Life‑saving Tests for Diabetic Patients: आज डायबिटीज को सिर्फ शुगर की बीमारी नहीं माना जाता, बल्कि इसे एक साइलेंट किलर कहा जाता है. वजह साफ है यह बीमारी धीरे-धीरे शरीर के जरूरी अंगों को नुकसान पहुंचाती है और जब यह असर दिल (हार्ट) तक पहुंचता है, तो खतरा कई गुना बढ़ जाता है. हैरानी की बात यह है कि डायबिटीज के मरीजों में हार्ट अटैक कई बार बिना किसी तेज दर्द या चेतावनी के आ जाता है. इसी वजह से इसे साइलेंट हार्ट अटैक कहा जाता है. मेदांता अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. नरेश त्रेहान के अनुसार, डायबिटीज के मरीजों में हार्ट डिजीज, हार्ट फेल्योर और अचानक हार्ट अटैक का जोखिम सामान्य लोगों की तुलना में कहीं ज्यादा होता है. उन्होंने NDTV से बातचीत में बताया कि अगर समय रहते जांच न हो, तो मरीज को तब पता चलता है जब दिल को गंभीर नुकसान हो चुका होता है.
डायबिटीज में दिल क्यों हो जाता है कमजोर? | Why Does the Heart Become Weak in Diabetes?
डायबिटीज का सीधा असर शरीर की नसों और ब्लड वेसल्स पर पड़ता है. लंबे समय तक ब्लड शुगर बढ़ी रहने से दिल को खून पहुंचाने वाली नसें धीरे-धीरे सख्त और संकरी होने लगती हैं. इसके अलावा, डायबिटीज में दर्द का संकेत देने वाली नसें भी कमजोर हो जाती हैं. यही वजह है कि हार्ट अटैक होने पर भी मरीज को सीने में तेज दर्द महसूस नहीं होता.
ये भी पढ़ें: नींद नहीं आती? गद्दे से लेकर सोने की पोजिशन तक, बस ये बदलते ही आएगी अब तक की सबसे गहरी नींद
क्यों नहीं होता सीने में दर्द?
डॉ. नरेश त्रेहान बताते हैं कि आमतौर पर हार्ट अटैक का सबसे बड़ा लक्षण सीने में तेज दर्द होता है. लेकिन, डायबिटीज के मरीजों में कई बार यह दर्द महसूस ही नहीं होता क्योंकि, दर्द का सिग्नल भेजने वाली नसें डैमेज हो चुकी होती हैं, शरीर चेतावनी देने में असमर्थ हो जाता है.
ऐसे में मरीज को हार्ट की समस्या का अंदाजा तब लगता है जब:
- थोड़ा चलने पर ही सांस फूलने लगे.
- हर समय असामान्य थकान महसूस हो.
- हार्ट की पंपिंग क्षमता 60–65% से गिरकर 25–30% तक पहुंच जाए.
मतलब साफ है लक्षण दिखने तक दिल को बड़ा नुकसान हो चुका होता है.
डायबिटीज वालों के लिए जरूरी हार्ट जांच:
डॉ. नरेश त्रेहान की सलाह है कि डायबिटीज के मरीज सिर्फ शुगर लेवल पर ध्यान न दें, बल्कि दिल की रेगुलर चेकअप भी कराएं. जरूरी टेस्ट हैं:
- 2D Echo- हार्ट की पंपिंग क्षमता जानने के लिए
- TMT (ट्रेडमिल टेस्ट)- चलने के दौरान हार्ट पर पड़ने वाले दबाव की जांच
- ECG- दिल की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी देखने के लिए
- ब्लड प्रेशर और लिपिड प्रोफाइल- कोलेस्ट्रॉल और बीपी जांचने के लिए.
डॉक्टर त्रेहान का कहना है कि डायबिटीज में हार्ट चेकअप उतना ही जरूरी है जितना शुगर कंट्रोल करना.
ये भी पढ़ें: डॉक्टर त्रेहान ने बताया Heart Attack के पीछे की असली वजह, क्या डर की वजह से रुक सकती है दिल की धड़कन? जानें
कैसे करें बचाव?
- ब्लड शुगर को रेगुलर कंट्रोल में रखें.
- साल में कम से कम एक बार पूरा हार्ट चेकअप कराएं.
- थकान, सांस फूलना या कमजोरी को नजरअंदाज न करें
- बैलेंस डाइट, रोजाना वॉक और तनाव से दूरी बनाएं.
डायबिटीज के मरीजों के लिए हार्ट अटैक का खतरा साइलेंट होता है, लेकिन सावधानी और समय पर जांच से इसे रोका जा सकता है.
Watch Video: इस वीडियों में Dr. Naresh Trehan ने क्या कहा:
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं