
- 8वें वेतन आयोग में सरकारी कर्मियों के वेतन वृद्धि के लिए फिटमेंट फैक्टर 1.8 से 2.46 के बीच होने के अनुमान हैं.
- एंबिट कैपिटल और कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट्स में वेतन वृद्धि की संभावना 13% से 34% तक बताई गई है.
- फिटमेंट फैक्टर बढ़ने पर मूल वेतन बढ़ता है, लेकिन महंगाई भत्ते के शून्य होने से प्रभावी वेतन वृद्धि कम होती है.
8th Pay Commission Salary Calculator: आठवें वेतन आयोग में सरकारी कर्मियों का वेतन कितना बढ़ जाएगा, इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही है. इसके कैलकुलेशन (8th Pay Commission Salary) के लिए संभावित फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) को लेकर भी खूब चर्चा (8th Pay Commission Salary Hike News) हो रही है. सरकारी कर्मियों को अच्छी बढ़ोतरी की उम्मीद है. ब्रोकरेज फर्म्स और अन्य एक्सपर्ट्स ने संभावित फिटमेंट फैक्टर और इसके आधार पर वेतन में होने वाली बढ़ोतरी को लेकर अपनी उम्मीदें जताई हैं.
हाल ही में एंबिट कैपिटल और कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने रिसर्च रिपोर्ट जारी की है. इन दोनों की रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रभावी वेतन वृद्धि 13% से 34% तक हो सकती है. आइए पूरा कैलकुलेशन समझते हैं.
फिटमेंट फैक्टर और वेतन वृद्धि
एंबिट कैपिटल ने पिछले दिनों जारी रिपोर्ट में कहा कि सैलरी रिवीजन के लिए इस्तेमाल होने वाला फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.46 के बीच हो सकता है.
- बेस केस (Base Case): अगर फिटमेंट फैक्टर 1.83 रहता है, तो प्रभावी सैलरी में 14% की बढ़ोतरी हो सकती है.
- मीडियन केस (Median Case): 2.15 के फिटमेंट फैक्टर से सैलरी में 34% की वृद्धि हो सकती है.
- अपर केस (Upper Case): अगर फिटमेंट फैक्टर 2.46 की सिफारिश की जाती है, तो सैलरी में 54% की भारी वृद्धि हो सकती है.
दूसरी ओर, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने 21 जुलाई को अपनी रिपोर्ट में 1.8 के फिटमेंट फैक्टर का अनुमान लगाया, जिससे वेतन में 13% की वृद्धि होगी.
सैलरी इंक्रीमेंट का कैलकुलेशन
फिटमेंट फैक्टर 1.8 का मतलब है कि मौजूदा 'मूल' वेतन को 1.8 से गुणा किया जाएगा. लेकिन, प्रभावी वेतन वृद्धि कम होती है, क्योंकि नए वेतन आयोग के लागू होने पर महंगाई भत्ता (DA) जीरो हो जाता है.

उदाहरण के लिए 7वें वेतन आयोग ने 2.57 का फिटमेंट फैक्टर सजेस्ट किया था. इससे 2016 में न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया था (7,000 x 2.57). हालांकि, अगर महंगाई भत्ते को जीरो करने पर देखें तो वास्तविक वेतन बढ़ोतरी बहुत कम थी.
6वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन
- 7,000 (मूल वेतन) + 8,750 (DA) + 2,100 (HRA) + 1,350 (TA) = 19,200 रुपये.
7वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन
- 18,000 (मूल वेतन) + 4,320 (HRA) + 1,350 (TA) + 0 (DA) = 23,670 रुपये.
2016 में ये इस तरह संशोधित हुआ. इस तरह, 9 साल पहले 7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद न्यूनतम वेतन में 19,200 रुपये से 23,670 रुपये तक, यानी 14.3% की प्रभावी वृद्धि देखी गई थी.
50 हजार है सैलरी तो कितनी बढ़ जाएगी?
उदाहरण के तौर पर हम किसी ऐसे सरकारी कर्मचारी के लिए कैलकुलेशन करेंगे, जिनका मौजूदा मूल वेतन 50,000 रुपये है. कैलकुलेट करते हैं कि 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर संभावित वेतन वृद्धि कैसी होगी.
- मूल वेतन: 50,000 रुपये
- HRA (24% पर): 12,000 रुपये
- TA: 2,160 रुपये
- DA (55% पर): 27,500 रुपये
- कुल वेतन: 91,660 रुपये
(यह ध्यान रखने योग्य है कि DA 55% पर कैलकुलेट किया गया है, 7वें वेतन आयोग के दौरान ये 125% था)
अब 1.82 के फिटमेंट फैक्टर के साथ
- नया मूल वेतन (50,000 x 1.82) = 91,000 रुपये
- नया HRA (91,000 x 24%) = 21,840 रुपये
- TA = 2,160 रुपये
- नया DA = 0
नया कुल वेतन: 1,15,000 रुपये (लगभग 25.46% की वृद्धि)
2.15 के फिटमेंट फैक्टर के साथ:
- नया मूल वेतन (50,000 x 2.15) = 1,07,500 रुपये
- नया HRA (1,07,500 x 24%) = 25,800 रुपये
- नया TA = 2,160 रुपये
- नया DA = 0
नया कुल वेतन: 1,35,460 रुपये (लगभग 47.78% की वृद्धि)
ये ध्यान रखना जरूरी है कि ऊपर जो भी कैलकुलेशन दिए गए हैं, ये सभी अनुमान के आधार पर हैं. वास्तविक फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश 8वें वेतन आयोग की ओर से की जाएगी, जो सभी पक्षों से चर्चा के बाद तय किया जाएगा. बता दें कि अब तक आयोग का गठन नहीं हुआ है.
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