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This Article is From Dec 21, 2022

Health Tips: चिकन खाने से एंटीबायोटिक्स प्रतिरोधक हो सकता है शरीर, यहां जानें कारण

Health Tips: चिकन प्रोटीन, नियासिन, सेलेनियम और फॉस्फोरस सहित कई अहम पोषक तत्वों से भरपूर होता है. प्रोटीन शरीर में ऊतकों के निर्माण और मरम्मत के लिए जरूरी होता है.

Health Tips: चिकन खाने से एंटीबायोटिक्स प्रतिरोधक हो सकता है शरीर, यहां जानें कारण
Health Tips: आप भी हैं चिकन खाने के शौकीन, तो जान लें कैसे आपको एंटीबायोटिक्स का आदी बना सकती हैं मुर्गियां.

चिकन प्रोटीन, नियासिन, सेलेनियम और फॉस्फोरस सहित कई अहम पोषक तत्वों से भरपूर होता है. प्रोटीन शरीर में ऊतकों के निर्माण और मरम्मत के लिए जरूरी होता है. वहीं सेलेनियम एक ट्रेस मिनरल है जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है. चिकन बी विटामिन जैसे नियासिन और विटामिन बी6 और बी12 भरपूर होता है, जो शरीर को ताकत देते हैं और ब्रेन हेल्थ के लिए भी बेहद जरूरी हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं प्रोटीन और विटामिन से भरपूर ये चिकन आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है.

चिकन पर एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल- Use Of Antibiotics On Chicken:

चिकन खाने वालों की इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है. वहीं इलाज के दौरान एंटीबायोटिक दवाएं ऐसे लोगों के शरीर पर असरहीन साबित होने लगती हैं. इसका प्रभाव अलग-अलग लोगों पर अलग-अलग हो सकता, किसी पर ज्यादा किसी पर कम. वजह ये है कि कुछ पोल्ट्री फार्म चलाने वाले लोग चिकन की सेहत को बेहतर बनाने के लिए उसे अधिक मात्रा एंटीबायोटिक दवाएं भी देते हैं, जो आपके शरीर में पहुंच कर आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं. 

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पोल्ट्री फार्मों में एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग दो कारणों से किया जाता है. चिकन के विकास को बढ़ावा देने के लिए और संक्रमण को रोकने या उसका इलाज करने के लिए. इन दवाओं को मुर्गियों के भोजन में नियमित रूप से शामिल किया जाता है.  

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चिकन खाने वालों की इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है.Photo Credit: iStock

इंसानों के लिए कैसे खतरा बनते हैं ये चिकन-

आपकी थाली में परोसे गए चिकन के साथ ही एंटीबायोटिक दवाएं भी आपके शरीर में प्रवेश करती हैं और एक समय के बाद आपका शरीर एंटीबायोटिक प्रतिरोधक हो जाता है. एंटीबायोटिक प्रतिरोध तब होता है जब एंटीबायोटिक दवाएं किसी को लगातार दी जाती हैं. ये दवाएं संक्रमण के लिए जिम्मेदार लक्षित जीवाणुओं में से अधिकांश को मारती हैं, लेकिन उनमें से कुछ जीवित रहते हैं. ये जीवित जीवाणु समय के साथ ही दवाओं से खुद को सुरक्षित रखना सीख लेते हैं. ऐसे में बीमारी के इलाज के लिए दी जाने वाली एंटीबायोटिक दवा फिर ऐसे जीवाणुओं पर असर नहीं करती. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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