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SSC एग्जाम पर क्या है छात्रों का दर्द, TCS पर जोर क्यों, अब आगे क्‍या? नीतू मैम से समझें

Protest Against SSC: कुल मिलाकर SSC ने भी स्‍वीकार किया है कि परीक्षाओं में गड़बड़ियों को लेकर छात्रों का आक्रोश जायज है. समस्या की जड़ नई एजेंसी और तकनीकी बदलाव हैं. अब सुधार के वादों के साथ आगे की कार्रवाई पर अभ्‍यर्थियों की निगाहें हैं.

SSC एग्जाम पर क्या है छात्रों का दर्द, TCS पर जोर क्यों, अब आगे क्‍या? नीतू मैम से समझें
  • एसएससी परीक्षाओं में तकनीकी खराबी, साइट हैंग होना और परीक्षा कैंसिल होने से छात्रों का भरोसा कम हुआ है.
  • कई परीक्षा केंद्रों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, जिसके चलते गुरुवार को दिल्‍ली में विरोध प्रदर्शन हुआ.
  • नई एजेंसी Eduquity पर छात्रों ने कई तरह के आरोप लगाए हैं, इसे बैन करने के साथ TCS की वापसी की मांग कर रहे हैं.
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नई दिल्‍ली:

SSC Exam Glitches and Protest: एसएससी परीक्षाओं में लगातार तकनीकी और व्यवस्थागत गड़बड़ियों से छात्र नाराज हैं. पुलिसिया कार्रवाई ने छात्रों के आक्रोश को और भड़का दिया है. SSC ने कुछ सुधारों की बात कही है, लेकिन छात्रों का भरोसा अभी बहाल नहीं हुआ है. छात्रों के प्रदर्शन के दौरान जो हालात थे, उन्‍हें देखते हुए ये आशंका जताई गई कि अगर ये समस्याएं जल्द नहीं सुलझीं तो आने वाले दिनों में विरोध और तेज हो सकता है. पूरा मामला समझने के लिए एनडीटीवी ने कुछ छात्रों, कंपटीशन एग्‍जाम की तैयारी कराने वाली नीतू मैम और फिर एसएससी के चेयरपर्सन गोपाल कृष्णन से बात की. आइए जानते हैं कि छात्रों को किस तरह की समस्‍याएं हो रही हैं, एजेंसियों और बोर्ड से उन्‍हें किन मुद्दों पर शिकायतें हैं, विरोध प्रदर्शन के दौरान क्‍या कुछ हुआ और एसएससी का इन मामलों पर क्‍या कहना है. 

सवाल: SSC परीक्षाओं में छात्रों को क्या दिक्कतें आ रही हैं?

जवाब: छात्रों के अनुसार, SSC की परीक्षाओं में तकनीकी गड़बड़ियां बहुत बढ़ गई हैं. खासकर सिलेक्शन फेज़ की परीक्षा की तो 90% छात्रों को जानकारी ही नहीं होती. परीक्षा कैंसिलेशन, साइट हैंग और सेंटर पर अव्यवस्था आम हो गई है. इस वजह से छात्रों का विश्वास SSC पर से उठता जा रहा है.

सवाल: देशभर में एसएससी परीक्षाओं के खिलाफ छात्रों का विरोध क्यों हो रहा है?

जवाब: SSC परीक्षाओं में तकनीकी गड़बड़ियां, सिस्टम हैंग, दूर-दराज के सेंटर और प्रोसीजर में चूक जैसी समस्याओं के कारण छात्र विरोध कर रहे हैं. खासकर जंतर-मंतर पर बड़ी संख्या में छात्र प्रदर्शन कर चुके हैं.

सवाल: परीक्षा केंद्रों की क्या हालत है?

जवाब: नीतू मैम ने बताया कि कई परीक्षा केंद्र ऐसे गांवों में बनाए गए हैं, जहां बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं. कई जगह पंखे नहीं चलते, टेबल्स परीक्षा से दो दिन पहले बनाए जा रहे हैं. ऐसे में छात्र परीक्षा देने को लेकर असहज महसूस करते हैं.

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सवाल: नई एजेंसी (Eduquity) को लेकर छात्रों की शिकायत क्या है?

