Irritable Bowel Syndrome: आंतों को सड़ा देती है यह बीमारी! बचने के लिए नियमित करें यह 3 योगासन...

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम से परेशान व्यक्ति एंग्जायटी, डिप्रेशन का भी शिकार हो सकता है. अगर कोई इस बीमारी से ग्रस्त है तो योगासन उसकी मदद कर सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे...

Irritable Bowel Syndrome: आंतों को सड़ा देती है यह बीमारी! बचने के लिए नियमित करें यह 3 योगासन...

Irritable bowel syndrome: कई बार बचपन में किसी तनावपूर्ण घटना की वजह से भी IBS के संकेत नजर आ सकते हैं.

Irritable Bowel Syndrome : बार-बार पेट में दर्द, दस्त, कब्ज और ब्लोटिंग जैसी समस्या से परेशान हैं तो आप इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के शिकार हो सकते हैं. यह एक तरह का गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर है, जो हर दिन के काम को प्रभावित कर सकता है. यह काफी गंभीर बीमारी होती है जो आंतों के सड़ने का संकेत देती है. कई बार यह बीमारी मूड भी प्रभावित करती है. इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम से परेशान व्यक्ति एंग्जायटी, डिप्रेशन का भी शिकार हो सकता है. आइए जानते हैं इस बीमारी की एक-एक जानकारी और इसे दूर करने के उपाय..

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इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के क्या संकेत हैं (Irritable bowel syndrome - Symptoms and causes)

  • पेट में ऐंठन और तेज का दर्द
  • पेट फूलना
  • सूजन, गैस की समस्या
  • दस्त या कब्ज की समस्या
  • मल में बलगम आना
  • कमर दर्द
  • जी मिचलाना
  • एनर्जी लो होना
  • पेशाब से जुड़ी समस्याएं

क्यों होता है इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (What is the main cause of irritable bowel syndrome?)

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम कई कारणों से हो सकता है. आंतों में मांसपेशियों में संकुचन, पाचन तंत्र की नसों में असामान्यताएं, आंतों में इंफेक्शन या आंतों में बैक्टीरिया के बढ़ने की वजह से यह बीमारी हो सकती है. कई बार बचपन में किसी तनावपूर्ण घटना की वजह से भी IBS के संकेत नजर आ सकते हैं. दरअसल, बैक्टीरिया, फंगी, वायरस आमतौर पर आंतों में रहते हैं और स्वस्थ रहने में अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन जब इसमें बदलाव होने के कारण भी इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या हो सकती है. ऐसे में तीन योगासन इससे राहत दिलाने में आपकी मदद कर सकते हैं. 

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ऊर्ध्वमुख श्वानासन (Upward-Facing Dog Pose)

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1. सबसे पहले जमीन पर मैट बिछाएं और पेट के बल लेट जाएं.

2. अपने पैरों और हाथों को एक सीध में रखें. पैर के पंजे ऊपर की तरफ होने चाहिए.

3. लंबी गहरी सांस लेते हुए अपने बाजू को मोड़ें और हाथों की मदद से छाती को थोड़ा ऊपर उठाएं.

4. इस दौरान आपकी थोड़ी जमीन पर टिकी होनी चाहिए और नजर सामने होनी चाहिए.

5. अब हाथों की मदद से अपने सिर को ऊपर उठाएं और शरीर का भार हथेलियों और पैर के किनारों पर छोड़ें.

6. इसके बाद हथेलियों पर जोर देते हुए पीठ को जितना मोड़ सकते हैं, उतना मोड़ने की कोशिश करें.

7. आपकी कलाईयां, कंधे सीध में होने चाहिए. सामने की तरफ देखते हुए लंबी गहरी सांस लें औ 10-15 सेकंड तक इस स्थिति में बने रहें.

8. इसके बाद अपनी नजरों को सामने से हटा कर छत की तरफ ले जाएं.

9. अब अपनी क्षमता के अनुसार इस योगासन को निश्चित करें.

10. जब क्षमता पूरी हो जाए तो सांस को धीरे-धीरे छोड़कर शरीर को जमीन पर रखें और अपने सिर को पुरानी स्थिति में लाएं.

धनुरासन (Bow Pose)

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1. सबसे पहले एक प्लेन जगह पर योग मैट बिछाएं.

2. पेट के बल योग मैट पर लेट जाएं.

3. अब घुटनों को मोड़कर हाथों से टखनों को टाइट से पकड़ें.

4. सांस लेते हुए अपने सिर, छाती और जांघ को ऊपर की तरफ उठाएं.

5. इस मुद्रा के दौरान शरीर का आकार धनुष के समान हो जाएगा.

6. इस आसन को करते समय शरीर के साथ किसी तरह की जोर-जबरदस्ती न करें.

7. अपनी क्षमता के हिसाब से इस मुद्रा में रहे और धीरे-धीरे सांस लेते-छोड़ते रहें.

8. इसके बाद प्रारंभिक अवस्था में वापस लाएं.

9. प्रारंभिक अवस्था में आते वक्त लंबी गहरी सांस छोड़ते हुए नीचे आएं.

10. इस आसन को दो से तीन बार करें.

उष्ट्रासन (Camel Pose)

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1. सबसे पहले योगा मैट बिछाएं और घुटने के सहारे बैठ जाएं.

2. अब घुटनों की चौड़ाई कंधों के बराबर रखें और अपने तलवें पूरी तरह फैलाकर ऊपर की तरफ रखें.

3. अपनी रीढ़ की हड्डी को पीछे की तरफ झुकाते हुए हाथों को एड़ियों पर टिकाने की कोशिश करें.

4. इस दौरान आपकी गर्दन पर अधिक दबाव न पड़े, इसका ध्यान रखें. कमर से लेकर घुटनों तक का हिस्सा सीधा रहे.

5. इस अवस्था में 5 से 10 बार गहरी सांस लें और फिर धीरे-धीसे सामान्य स्थिति में आएं.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.