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सालों पहले यूरोप की 'आधी आबादी' को लील गया था ये संक्रमण, 2025 में फिर दिखे मामले, तो क्या लौट आया है प्लेग?

Plague Outbreak 2025 : आज के समय में प्लेग का इलाज संभव है, लेकिन सतर्कता बहुत ज़रूरी है. यह बीमारी चाहे कितनी भी पुरानी हो, जब-जब यह वापस आई है, तब-तब इसने दुनिया को चेतावनी दी है कि संक्रमण कोई भी हो, हमें उसे हल्के में नहीं लेना चाहिए.

सालों पहले यूरोप की 'आधी आबादी' को लील गया था ये संक्रमण, 2025 में फिर दिखे मामले, तो क्या लौट आया है प्लेग?
जुलाई में अमेरिका में बढ़ प्लेग के मामले, हो चुकी है मौत.

Plague Outbreak 2025 : यह पक्की बात है कि आपने कभी न कभी यह बात सुनी होगी 'जब प्लेग फैला था'. वह एक  ऐसा समय था जिसे लोग आज भी याद करते हैं तो घबरा जाते हैं. जब भी कोई यह सुनता है कि प्लेग फिर से किसी शहर में आया है, तो सबसे पहले दिमाग में इतिहास की भयानक तस्वीरें उभरने लगती हैं. प्लेग वही बीमारी जिसके कारण सदियों पहले यूरोप, एशिया और अफ्रीका में करोड़ों लोग अपनी जान गवां चुके हैं, ये फिर से सामने आ जाए - अब तो ये सोच कर ही डर लगने लगता है. लेकिन हकीकत यह है कि प्लेग कभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ. यह अब भी दुनिया के कुछ हिस्सों में छुपा हुआ है और समय-समय पर उभर आता है.

2025 में प्लेग का प्रकोप (Plague Outbreak 2025)

अमेरिका के एरिज़ोना में दिखा मामला

जुलाई 2025 में अमेरिका के एरिज़ोना राज्य में एक व्यक्ति की न्यूमोनिक प्लेग से मौत हो गई. ये घटना इस काउंटी में 2007 के बाद पहली बार हुई जब प्लेग से किसी की जान गई. ऐसा माना जा रहा है कि यह संक्रमण किसी मरे हुए जानवर के संपर्क में आने से हुआ. मेडिकल साइंस ने भले ही बीमारियों के इलाज में तरक्की कर ली हो, लेकिन प्लेग जैसे रोग आज भी इंसानों के लिए खतरा बने हुए हैं. इसका कारण सिर्फ बीमारी नहीं, बल्कि वह तरीका भी है जिससे यह फैलता है.

प्लेग के तीन मुख्य रूप

1. ब्यूबोनिक प्लेग : यह सबसे ज़्यादा सामने आने वाला रूप है. इसमें शरीर के कुछ हिस्सों में गांठें बन जाती हैं जो काफी दर्दनाक होती हैं. इसके साथ बुखार, थकावट और कंपकंपी जैसे लक्षण दिखते हैं. यह रोग मुख्य रूप से पिस्सू के काटने से फैलता है जो संक्रमित चूहों या अन्य जानवरों के शरीर पर होते हैं.

2. सेप्टिकमिक प्लेग : जब बीमारी खून में पहुंच जाती है, तो यह रूप बनता है. इसमें शरीर के अंगों को खून नहीं मिल पाता, जिससे अंग सड़ने लगते हैं. अगर इसका जल्दी इलाज न हो, तो यह जानलेवा हो सकता है.

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3. न्यूमोनिक प्लेग : यह सबसे खतरनाक रूप है. इसमें फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं और यह इंसान से इंसान में भी फैल सकता है. खांसी, तेज़ बुखार और सांस लेने में परेशानी इसके मुख्य लक्षण हैं.

कैसे फैलता है प्लेग ?

प्लेग तीन तरीकों से फैलता है

  1. संक्रमित पिस्सू के काटने से
  2. मरे हुए या बीमार जानवरों के संपर्क से
  3. और संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छींक से निकली बूंदों को सांस के ज़रिए अंदर लेने से

क्या आपको डरने की ज़रूरत है?

वर्तमान में, एरिज़ोना में सामने आए इस मामले से आगे कोई फैलाव देखने को नहीं मिला है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर साल दुनियाभर में लगभग 1,000 से 2,000 प्लेग के मामले सामने आते हैं. अमेरिका में पिछले 25 सालों में सिर्फ 14 मौतें प्लेग के कारण हुई हैं.

इतिहास की भयानक घटनाएं

-जस्टिनियन प्लेग (541 ई.) - अफ्रीका में फैली और करोड़ों की जान ले गई.
-ब्लैक डेथ (1347-1351) - प्लेग से यूरोप की लगभग आधी आबादी खत्म हो गई.
-तीसरी महामारी (1894) - चीन से शुरू होकर भारत में करोड़ों लोगों की मौत का कारण बनी.

इन घटनाओं ने इंसानी इतिहास को बदल कर रख दिया.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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