
एक पुरानी कहावत है कि 'अर्ली टू बेड एंड अर्ली टू राइज' यानी कि रात में जल्दी सोना चाहिए और सुबह जल्दी उठना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि जो लोग रोजाना सुबह टाइम से उठते और रात में टाइम से सोते हैं उनकी सेहत टाइम से न उठने और सोने वालों से बेहतर होती है. ऐसे में सभी लोगों को सही टाइम टेबल के हिसाब से ही उठने और सोने की कोशिश करनी चाहिए. आइए जानते हैं सोने और जागने की सही टाइमिंग क्या होती है.
कब सोएं, कब जागें-When To Sleep, When To Wake Up:
बेहतर हेल्थ के लिए अक्सर लोगों को रात में जल्दी सोने और फिर सुबह जल्दी उठने की सलाह दी जाती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हमारे सोने और जागने के पैटर्न से हमारी बायोलॉजिकल बॉडी नेचर के हिसाब से काम करती है. अक्सर पुराने जमाने के लोग ऐसा महसूस करते हैं कि सूरज डूबने के बाद खाने और सोने का टाइम शुरू हो जाता है. हमारे सोने का सबसे सही वक्त इस बात के हिसाब से भी तय किया जा सकता है कि हम सुबह कितने बजे तक उठ जाते हैं. साथ ही, हमारे शरीर को नींद की कितनी जरूरत है.

कितने घंटे की नींद जरूरी
हमारे सोने का समय बॉडी क्लॉक के हिसाब से तय होता है. साथ ही, हमारी उम्र के हिसाब से भी सोने और उठने का समय तय करने में मदद मिलती है. हर स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए. बिजी लाइफस्टाइल होने पर भी, सभी लोगों को सुबह 6 बजे तक उठ जाना चाहिए और रात में करीब 11 बजे के आसपास सो जाना चाहिए. ऐसा करना हमारी हेल्थ के लिए बेहद अच्छा माना जाता है.
कितनी नींद है जरूरी
हर इंसान को अपनी रोजाना की फिजिकल एक्टिविटी के साथ-साथ अपनी उम्र के मुताबिक जरूरी नींद लेनी चाहिए. जैसे, करीब 3 से 12 महीने तक के बच्चों को 12 से 16 घंटे तक की नींद जरूर लेनी चाहिए. वहीं 1 से लेकर 5 साल तक की उम्र के बच्चों को कम से कम 10 से लेकर 13 घंटे, 9 से 18 साल तक के लोगों को करीब 8 से 10 घंटे तक की नींद और 18 से लेकर 60 साल तक के लोगों को कम से कम 7 से 8 घंटे की भरपूर नींद लेनी चाहिए.
कम सोते हैं तो हो जाएं सावधान
अगर कोई इंसान दिन के समय में भी नींद महसूस करता है तो ये इस बात की तरफ शरीर का इशारा है कि उसे रात में भरपूर नींद नहीं मिली है. नींद पूरी न होने की वजह से अक्सर लोगों को चिड़चिड़ापन, भूलने की बीमारी और यहां तक कि डिप्रेशन की दिक्कत भी महसूस हो सकती है. इसके साथ ही ज्यादातर समय बीमार महसूस करना, हाई बीपी, हार्ट डिजीज, डायबिटीज जैसी बीमारियां होने की संभावना भी बढ़ जाती है.
ज्यादा सोना भी खतरनाक
जरूरत से ज्यादा सोना भी शरीर से लिए खतरनाक हो सकता है. स्वस्थ इंसान अगर रोजाना 8 घंटे की नींद से ज्यादा सोता है तो उसे भी चिड़चिड़ापन, नींद न आने की दिक्कत, डायबिटीज, मोटापा, और यहां तक कि दमा की बीमारी भी हो सकती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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