इम्यूनिटी के लिए हल्दी वाला दूध (Turmeric Milk For Immunity) किसी रामबाण से कम नहीं है और सर्दियों में मजबूत इम्यूनिटी होना कितना जरूरी है ये आप भली भांत जानते हैं. इसके साथ ही सर्दी-खांसी के लिए हल्दी दूध (Turmeric Milk For Cold-Cough) एक कारगर घरेलू नुस्खा है और भी कई स्वास्थ्य समस्याएं हैं जिनसे लड़ने के लिए सर्दियों में हल्दी दूध का सेवन जरूर करना चाहिए. यहां गोल्डन मिल्क के 9 शानदार स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताया गया है...
सर्दियों में हल्दी दूध का सेवन करने के फायदे | Benefits Of Consuming Turmeric Milk In Winter
1. सर्दी जुकाम और खांसी के लिए कमाल
हल्दी में एंटीसेप्टिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-एलर्जिक गुण होते हैं. एक चुटकी काली मिर्च के साथ हल्दी दूध का एक गर्म गिलास, मौसमी संक्रमणों को दूर करने और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद कर सकता है. इसके साथ ही सर्दी-जुकाम और खांसी से राहत दिलाने में भी मदद कर सकता है.
Health Benefits Of Turmeric Milk: दूध कई पोषक तत्वों और विटामिन से भरपूर होता है
2. प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार करता है
हल्दी वाले दूध में भी ऐंठन-विरोधी गुण होते हैं जो मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द को कम करते हैं. यह चक्र को सामान्य करने में भी मदद करता है. अगर महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन, एंडोमेट्रियोसिस, ल्यूकोरिया या फाइब्रॉएड हैं, तो हल्दी वाला दूध उनकी मदद कर सकता है. हल्दी वाला दूध प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है.
3. जोड़ों का दर्द भी होगा दूर
हल्दी एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से परिपूर्ण है. अगर आपको हाल ही में अपने जोड़ों में किसी प्रकार का दर्द होने लगा है, तो रोजाना हल्दी वाला दूध पीने से आराम मिल सकता है. यह पीठ दर्द के लिए एक असाधारण उपाय है और गठिया और संधिशोथ के लक्षणों के प्रबंधन में भी फायदेमंद माना जाता है. इसीलिए रोजाना हल्दी दूध का सेवन करें.
4. मेमोरी तेज करता है गोल्डन मिल्क
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन आपको रेजर-शार्प मेमोरी देने में मदद कर सकता है. कई अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि हल्दी डिमेंशिया और अल्जाइमर रोग की शुरुआत में देरी कर सकती है और इसके लक्षणों को दूर करने में भी मदद कर सकती है. ऐसे में हर रोज हल्दी वाला दूध पीना फायदे का सौदा है.
5. एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर है हल्दी दूध
एंटीऑक्सीडेंट हमारे लिए आवश्यक हैं. वे यौगिक हैं जो किसी भी कोशिका क्षति से लड़ने में मदद करते हैं और शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाते हैं. वे सेल फ़ंक्शन के लिए महत्वपूर्ण हैं, और भोजन जो एंटीऑक्सिडेंट युक्त है, रोग और संक्रमण के जोखिम को कम करता है. हल्दी में करक्यूमिन नामक एक सक्रिय घटक होता है जो एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है.
Benefits Of Turmeric Milk: हल्दी वाला दूध मेमोरी को तेज करने में मदद कर सकता है.
6. ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है
अगर आप मधुमेह रोगी हैं, तो हल्दी वाला दूध आपकी मदद कर सकता है. इसके लिए दालचीनी और हल्दी को अपने दूध के गिलास में मिलाएं और रोजाना सेवन करें. यह आपके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मददगार हो सकता है. साथ ही इसे मैनेज करने में भी आपकी सहायता है कर सकता है.
7. ब्लड प्यूरिफिकेशन में मददगार
हल्दी वाला दूध रक्त संचार बढ़ाता है. यह लसीका प्रणाली और उनके द्वारा होने वाली अशुद्धियों से रक्त वाहिकाओं को साफ करने में भी मदद कर सकता है. हल्दी वाला दूध रक्त शुद्धि में मदद कर सकता है. ऐसे में सर्दियों के मौसम में रोजाना हल्दी दूध पीना काफी लाभकारी है.
8. एंटी एजिंग लाभों से भरपूर
हल्दी त्वचा लाभों के लिए भी कमाल है. हल्दी के पावर कंपाउंड करक्यूमिन के एंटी-एजिंग फायदे हैं. एंटीऑक्सिडेंट में मसाला बहुत घना होता है जो फ्री रेडिकल गतिविधि को रोकता है और झुर्रियां को दूर रखता है. सर्दियों में हमारी त्वचा शुष्क और सुस्त हो जाती है; थोड़ी सी हल्दी त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है.
Benefits Of Turmeric Milk: हेल्दी और जवां त्वचा पाने के लिए भी हल्दी दूध का सेवन फायदेमंद माना जाता है.
9. श्वसन संबंधी समस्याओं से लड़ता है
श्वसन तंत्र संक्रामक एजेंटों और रोगजनकों से प्रभावित हो सकता है. हल्दी वाला दूध उन्हें सिस्टम से निकालने में मदद करता है. हल्दी वाला दूध एंटी-माइक्रोबियल होता है इसलिए यह वायरल और बैक्टीरिया के संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकता है. अगर आपको अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, साइनस या फेफड़ों में जमाव है, तो हल्दी वाला दूध उनके लिए एक प्रभावी उपाय है.
अगर आप अपने नियमित आहार में हल्दी दूध शामिल करने पर विचार कर रहे हैं, तो एक गिलास दूध में एक चुटकी हल्दी से अधिक नहीं डाला जाना चाहिए.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.