नई दिल्ली: साउथ-ईस्ट एशिया के लिए डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह के अनुसार, लगभग 422 मिलियन लोगों को डायबिटीज है और दुनिया भर में हर साल 1.5 मिलियन मौतों का सीधा कारण डायबिटीज है. "डब्ल्यूएचओ साउथ-ईस्ट एशिया क्षेत्र में 96 मिलियन से अधिक लोगों को डायबिटीज होने का अनुमान है और अन्य 96 मिलियन प्री-डायबिटी होने का अनुमान है, जिससे सालाना कम से कम 600000 मौतें होती हैं. 2045 तक जब तक तत्काल कार्रवाई नहीं की जाती, व्यापकता इस क्षेत्र में डायबिटीज के 68 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है," डॉ पूनम खेत्रपाल ने कहा.
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उन्होंने डायबिटीज की गंभीरता पर प्रकाश डाला और कहा कि अगर देर से पता चलता है, या अनुचित तरीके से मैनेज किया जाता है, तो हार्ट, रक्त वाहिकाओं, आंखों, किडनी और तंत्रिकाओं को गंभीर और जानलेवा नुकसान हो सकता है.
उन्होंने टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करने के तरीके भी बताए:
"टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को नियमित और पर्याप्त शारीरिक गतिविधि, स्वस्थ भोजन और तम्बाकू से परहेज करके और शराब के हानिकारक उपयोग से कम किया जा सकता है. टाइप 2 डायबिटीज को दवा, ब्लड प्रेशर और लिपिड के कंट्रोल के माध्यम से मैनेज किया जा सकता है और एक हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करना जरूरी है. टाइप 1 डायबिटीज, जो इस क्षेत्र में 250000 से अधिक बच्चों और किशोरों को प्रभावित करता है, वर्तमान में रोका नहीं जा सकता है लेकिन इसे मैनेज किया किया जा सकता है. दोनों प्रकार के डायबिटीज वाले लोगों के लिए सस्ते उपचार तक पहुंच इंसुलिन सहित उनके अस्तित्व के लिए जरूरी है," डॉ खेत्रपाल ने कहा.
डॉ. खेत्रपाल के अनुसार, रोकथाम और नियंत्रण 2022-2030 के तहत यह क्षेत्र गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) को रोकने, नियंत्रित करने और यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (यूएचसी) प्राप्त करने के साथ-साथ एनसीडी पर हाल ही में अपनाए गए इम्प्लीमेंटेशन रोडमैप पर अपनी प्रमुख प्राथमिकताओं के अनुरूप कार्रवाई करना जारी रखे हुए है.
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"अब लगभग सभी देशों में डायबिटीज के लिए स्टेंडर्ड ट्रीटमेंट गाइड लाइन्स हैं और ज्यादातर प्राइमरी हेल्थ केयर (PHC) लेवल पर कम से कम एक हाइपोग्लाइसेमिक दवा प्रदान करते हैं. पूरे क्षेत्र में WHO HEARTS-D तकनीकी पैकेज निदान करने के लिए PHC कर्मियों का समर्थन कर रहा है, डायबिटीज का इलाज और मैनेजमेंट, एनसीडी देखभाल सहित स्वास्थ्य प्रणालियों को पीएचसी लेवल पर फिरसे ऑरिएंटेड करने के लिए क्षेत्र-व्यापी प्रयासों को तेज करना," उन्होंने कहा.
डॉ खेत्रपाल के अनुसार, 2021 में COVID-19 के बीच, WHO ने भूटान, मालदीव, नेपाल, श्रीलंका और तिमोर-लेस्ते को इंसुलिन दान के वितरण के साथ-साथ 45 अन्य लो और मध्यम आय वाले देशों को विश्व स्तर पर सपोर्ट दिया.
"यह क्षेत्र वर्तमान में 2010 और 2025 के बीच तंबाकू के उपयोग के प्रसार में 30 प्रतिशत की सापेक्ष कमी हासिल करने की ओर बढ़ा है और पिछले साल फिजिकल एक्टिविटी 2018-2030 पर ग्लोबल एक्शन प्लान को लागू करने के लिए एक क्षेत्रीय रोडमैप लॉन्च किया. रोडमैप सदस्य राज्यों की मदद करेगा" उन्होंने कहा.
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"सबसे पहले, नीति निर्माताओं को सर्विस कवरेज में गैप को दूर करने के लिए समयबद्ध लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए. दूसरा, हाई इफेक्ट लागत प्रभावी और कॉन्टैक्स-एप्रोप्रिएंट इंटरवेंशन की पहचान और कार्यान्वयन जारी रहना चाहिए. इसके लिए, अप्रैल 2021 में लॉन्च किया गया ग्लोबल डायबिटीज़ कॉम्पेक्ट सामुदायिक सशक्तिकरण बढ़ाने और निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के लिए लक्षित प्रयासों का आह्वान करता है," डॉ खेत्रपाल ने कहा.
"तीसरा, नीति निर्माताओं को पीएचसी सेवा वितरण को मजबूत करना जारी रखना चाहिए, यह सुनिश्चित करना कि डायबिटीज की जांच और देखभाल उपलब्ध, सुलभ, स्वीकार्य और पर्याप्त गुणवत्ता की हो, बिना किसी भेदभाव के" डॉ खेत्रपाल ने कहा
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं