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40 साल की उम्र के बाद कैसे रखें अपने सेहत का ध्यान? डॉक्टर ने क्या कहा पढ़िए...

Healthy Living After 40: डॉ. तुषार तायल बताते हैं कि 40 साल की उम्र को पार कर चुके लोगों को हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हार्ट प्रॉब्लम और मोटापे से बचने के लिए अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने चाहिए.

40 साल की उम्र के बाद कैसे रखें अपने सेहत का ध्यान? डॉक्टर ने क्या कहा पढ़िए...
Healthy Living After 40: उम्र बढ़ने के बाद हमारी लाइफस्टाइल कैसी होनी चाहिए?

बढ़ती उम्र के साथ शरीर में अनेक तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं. यह बदलाव शारीरिक के अलावा मानसिक भी हो सकते हैं. ऐसे में लोगों के जहन में अक्सर यह सवाल रहता है कि जब हम 40 साल के पार हो जाएं, तो ऐसे में हम खुद का ख्याल कैसे रखें? उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचने के बाद हमारा आहार कैसा होना चाहिए? हमारी लाइफस्टाइल कैसी होनी चाहिए? इसके साथ ही हमें किस तरह की स्वास्थ्य संबंधी सावधानी बरतनी चाहिए? इन्हीं सब सवालों को लेकर हमने सीके बिरला अस्पताल के डॉ. तुषार तायल और फोर्टिस अस्पताल की डॉ. मुग्धा तापड़िया से खास बातचीत की.

डॉक्टर ने क्या कहा...? 

डॉ. तुषार तायल बताते हैं कि 40 साल की उम्र को पार कर चुके लोगों को हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हार्ट प्रॉब्लम और मोटापे से बचने के लिए अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने चाहिए. इस उम्र में पहुंचने के बाद व्यक्ति को खासतौर से अपनी डाइट का ध्यान रखना चाहिए. कोशिश करनी चाहिए कि उनकी डाइट में हर प्रकार के पोषक तत्व मौजूद हों, ताकि उन्हें आगे चलकर किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़े.

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बहुत ज्यादा तेल, नमक के सेवन से बचें

डॉ. तुषार तायल बताते हैं कि अपनी डाइट में बहुत ज्यादा ऑयल और नमक का सेवन करने से बचें. अच्छी मात्रा में फाइबर का सेवन करना चाहिए और भरपूर मात्रा में पानी लें. इसके अलावा, नियमित रूप से व्यायाम भी करना चाहिए, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हो. व्यायाम के जरिए आप शारीरिक तौर पर सक्रिय रहते हैं. इस उम्र में पहुंचने के बाद आपकी यह कोशिश रहनी चाहिए कि आपकी लंबाई और वजन में संतुलन हो.

नींद का खास ध्यान रखें

डॉक्टर ने बताया कि इस उम्र में पहुंचने के बाद आपको नींद का भी खास ध्यान रखना चाहिए. कम से कम छह से सात घंटे तक नींद लेने की कोशिश होनी चाहिए. इसके अलावा, कोशिश करें कि आप तनाव से भी दूर रहें. क्योंकि 40 साल की उम्र पार कर चुके लोगों में शरीर के साथ मानसिक रूप से भी कई प्रकार के परिवर्तन देखने को मिलते हैं, जिसमें सबसे प्रमुख यह है कि इस उम्र में आने के बाद टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम हो सकती है. ऐसी स्थिति में पुरुषों में गुस्सा ज्यादा आना, मूड स्विंग होना, चिड़चिड़ा होना, सेक्स इच्छा कम हो जाना जैसे लक्षण शामिल हैं.

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महिलाएं रखें विशेष ध्यान

वहीं, अगर महिलाओं की बात करें, तो 40 साल की उम्र को पार करने के बाद उनमें मेनोपॉज के लक्षण होने शुरू हो जाते हैं. इस वजह से बीपी बढ़ना, मूड स्विंग होना शामिल है. इसके अलावा, बढ़ती उम्र के साथ आपकी स्मरण शक्ति भी कम हो सकती है.

रेगुलर हेल्थ चेकअप

डॉ. बताते हैं कि 40 साल की उम्र में पहुंचने के बाद आपको नियमित रूप से अपना हेल्थ चेकअप करना चाहिए. कम से कम आपको साल में एक बार ब्लड टेस्ट जरूर कराना चाहिए. इसके साथ ही शुगर जांच भी जरूर करानी चाहिए. वहीं, महिलाओं में इस उम्र में पहुंचने के बाद ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए ब्रेस्ट अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए. इसके अलावा, आपको साल में एक बार आंखों की जांच, हार्ट की जांच, दांतों की जांच, लीवर फंक्शन टेस्ट जरूर कराना चाहिए.

जिम्मेदारियों के साथ स्वास्थ्य पर भी दें ध्यान

फोर्टिस अस्पताल की डॉ. मुग्धा तापड़िया ने बताया कि 40 साल की उम्र में पहुंचने के बाद किसी भी व्यक्ति के ऊपर प्रमुख रूप से तीन जिम्मेदारी आ जाती है. एक उसकी खुद की, दूसरा उसके परिवार और तीसरा उसके खुद के करियर की. ऐसी स्थिति में वह व्यक्ति न अपने बारे में सोच पाता है और न ही अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दे पाता है.

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एक्सरसाइज करना न छोड़ें

ऐसी स्थिति में इस उम्र में पहुंचने के बाद व्यक्ति को नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए. कोशिश रहनी चाहिए कि वह एरोबिक एक्सरसाइज करें. इसका मतलब है कि जब आप एक्सरसाइज करें, तो आपको अच्छे से पसीना निकले. इसके अलावा, योगा, प्राणायाम, ध्यान जरूर करना चाहिए. यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को सही रखेगा. इसके साथ ही बाहर का खाना खाने से बचें. अपना वजन संतुलित रखें, क्योंकि बहुत ज्यादा वजन कई बार बीमारियों का कारण बनता है. वहीं, समय-समय पर मेडिकल चेकअप भी कराना चाहिए.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)