बदलते हुए मौसम के साथ अब इन्फ्लुएंजा वायरस भी अपना कहर बरपाना शुरू कर चूका है. एक तरफ कोरोना के कहर से अभी लोग पूरी तरह उबर भी नहीं पाए कि अब दिल्ली में लोग एक और वायरस की चपेट में आ रहे हैं. दरअसल दिल्ली में हांगकांग फ्लू H3N2 इन्फ्लुएंजा के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है और इस वायरस ने कई लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है. इसके लक्षण एक आम वायरल फ्लू की तरह है लेकिन अगर इसका समय पर इलाज नहीं किया गया तो यह घातक साबित हो सकता है. ऐसे में अगर आपको जरूरत से ज्यादा ठंड लग रही है या फिर काफी दिनों से बुखार, सर्दी खांसी है तो इसे बिल्कुल नजरअंदाज ना करें.
चलिए हेल्थ एक्सपर्ट से ही जानते हैं दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे इस वायरस के आखिर क्या हैं सिम्प्टम और यह वायरस है कितना खतरनाक.
एच3एन2 वायरस क्या है?
H3N2 वायरस एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है जिसे इन्फ्लूएंजा A वायरस कहा जाता है. यह एक रेस्पिरेट्री वायरल इंफेक्शन है जो हर साल बीमारियों का कारण बनता है.इन्फ्लूएंजा ए वायरस का यह सब टाइप 1968 में मनुष्यों में पाया गया था. यह बिल्कुल कोरोना वायरस जैसा ही वायरल इंफेक्शन है जिसके लक्षण भी तकरीबन एक जैसे हैं.
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H3N2 वायरस के लक्षण क्या हैं?
दिल्ली के अस्पतालों में H3N2 वायरस के मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है. ऐसे में यह समझना बहुत जरूरी है कि आखिर इनफ्लुएंजा वायरस के लक्षण क्या हैं. दरअसल इस इन्फ्लूएंजा का शिकार हुए मरीजों में लंबे समय से बुखार, खांसी और थकान के लक्षण पाए गए हैं. इसके अलावा H3N2 वायरस के लक्षणों में खांसी, नाक बहना या नाक बंद होना, गले में खराश, सिरदर्द, शरीर में दर्द, बुखार, ठंड लगना, थकान, दस्त, उल्टी और सांस फूलना शामिल हैं. इसके साथ ही जो एक सिम्प्टम अब तक ज्यादा सामने नहीं आया है और मरीजों में पाया जा रहा है वह है शिवरिंग यानी कंपकपाना. ऐसे मरीजों को बहुत ज्यादा ठंड महसूस हो रही है जो इनफ्लुएंजा वायरस का शिकार हो रहे हैं.
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कोरोना वायरस की तरह म्यूटेट होता है H3N2 इनफ्लुएंजा वायरस
H3N2 इन्फ्लूएंजा को हांगकांग स्लो भी कहते हैं. इनफ्लुएंजा वायरस का शिकार होने वाले किसी एक उम्र के लोग नहीं हैं. बच्चों से लेकर बड़ों तक इनफ्लुएंजा वायरस के लक्षण सबमें पाए जा रहे हैं. डॉक्टर स्नेहा चावला के मुताबिक पिछले 2 महीनों से इन्फ्लूएंजा के बहुत ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. यह कोविड जैसा ही है क्योंकि दोनों ही वायरल बीमारियां है दोनों बहुत तेजी से म्यूटेट होती हैं. महामारी की शक्ल ले चुका इनफ्लुएंजा वायरस बेहद खतरनाक है क्योंकि कोविड की ही तरह इसका भी असर आपके फेफड़ों पर पड़ता है.
वायरल इन्फेक्शन में एंटीबायोटिक नहीं करती काम
चिंताजनक बात यह है कि सिर्फ इनफ्लुएंजा वायरस ही नहीं बल्कि कोविड के मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के हिसाब से देश में 1 दिन के कोरोना के मामलों में 260 ताजा मामलों का इजाफा हुआ है जबकि मौजूदा मामले बढ़कर 3000 हो गए हैं. ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट ज्यादा एंटीबायोटिक लेने को भी खतरनाक बनता रहे हैं. IMA नेशनल टास्क फोर्स के डॉ राजीव जयदेवन के मुताबिक बीमार होने पर लोग अंधाधुंध एंटीबायोटिक खाते हैं जबकि वह इस बात से अनजान हैं कि वायरल इनफेक्शन में एंटीबायोटिक फायदा नहीं करती.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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