International Day Of Older Persons 2020: प्रत्येक साल 01 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है. विश्व में वृद्धों एवं प्रौढ़ों के साथ होने वाले अन्याय, उपेक्षा और दुर्व्यवहार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से हर साल इंटरनेशनल डे ऑफ ओल्डर पर्सन (International Day Of Older Persons) मनाया जाता है. इस दिन को मनाने के लिए एक थीम रखी जाती है. इस साल वृद्ध व्यक्तियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2020 थीम (International Day Of Older Persons Theme) संयुक्त राष्ट्र के महामारी के बीच "स्वस्थ युग के दशक" में बहु-आयामी दृष्टिकोण है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 14 अक्टूबर, 1990 को वृद्ध व्यक्तियों के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में 1 अक्टूबर को नामित किया था. इससे पहले दो महत्वपूर्ण घटनाक्रम थे - वियना अंतर्राष्ट्रीय कार्य योजना और एजिंग पर विश्व सभा. दो पहलों ने बुजुर्ग लोगों के लिए समर्पित दिन का नेतृत्व किया. इस वृद्ध दिवस (Older Persons Day) के दिन न सिर्फ बुजुर्गों के प्रति उदार होने का संकल्प लेना चाहिए, बल्कि बुजुर्गों की देखभाल की जिम्मेदारी भी समझनी चाहिए.
अभी जिस तरह से हम कोरोनावायरस (COVID-19) बीमारी से जूझ रहे हैं इसमें भी बुजुर्गों की अधिक देखभाल की जरूरत है. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है शरीर में इम्यून सिस्टम भी कमजोर होने लगता है. इसी वजह से बढ़ती उम्र में कई बीमारियां भी घेर लेती हैं. वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स 2019 (संशोधित) के डेटा में कहा गया है, "2050 तक, दुनिया में छह लोगों में से एक की उम्र 65 से अधिक होगी, जो 2019 में 11 में से एक है." क्या आप जानते हैं कि बुजुर्गों को कौन सी बीमारियां सबसे ज्यादा होती है. इस अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस के मौके पर जानें वृद्ध लोगों में होने वाली सबसे आम बीमारियों के बारे में...
बुजुर्गों को होने वाली 9 सबसे आम बीमारियां | 8 Most Common Diseases Of The Elderly
1. शारीरिक स्थिति का बिगड़ना
आपने देखा होगा बृद्ध लोगों के शारीरिक पोस्चर में बदलाव आ जाता है. ये बदलावल रीड की हड्डी का मुड़ना, घुटनों और जोड़ों में दर्द की शिकायत आदि है. बुढ़ापे में स्वास्थ्य समस्याएं या बढ़ती उम्र में स्वास्थ्य समस्याएं कम हो इसलिए पोषक आहार की मात्रा अपनी डाइट में बनाए रखना जरूरी है. इससे आपको आपकी पुरानी बीमारियों को मैनेज करने में मदद मिल सकती है. साथ ही, रोज व्यायाम करने की भी की सलाह दी जाती है.
2. कॉग्निटिव हेल्थ (संज्ञानात्मक स्वास्थ्य)
उम्र बढ़ने पर सोचने, सीखने और याद रखने की क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है. ये बुजुर्गों में सबसे आम समस्याओं में से एक है. कई लोगों को डिमेंशिया की समस्या होती है. इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे शराब का सेवन, डायबिटीज की समस्या, हाई ब्लड प्रेशर की समस्या, डिप्रेशन की समस्या, एचआईवी और स्मोकिंग की लत आदि. हालांकि मनोभ्रंश जैसी स्थिति के लिए पूरी तरह से सफल उपचार नहीं है, लेकिन फिर भी परिवार के सदस्यों के अच्छे व्यवहार और दवाओं की मदद से इसे काफी हद ठीक किया जा सकता है.
3. हाई ब्लड प्रेशर
बुजुर्गों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या काफी ज्यादा देखी जाती है. इसके कई कारण हो सकते हैं ज्यादा तनाव लेना, खानपान में गड़बड़ी और शारीरिक रूप से एक्टिव न रहना भी हाई ब्लड प्रेशर का मरीज बना देता है. यह परेशानी ज़्यादातर बुढ़ापे में होती है इसका कारना है की लोग अकेले हो जाते हैं तो सोचने के लिए तनाव लेने के लिए ज्यादा समय मिलता है.
4. डायबिटीज
बुजुर्गों में डायबिटीज की समस्या भी अत्यधिक देखी जाती है, हालाकि अब डायबिटीज कम उम्र को लोगों में भी देखने को मिल रही है, लेकिन इससे सबसे ज्यादा प्रभावित ओल्डर पर्सन ही हैं. डायबिटीज की परेशानी जेनेटिकल होने के साथ-साथ तनाव की वजह से भी हो सकती है. बुजुर्गों को डायबिटीज की बीमारी से बचाने के लिए डाइट पर खास देने की जरूरत है. इसमें सबसे ज्यादा ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने पर ध्यान देना चाहिए.
5. ऑस्टियोपोरोसिस
बुजुर्गों में ऑस्टियोपोरोसिस भी आम बीमारी है. उम्र बढ़ने के साथ हड्डियां कमजोर होने लगती है. कमर दर्द, गर्दन में दर्द, घुटनों में दर्द, बैक पेन के साथ-साथ शरीर के किसी भी हिस्से में अगर हड्डियों में दर्द की शुरुआत ऑस्टियोपोरोसिस की ओर इशारा करता है. अगर इन परेशानियों पर शुरुआत से ध्यान न दिया जाए तो ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी हो सकती है. ऐसी स्थिति में हड्डियां कमजोर होने लगती हैं.
6. अल्जाइमर
यह बीमारी बी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी है. इसमें इंसान चीजों, नाम और व्यक्तियों तक की पहचान नहीं कर पाता है. अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति को कोई भी बात याद रखने में कठिनाई हो सकती है और फिर धीरे-धीरे समस्या बढ़ने के साथ इससे पीड़ित व्यक्ति कई चीज भूलने लगता है. यहां तक की वो अपनी बातों को या भावनाएं भी व्यक्त करने में असमर्थ होने लगते हैं. अल्जाइमर, डिमेंशिया (मनोभ्रंश) का सबसे आम कारण माना जाता है.
7. शारीरिक चोट
शारीरिक चोट भी बुजुर्गों में सबसे आम समस्या है. उम्र होने के कारण बुजुर्ग अपना शारीरिक संतुलन नहीं संभाल पाते हैं, इसलिए, बुजुर्गों को गिरने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं. इन शारीरिक चोटों के कारण कई बार बुजुर्गों की मृत्यु भी हो सकती है. ऐसे में बुजुर्गों को शारीरक चोट से बचाए रखना बहुत जरूरी हो सकता है. क्योंकि उम्र बढ़ने के कारण हड्डियां सिकुड़ने लगती हैं और वे कमजोर भी होने लगती है. मांसपेशियां भी अपनी ताकत और लचीलापन खोने लगती हैं.
8. कुपोषण का शिकार
उम्र बढ़ने पर डाइट कम होना, हेल्दी चीजों का सेवन न करना कई लोगों को कुपोषण का शिकार बना सकता है. कुपोषण के कारण कमजोर इम्यून सिस्टम और मांसपेशियों की कमजोरी सबसे आम समस्या है. कुपोषण के कारणों से बुढ़ापे में स्वास्थ्य समस्याएं भी अधिक बढ़ सकती हैं. इससे बचने के लिए डाइट में फलों और सब्जियों के साथ-साथ लो फैट वाले खाद्य पदार्थ की मात्रा शामिल करने चाहिए.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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