किया गया हो. गंदे उपकरणों से इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है. पियर्सिंग गन तभी इस्तेमाल कराएं जब उसमें सिंगल-यूज कार्ट्रिज हों.

नंबर 4- सही तरह की बालियों का चुनाव

कान छिदवाने के बाद सही तरह की बालियों का चुनाव बहुत जरूरी है. डॉक्टर बच्चे को गोल्ड स्टड या मेडिकल-ग्रेड स्टेनलेस स्टील की बालियां पहनाने की सलाह देती हैं. इनसे एलर्जी का खतरा कम होता है. भारी या लटकने वाली बालियां बिल्कुल न लगाएं, वरना बच्चा उन्हें खींच सकता है और घाव बढ़ सकता है.

नंबर 5- आफ्टरकेयर

आफ्टरकेयर भी उतनी ही जरूरी है. कान छिदवाने के बाद उस हिस्से को 5 से 7 दिनों तक दिन में एक बार डॉक्टर द्वारा सुझाए गए एंटीसेप्टिक से साफ करें. साथ ही ऐसा करने के बाद बाली को एक बार घुमा दें. इससे बाली कान पर चिपकती नहीं है और इंफेक्शन का खतरा भी कम होता है. 

नंबर 6- इंफेक्शन के लक्षणों पर ध्यान दें 

अगर बच्चे के कान में सूजन, लालिमा या दर्द हो, तो बिना समय गवाए तुरंत डॉक्टर से चेक कराएं. ऐसा इंफेक्श के कारण हो सकता है, जिसका समय रहते इलाज बेहद जरूरी है. 

नंबर 7- कितने दिनों तक ईयररिंग्स पहनाएं

इन सब से अलग डॉक्टर बच्चे को कम से कम 6 हफ्तों तक ईयररिंग्स पहनाकर रखने की सलाह देती हैं. इससे पहले निकालने पर बच्चे के कान वापस बंद हो सकते हैं. 

ऐसे में आप भी जब अपने बच्चे के कान छिदवाएं, तो इन 7 बातों का ध्यान जरूर रखें. इससे बच्चे को इंफेक्शन और किसी भी तरह की तकलीफ से बचाया जा सकता है. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
 

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