Air Pollution Effects: दिल्ली में जहरीली हवा अब सिर्फ धुंध या मौसम की खराबी का मामला नहीं रहा. यह सीधे-सीधे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी बन चुकी है. AIIMS के पल्मोनरी मेडिसिन और स्लीप डिसऑर्डर्स विभाग के HOD डॉ. अनंत मोहन ने बेहद चौंकाने वाली चेतावनी जारी की है. उन्होंने साफ कहा है कि दिल्ली की हवा का स्तर गंभीर, खतरनाक और जानलेवा श्रेणी में पहुंच चुका है. यह चेतावनी सिर्फ डेटा या आंकड़ों पर आधारित नहीं, बल्कि अस्पतालों में तेजी से बढ़ते मरीजों की वास्तविक स्थिति पर आधारित है. हर साल अक्तूबर-नवंबर में हवा खराब होती है, लेकिन इस बार हालात कहीं ज्यादा बेकाबू हो गए हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, ओपीडी और इमरजेंसी दोनों में मरीजों की संख्या में अचानक भारी उछाल आया है.
सबसे चिंताजनक बात यह है कि सिर्फ पुराने मरीज ही नहीं, बल्कि वे लोग भी बीमार पड़ रहे हैं जो अब तक बिल्कुल स्वस्थ थे और जिन्हें कभी सांस से जुड़ी समस्या नहीं रही.
लोग क्यों तेजी से बीमार हो रहे हैं? डॉक्टर बताते हैं असली वजह
1. रेस्पिरेटरी दिक्कतें सबसे ज्यादा बढ़ीं
डॉक्टर के अनुसार इस समय सबसे ज्यादा जो शिकायतें मिल रही हैं, वे हैं लगातार खांसी, गले में जलन, सर्दी-जुकाम, छाती में भारीपन या जकड़न, गाढ़ा कफ बनना.
जिन लोगों को पहले से दमा, ब्रोंकाइटिस या फेफड़ों की अन्य समस्याएं थीं, उनके लक्षण और खराब हो रहे हैं. लेकिन और भी चौंकाने वाली बात यह है कि पूरी तरह स्वस्थ लोग भी पहली बार अस्थमा जैसी परेशानी महसूस कर रहे हैं.
हवा में मौजूद PM2.5 जैसे सूक्ष्म कण सीधे सांस की नलियों में सूजन पैदा करते हैं और फेफड़ों की क्षमता कम कर देते हैं.
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दिल के मरीजों के लिए खतरा दोगुना:
डॉ. अनंत मोहन साफ कहते हैं कि प्रदूषण का असर अब सिर्फ फेफड़ों तक सीमित नहीं रहा. यह दिल की सेहत को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है.
- दिल की धड़कनें असामान्य होना
- अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ जाना
- हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाना
PM2.5 कण खून में घुस जाते हैं और वहां जाकर सूजन बढ़ाते हैं, ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाते हैं और दिल पर एक्स्ट्रा दबाव डालते हैं.
बीमारियां जो कम लोग जानते हैं, लेकिन तेजी से बढ़ रही हैं:
1. ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
हवा का जहरीला स्तर खून को गाढ़ा कर देता है और ब्लड वेसल्स में इंफ्लेमेशन बढ़ाता है. इससे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. डॉक्टरों के मुताबिक, यह समस्या अब दिल्ली-एनसीआर में तेजी से रिपोर्ट हो रही है.
2. स्किन प्रॉब्लम्स बढ़ना
प्रदूषण सिर्फ फेफड़ों और दिल को नहीं, त्वचा को भी गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है. चेहरे पर रैशेज, एक्ज़िमा, खुजली, एलर्जी, पिग्मेंटेशन जैसी दिक्कतें हो रही हैं. ये सभी समस्याएं बढ़ रही हैं क्योंकि हवा में मौजूद केमिकल और धूलकण त्वचा की बाहरी परत को नुकसान पहुंचाते हैं और पोर्स को ब्लॉक कर देते हैं.
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3. आंखों की जलन और इंफेक्शन
डॉक्टरों को इस समय आंखों से जुड़ी शिकायतों में भी तेजी से इजाफा दिखाई दे रहा है, आंखों में जलन, लालपन, खुजली, पानी आना. प्रदूषण में मौजूद गैसें आंखों की नर्मी (mucosa) को नुकसान पहुंचाती हैं.
4. बच्चों और बुजुर्गों के लिए हवा और भी खतरनाक
बच्चों के फेफड़े अभी पूरी तरह विकसित नहीं होते और बुजुर्गों की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. इसी कारण उन्हें, तेज खांसी, बुखार, सांस फूलना, थकान जैसी समस्याएं ज्यादा परेशान कर रही हैं.
दिल्ली की हवा इतनी जहरीली क्यों हो गई?
- पराली जलने का धुआं
- वाहन प्रदूषण
- कंस्ट्रक्शन की धूल
- सर्द मौसम में हवा का नीचे रुक जाना
- इंडस्ट्रियल उत्सर्जन
डॉक्टर अनंत ने बताया कि प्रदूषण को हटाने के लिए हवा का चलना बहुत जरूरी है. लेकिन, दिल्ली में हवा बिल्कुल नहीं है जिससे सारा प्रदूषण एक ही जगह पर रुक जाता है. इसके लिए खुला स्पेस बनाना होगा, जहां अतिक्रमण है उसे हटाना होगा, जहां कंस्ट्रक्शन की जरूरत नहीं वहां ओपन स्पेस क्रिएट करने की जरूरत है. यही सब चीजें हैं जो प्रदूषण लेवल को कम करेंगी.
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ये सभी मिलकर हवा को “गैस चेंबर” जैसी स्थिति में बदल रहे हैं.
कैसे बचें? डॉक्टरों की सीधी सलाह
- सुबह-सुबह बाहर कम निकलें
- N95 मास्क जरूर पहनें
- घर में एयर प्यूरीफायर/ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें
- भाप, अदरक-हल्दी वाले काढ़े और पानी की मात्रा बढ़ाएं
- बच्चों और बुजुर्गों को बाहर खेलने से रोकें.
दिल्ली की हवा सिर्फ खराब नहीं, जानलेवा हो चुकी है. यह समय लक्षणों को नजरअंदाज करने का नहीं, बल्कि गंभीरता से लेने का है.
यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब कई मॉनिटरिंग स्टेशनों ने गंभीर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लेवल रिकॉर्ड किया है, जिसमें वज़ीरपुर (578), ग्रेटर नोएडा में नॉलेज पार्क-5 (553) शामिल हैं. बुधवार सुबह, पूरा इलाका स्मॉग की घनी परत में ढका रहा, जो राजधानी में लंबे समय से चले आ रहे एयर प्रदूषण संकट के बढ़ने का संकेत है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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