जवाब: छात्रों का आरोप है कि यह एजेंसी (Eduquity) पहले कई राज्यों में ब्लैकलिस्ट रही है. इसके सेंटर बहुत दूर दिए गए हैं, सर्वर स्लो है, सिस्टम ब्लैंक हो रहा है और कर्मचारियों का व्यवहार भी अनुचित बताया गया.

सवाल: छात्र SSC से क्या मांग कर रहे हैं?

जवाब: छात्र SSC से पारदर्शी और व्यवस्थित परीक्षा प्रणाली की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि अगर 3 लाख छात्रों की परीक्षा भी एजेंसी ठीक से नहीं करा पा रही, तो 30 लाख छात्रों के लिए कैसे जिम्मेदार होगी? वे चाहते हैं कि एजेंसी बदली जाए या फिर मजबूत निगरानी और जिम्मेदारी तय की जाए.

सवाल: SSC की परीक्षा के लिए TCS पर छात्रों का जोर क्यों है?

जवाब: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने कई वर्षों तक SSC और दूसरी प्रतियोगी परीक्षाएं सफलतापूर्वक करवाई हैं. उसका ट्रैक रिकॉर्ड साफ है, तकनीकी व्यवस्था मजबूत है और सेंटर भी संतुलित होते थे. इसलिए छात्र चाहते हैं कि SSC फिर से TCS को ही एग्जाम लेने दिया जाए. हालांकि SSC ने ये स्पष्ट नहीं किया कि TCS ने इस बार टेंडर डाला था या नहीं. लेकिन छात्रों की मांग है कि भविष्य में विश्वसनीय और अनुभवी कंपनियों को ही चुना जाए, चाहे वो TCS हो या कोई दूसरी मजबूत एजेंसी. 

अब आते हैं, 1 अगस्‍त को हुए विरोध प्रदर्शन पर. छात्रों और शिक्षकों का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ बहुत बुरा सुलूक किया. उन्‍हें उमस भरी गर्मी में पानी, पंखा जैसी निहायत जरूरी सुविधाओं से वंचित रखा. उनपर बल प्रयोग किया, उनके साथ हिंसा की. इस बारे में भी नीतू मैम ने विस्‍तार से बताया है. 

सवाल: विरोध-प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने क्या किया?

जवाब: नीतू मैम ने बताया कि प्रदर्शन कर रहे छात्रों और शिक्षकों पर पुलिस ने अचानक लाठियों और थप्पड़ों से हमला कर दिया. यह हमला जंतर-मंतर पर दोपहर करीब 12:30 बजे हुआ. उनके अनुसार, पुलिस ने बिना चेतावनी धक्का-मुक्की शुरू की, जिससे भगदड़ मच गई. डर के मारे उन्‍हें छिपना तक पड़ गया. इसके बाद सभी को जबरन बस में बैठा लिया गया.

सवाल: डिटेन किए गए लोगों के साथ पुलिस ने कैसा सुलूक किया?

जवाब: नीतू मैम के मुताबिक, छात्रों और शिक्षकों को एक बस में बैठाकर करीब चार घंटे तक दिल्ली की सड़कों पर घुमाया गया. इस दौरान न तो उन्हें पानी दिया गया, न ही वॉशरूम की सुविधा मिली. जब कुछ लोगों ने विरोध किया, तो उन्हें नजफगढ़ पुलिस स्टेशन ले जाया गया. रास्ते में कुछ छात्रों ने अपने शिक्षकों को केले, पानी और फल पहुंचाकर मदद की.

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सवाल: प्रदर्शनकारियों को जहां रखा गया, वहां क्या हालात थे?

जवाब: नजफगढ़ थाने में डिटेन किए गए लोगों को दर्रों (गद्दियों) पर बैठाया गया. वहां पंखा तक नहीं चल रहा था और उमस भरा माहौल था. सभी की तीन-चार बार अटेंडेंस ली गई, नाम और फोन नंबर नोट किए गए. आखिरकार रात 8:30 बजे उन्हें छोड़ा गया और करीब दो घंटे बाद वे मुखर्जी नगर पहुंचे.

आइए अब इन समस्‍याओं और आपत्तियों पर एसएससी का पक्ष समझने की कोशिश करते हैं,  एसएससी चेयरपर्सन गोपाल कृष्णन से. 

सवाल: क्या एसएससी ने इन गड़बड़ियों को स्वीकार किया है?

जवाब: हां, चेयरपर्सन ने माना कि कुछ जगहों पर समस्याएं आई हैं. सिस्टम हैंग होना, कुछ सेंटरों पर प्रोसीजर फॉलो न होना और एग्जाम कैंसिल होने जैसी दिक्कतें सामने आईं, जिन्हें संज्ञान में लेकर करेक्टिव एक्शन लिया जा रहा है.

सवाल: SSC चेयरपर्सन ने इन आरोपों पर क्या कहा है?

जवाब: SSC चेयरपर्सन गोपाल कृष्णन ने माना कि नई परीक्षा एजेंसी के साथ जुलाई 2024 से काम शुरू हुआ है, जिसमें कुछ तकनीकी दिक्कतें आई हैं. उन्होंने कहा कि C-DAC को निगरानी में जोड़ा गया है और हर परीक्षा के बाद संदिग्ध गतिविधियों की जांच की जा रही है. हालांकि उन्होंने वादा किया कि अगर दिक्कतें बनी रहीं तो सख्त कदम उठाए जाएंगे.

सवाल: इन गड़बड़ियों के पीछे क्‍या वजह है?

जवाब: जुलाई 2024 से SSC ने एक नई परीक्षा एजेंसी के साथ काम शुरू किया है. चूंकि ये उनका पहला एग्जाम था, इसलिए इसे चेयरपर्सन ने 'टीथिंग प्रॉब्लम' यानी शुरुआती तकनीकी चुनौतियां बताया.

सवाल: एजेंसी का चयन कैसे हुआ और क्या यह प्रक्रिया पारदर्शी थी?

जवाब: चेयरपर्सन ने बताया कि एजेंसी का चयन एक पारदर्शी टेंडर प्रक्रिया के तहत हुआ जिसमें तकनीकी क्षमता और वित्तीय बोलियों का मूल्यांकन किया गया. एक मजबूत तकनीकी कमेटी ने भी इसकी जांच की. उन्‍होंने कहा, 'एग्जाम संचालन में कुल 4-5 संस्थाएं होती हैं- प्रश्न पत्र निर्माण, परीक्षा मॉनिटरिंग, आईटी प्लेटफॉर्म संचालन और परीक्षा एजेंसी आदि. हर संस्था की अपनी जिम्मेदारियां होती हैं.'

सवाल: छात्रों को बहुत दूर के सेंटर दिए जाने पर SSC ने क्‍या कहा?

जवाब: चेयरपर्सन ने माना कि कुछ परीक्षार्थियों को 2300 किमी दूर तक जाना पड़ा, लेकिन यह शुरुआत की अस्थायी दिक्कत है. भविष्य में यह दूरी कम की जाएगी और सेंटर की संख्या बढ़ाई जाएगी.

सवाल: तकनीकी गड़बड़ियों की निगरानी और रोकथाम, SSC कैसे कर रहा है?

जवाब: पहली बार सरकार की संस्था C-DAC को निगरानी में जोड़ा गया है. उनका नेटवर्क सेंटर की हर मशीन पर नजर रखता है और किसी भी बाहरी दखल को ट्रैक करता है. एग्जाम के बाद डेटा एनालिसिस कर गड़बड़ी की पुष्टि होने पर संबंधित कैंडिडेट्स को बाहर किया जाता है.

सवाल: अगर आगे भी समस्याएं जारी रहीं तो SSC क्या करेगा?

जवाब: चेयरपर्सन ने कहा कि परीक्षा निष्पक्ष और शांतिपूर्ण होनी चाहिए. अगर गड़बड़ियां बढ़ीं तो सख्त कदम उठाए जाएंगे और जिम्मेदार एजेंसियों पर कार्रवाई की जाएगी. एग्जाम फेयर बनाने की पूरी जिम्मेदारी SSC की है. सभी एजेंसियों के साथ रोजाना बातचीत हो रही है. कुछ सुधारात्मक कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं. चेयरपर्सन के अनुसार अब सिस्टम कम हैंग हो रहे हैं और टेक्निकल अटैक में भी कमी आई है. लेकिन सुधार की प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी.

कुल मिलाकर SSC ने भी स्‍वीकार किया है कि परीक्षाओं में गड़बड़ियों को लेकर छात्रों का आक्रोश जायज है. समस्या की जड़ नई एजेंसी और तकनीकी बदलाव हैं. अब पारदर्शिता और सुधार के वादों के साथ आगे की कार्रवाई पर अभ्‍यर्थियों की निगाहें हैं.  
 

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